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अवैज्ञानिक खनन और अवैध निर्माण पर राजभवन की सख्ती, सीएम सुखविंदर सिंह को संबोधित चिट्ठी में मांगे सरकार से जवाब - shimla news

हिमाचल प्रदेश में प्राकृतिक आपदा के बाद राजभवन ने सख्ती दिखाते हुए राज्य में हो रहे अवैध खनन को लेकर सुक्खू सरकार से रिपोर्ट तलब की है. संबोधित चिट्ठी में पूछा गया है कि अब तक अवैध खनन के मामले में क्या कार्रवाई की गई है?. पढ़ें पूरी खबर.. (Raj Bhavan on illegal Mining in Himachal)

Raj Bhavan asked for report from himachal govt on illegal mining
अवैध खनन पर राजभवन ने सुक्खू सरकार से मांगी रिपोर्ट
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By ETV Bharat Himachal Pradesh Team

Published : Sep 1, 2023, 10:45 PM IST

शिमला: हिमाचल प्रदेश के राज्यपाल शिव प्रताप शुक्ल ने राज्य में हो रहे अवैज्ञानिक खनन और अवैध निर्माण पर चिंता जताते हुए सरकार से रिपोर्ट मांगी है. दरअसल, राजभवन से मुख्यमंत्री सुखविंदर सिंह सुक्खू को सम्बोधित करते हुए भेजे गए पत्र में राज्यपाल ने पूछा है कि राज्य सरकार ने अवैध खनन के मामलों में क्या एक्शन लिया है?. राज्यपाल ने इस बारे में विस्तार से सूचना तलब की है. वहीं, राजभवन से जारी पत्र में कहा गया है कि हिमाचल में मानसून में भारी बारिश से हाल ही में जान-माल का अभूतपूर्व नुकसान हुआ है. इस आपदा से बड़ी संख्या में लोग प्रभावित हुए हैं. पत्र के अनुसार आपदा का एक कारण पहाड़ों और नदियों में अवैध खनन भी हो सकता है. राज्य सरकार ही इस खनन के लिए लाइसेंस देती है. इससे सरकार को राजस्व भी हासिल होता है.

अत्यधिक खनन के कारण हो रहा है भू-क्षरण: राजभवन से जारी पत्र में लिखा गया है कि कुछ सीमावर्ती क्षेत्रों जैसे बद्दी, बरोटीवाला, नालागढ़ और ऊना इत्यादि में यह देखा गया है कि अत्यधिक खनन के कारण भू-क्षरण हो रहा है, इस वजह आयी बाढ़ से भारी क्षति हुई है. कुछ लोग अवैध खनन के कारण पूरे समाज का नुकसान कर देते हैं. आम जनता और सरकार को इसकी दूरगामी कीमत चुकानी पड़ती है. अवैज्ञानिक तरीके के खनन से सरकार को भी राजस्व घाटा होता है. इसलिए मुख्यमंत्री भविष्य में इस तरह की गतिविधियों पर रोक के लिए ठोस कदम उठाएं और बताएं कि सरकार की इस बारे में क्या योजना है? इसकी जानकारी राजभवन को दी जाए.

पत्र आने के बाद सरकारी महकमे में मची हलचल: राज्यपाल ने यह भी पूछा है कि वर्तमान में राज्य में खनन के लिए कितने लाइसेंस जारी किए गए हैं. अब तक अवैध खनन के मामले में क्या कार्रवाई की गई है? वहीं, एक अन्य पत्र में राज्यपाल ने कहा है कि इस बार जान माल के हुए नुकसान का एक कारण पहाड़ों और नदियों के किनारे नियमों को दरकिनार कर किया गया भवन निर्माण भी है. भवन निर्माण की अनुमति सरकार द्वारा नियम अनुसार दी जाती है, लेकिन फिर भी अवैध निर्माण हो रहा है. इस निर्माण से पहले भूमि परीक्षण भी नहीं करवाया जाता है, जिस कारण जमीन के धंसने की स्थिति में जानी नुकसान भी होता है, मकान भी ढह जाते हैं. राजभवन ने कहा है कि संबंधित विभाग को इस बारे में उचित दिशा निर्देश दें और इस कार्रवाई की सूचना राज्यपाल को भी भेजी जाए. राजभवन से पत्र आने के बाद सरकारी महकमा में हलचल मच गई है.

