शिमला: केंद्र की मोदी सरकार ने दो हजार के नोट बंद करने का ऐलान किया है. हालांकि अभी 30 सितंबर तक ये नोट प्रचलन में रहेगा. इस डेडलाइन तक कोई भी व्यक्ति अपने दो हजार के नोट बैंकों में जमा करवा सकता है. इस बार की नोटबंदी का कोई ज्यादा फर्क नहीं पड़ेगा, ऐसा लोगों का मानना है. इसकी एक वजह यह भी है कि दो हजार के नोट बाजार में बहुत कम हैं. अधिकतर लोगों का कहना है कि दो हजार के नोट बंद करने से आम लोगों को कोई दिक्कत नहीं होगी, इससे उन लोगों को दिक्कत हो सकती है, जिन्होंने ब्लैक मनी रखा है.
फैसले को सही मान रहे कारोबारी: मोदी सरकार ने दो हजार नोट बंदी को लेकर लोगों का मानना है कि इन नोटों को एकदम पूरी तरह से बंद नहीं किया गया है, 30 सितंबर तक इन नोटों को इस्तेमाल कर सकते हैं और इस तारीख तक लोग इनको बैंकों में जमा करवा सकते हैं. वहीं दो हजार के नोट वैसे भी बाजार में बहुत कम देखे जा रहे हैं, जिससे आम आदमी के पास बहुत कम ही ये नोट हैं. ऐसे में बैंकों में इनको जमा करवाने के लिए भी वक्त मिल जाएगा और लोगों को कतारों में भी खड़ा नहीं होना पड़ेगा. अधिकतर कारोबारी इस फैसले को सही मान रहे है.
दो हजार का नोट बड़ा था, दुकानदारों को रही थी दिक्कत: कारोबारी रिंकू ठाकुर का कहना है कि दो हजार के नोट बड़े थे और जब कभी लोग इन नोटों को लेकर दुकानों में पहुंचते थे तो दुकानदारों को इनके बदले खुदरा नोट देना संभव नहीं हो पाता था. अब 500 या इससे छोटे नोट ही ग्राहक दुकानों में लाएंगे. ऐसे में इसको बंद करना सही है. वहीं जिन लोगों के पास ब्लैक मनी है, वह सरकार के इस फैसले से खत्म हो जाएगा.
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