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सरपारा में पर्यटन की अपार संभावनाएं, लोगों ने की विकसित करने की मांग

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Published : Aug 6, 2019, 1:19 PM IST

सरपारा गांव में पर्यटन की अपार संभावनाएं हैं और इसे विकसित करने की जरूरत है. सरपारा का मुख्य आकर्षण यहां की 9 नाग झील है.

सरपारा

शिमला/रामपुर: ऊपरी हिमाचल पर्यटन की दृष्टि से अपनी एक अलग पहचान रखता है. वहीं, दूरदराज के दुर्गम क्षेत्र में भी पर्यटन को विकसित किया जा सकता है. रामपुर उपमंडल के सरपारा गांव प्रकृति की गोद में बसा मनोभाव पर्यटन स्थल अभी तक अछूता है.

बता दें कि सरपारा गांव में पर्यटन की अपार संभावनाएं हैं और इसे विकसित करने की जरूरत है. सरपारा का मुख्य आकर्षण यहां की 9 नाग झील है, जिसका सौंदर्यकरण करने का काम जोरों पर चल रहा है. इस स्थान को पर्यटन की दृष्टि से विकसित करने की झील के पास हिमाचल पर्यटन विभाग निगम की ओर से एक अदद विश्रामगृह भी बनाया गया है, जिसका जिम्मा मंदिर कमेटी को सौंपा गया है, लेकिन सुविधाओं का अभाव होने के कारण यहां पर इक्का-दुक्का ही सैलानी रहने के लिए आते हैं.

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ये भी पढ़ें-J&K से धारा-370 और 35ए हटने के बाद हिमाचल में अलर्ट जारी, DGP ने दिए निर्देश

स्थानीय निवासी एवं समाजसेवी आत्माराम का कहना है कि यहां की 9 नाग झील का पौराणिक महत्व है. मान्यता है कि इस झील में स्थित कुंड से नो नागों की उत्पत्ति हुई थी, किसी कारणवश उनकी मां गायब हो गई थी. जोकि 1 महीने 3 दिन के बाद सरपारा में प्रकट हुई. उसी के प्रकट होने की खुशी में 12 सावन को यहां पर मेले का आयोजन किया जाता है.

आत्माराम ने बताया कि रामपुर बुशहर के भिन्न-भिन्न स्थानों पर 9 नागों की प्रतिष्ठित किया गया. मंदिर में आज भी उनकी पूजा की जाती है. इसके अलावा यहां से विश्व प्रसिद्ध श्रीखंड महादेव यात्रा के लिए देश-विदेश से भक्त हर साल आते हैं.

सरपारा

स्थानीय लोगों का कहना है कि श्रीखंड के लिए सरपारा होकर सुरक्षित बेस कैंप साबित हो सकता है. यहां से श्रीखंड महादेव तक का आना-जाना मात्र 24 घंटे में पूरा हो जाता है. स्थानीय लोग अक्सर इस छोटे व सुरक्षित मार्ग से जाते हैं इसीलिए भी सरपारा की अहमियत का अंदाजा लगाया जा सकता है.

ये भी पढ़ें-रामपुर में HRTC पीस मील वर्कर्स ने किया धरना प्रदर्शन, प्रदेश सरकार के खिलाफ की जमकर नारेबाजी

शिमला/रामपुर: ऊपरी हिमाचल पर्यटन की दृष्टि से अपनी एक अलग पहचान रखता है. वहीं, दूरदराज के दुर्गम क्षेत्र में भी पर्यटन को विकसित किया जा सकता है. रामपुर उपमंडल के सरपारा गांव प्रकृति की गोद में बसा मनोभाव पर्यटन स्थल अभी तक अछूता है.

बता दें कि सरपारा गांव में पर्यटन की अपार संभावनाएं हैं और इसे विकसित करने की जरूरत है. सरपारा का मुख्य आकर्षण यहां की 9 नाग झील है, जिसका सौंदर्यकरण करने का काम जोरों पर चल रहा है. इस स्थान को पर्यटन की दृष्टि से विकसित करने की झील के पास हिमाचल पर्यटन विभाग निगम की ओर से एक अदद विश्रामगृह भी बनाया गया है, जिसका जिम्मा मंदिर कमेटी को सौंपा गया है, लेकिन सुविधाओं का अभाव होने के कारण यहां पर इक्का-दुक्का ही सैलानी रहने के लिए आते हैं.