ये भी पढ़ें: आपदा प्रभावित लोगों को लोन में ब्याज में छूट देगी हिमाचल सरकार, ये रहेगी ब्याज माफी की पात्रता

शिमला: हिमाचल प्रदेश के राज्यपाल शिव प्रताप शुक्ल ने राज्य में हो रहे अवैज्ञानिक खनन और अवैध निर्माण पर चिंता जताते हुए सरकार से रिपोर्ट मांगी है. दरअसल, राजभवन से मुख्यमंत्री सुखविंदर सिंह सुक्खू को सम्बोधित करते हुए भेजे गए पत्र में राज्यपाल ने पूछा है कि राज्य सरकार ने अवैध खनन के मामलों में क्या एक्शन लिया है?. राज्यपाल ने इस बारे में विस्तार से सूचना तलब की है. वहीं, राजभवन से जारी पत्र में कहा गया है कि हिमाचल में मानसून में भारी बारिश से हाल ही में जान-माल का अभूतपूर्व नुकसान हुआ है. इस आपदा से बड़ी संख्या में लोग प्रभावित हुए हैं. पत्र के अनुसार आपदा का एक कारण पहाड़ों और नदियों में अवैध खनन भी हो सकता है. राज्य सरकार ही इस खनन के लिए लाइसेंस देती है. इससे सरकार को राजस्व भी हासिल होता है.

अत्यधिक खनन के कारण हो रहा है भू-क्षरण: राजभवन से जारी पत्र में लिखा गया है कि कुछ सीमावर्ती क्षेत्रों जैसे बद्दी, बरोटीवाला, नालागढ़ और ऊना इत्यादि में यह देखा गया है कि अत्यधिक खनन के कारण भू-क्षरण हो रहा है, इस वजह आयी बाढ़ से भारी क्षति हुई है. कुछ लोग अवैध खनन के कारण पूरे समाज का नुकसान कर देते हैं. आम जनता और सरकार को इसकी दूरगामी कीमत चुकानी पड़ती है. अवैज्ञानिक तरीके के खनन से सरकार को भी राजस्व घाटा होता है. इसलिए मुख्यमंत्री भविष्य में इस तरह की गतिविधियों पर रोक के लिए ठोस कदम उठाएं और बताएं कि सरकार की इस बारे में क्या योजना है? इसकी जानकारी राजभवन को दी जाए.

पत्र आने के बाद सरकारी महकमे में मची हलचल: राज्यपाल ने यह भी पूछा है कि वर्तमान में राज्य में खनन के लिए कितने लाइसेंस जारी किए गए हैं. अब तक अवैध खनन के मामले में क्या कार्रवाई की गई है? वहीं, एक अन्य पत्र में राज्यपाल ने कहा है कि इस बार जान माल के हुए नुकसान का एक कारण पहाड़ों और नदियों के किनारे नियमों को दरकिनार कर किया गया भवन निर्माण भी है. भवन निर्माण की अनुमति सरकार द्वारा नियम अनुसार दी जाती है, लेकिन फिर भी अवैध निर्माण हो रहा है. इस निर्माण से पहले भूमि परीक्षण भी नहीं करवाया जाता है, जिस कारण जमीन के धंसने की स्थिति में जानी नुकसान भी होता है, मकान भी ढह जाते हैं. राजभवन ने कहा है कि संबंधित विभाग को इस बारे में उचित दिशा निर्देश दें और इस कार्रवाई की सूचना राज्यपाल को भी भेजी जाए. राजभवन से पत्र आने के बाद सरकारी महकमा में हलचल मच गई है.

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