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स्थानीय निवासी एवं समाजसेवी आत्माराम का कहना है कि यहां की 9 नाग झील का पौराणिक महत्व है. मान्यता है कि इस झील में स्थित कुंड से नो नागों की उत्पत्ति हुई थी, किसी कारणवश उनकी मां गायब हो गई थी. जोकि 1 महीने 3 दिन के बाद सरपारा में प्रकट हुई. उसी के प्रकट होने की खुशी में 12 सावन को यहां पर मेले का आयोजन किया जाता है.

आत्माराम ने बताया कि रामपुर बुशहर के भिन्न-भिन्न स्थानों पर 9 नागों की प्रतिष्ठित किया गया. मंदिर में आज भी उनकी पूजा की जाती है. इसके अलावा यहां से विश्व प्रसिद्ध श्रीखंड महादेव यात्रा के लिए देश-विदेश से भक्त हर साल आते हैं.

सरपारा

स्थानीय लोगों का कहना है कि श्रीखंड के लिए सरपारा होकर सुरक्षित बेस कैंप साबित हो सकता है. यहां से श्रीखंड महादेव तक का आना-जाना मात्र 24 घंटे में पूरा हो जाता है. स्थानीय लोग अक्सर इस छोटे व सुरक्षित मार्ग से जाते हैं इसीलिए भी सरपारा की अहमियत का अंदाजा लगाया जा सकता है.

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Intro:रामपुर बुशहर 6अगस्त मीनाक्षी


Body:यूं तो ऊपरी हिमाचल पर्यटन की दृष्टि से अपनी एक अलग पहचान रखता है लेकिन दूरदराज के दुर्गम क्षेत्र में भी पर्यटन को विकसित किया जा सकता है।
ऐसा ही स्थानों में 15 / 20 क्षेत्र का सरपारा गांव प्रकृति की गोद में बसा मनोभाव पर्यटन स्थल अभी तक अछूता है लेकिन यहां पर्यटन की अपार संभावनाओं को देखते हुए इसे विकसित करने की जरूरत है सरपारा का मुख्य आकर्षण यहां की 9 नाग झील है जिसका सौंदर्यकरण करने का काम जोरों पर चल रहा है।
स्थानीय निवासी एवं समाजसेवी आत्माराम का कहना है कि यहां की नो नाग जी का पौराणिक महत्व है इस झील में स्थित कुंड से नो नागों की उत्पत्ति हुई थी किसी कारणवश उनकी मां गायब हो गई थी जो कि 1 माह 3 दिन के बाद सरपारा में प्रकट हुई उसी के प्रकट होने की खुशी में 12 सावन को यहां पर मेले का आयोजन किया जाता है । आज रामपुर बुशहर के भिन्न-भिन्न स्थानों पर नो नागो की प्रतिष्ठित किया गया मंदिर में आज भी उनकी पूजा की जाती है। इसके अलावा यहां से विश्वप्रसिद्ध श्रीखंड महादेव यात्रा के लिए देश-विदेश से भक्त
हर साल आते हैं ।
स्थानीय लोगों का कहना है कि श्रीखंड के लिए सरपारा होकर सुरक्षित बेस कैंप साबित हो सकता है क्योंकि यहां से श्रीखंड महादेव तक का आना-जाना मात्र 24 घंटे में पूरा हो जाता है।
स्थानीय लोग अक्सर इस छोटे एवं सुरक्षित मार्ग का प्रयोग करते हैं इसीलिए भी सरपारा की अहमियत का अंदाजा लगाया जा सकता है जरूरत है कि इस स्थान को पर्यटन की दृष्टि से विकसित करने की वैसे तो झील के निकट हिमाचल पर्यटन विभाग निगम की ओर से एक अदद विश्रामगृह भी बनाया गया है जिसका जिम्मा मंदिर कमेटी को सौंपा गया है लेकिन सुविधाओं का अभाव होने के कारण यहां पर इक्का-दुक्का ही सैलानी रहने के लिए आते हैं ।


बाईटः स्थानिय निवासी सरपारा ।




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