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'Check Your Hearing' थीम पर शिमला में कार्यक्रम आयोजित, बहरेपन से इस तरह किया जा सकता है बचाव

वर्ल्ड हियरिंग डे के मौके पर शिमला में चेक योर हियरिंग थीम पर कार्यक्रम आयोजित. विशेषज्ञों ने लोगों को बहरेपन से बचने के उपाय. एम्स के रिहेबिलेटेशन यूनिट स्पीच एंड हियरिंग के पूर्व चेयरमैन थे मुख्य अतिथि.

वर्ल्ड हियरिंग डे के मौके पर शिमला में चेक योर हियरिंग थीम पर कार्यक्रम आयोजित
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Published : Mar 3, 2019, 7:11 PM IST

शिमला: वर्ल्ड हियरिंग डे के मौके पर राष्ट्रीय स्वास्थ्य मिशन और स्वास्थ्य एवं परिवार कल्याण विभाग द्वारा शिमला में चेक योर हियरिंग विषय पर कार्यक्रम का आयोजन किया गया. कार्यक्रम में विशेषज्ञों ने लोगों को सुनाई न देने की बीमारी को लेकर जागरूक किया. साथ ही बीमारी से बचने के उपाय भी बताए.

वर्ल्ड हियरिंग डे के मौके पर शिमला में चेक योर हियरिंग थीम पर कार्यक्रम आयोजित

कार्यक्रम में मुख्य अतिथि के रूप में मौजूद अखिल भारतीय आयुर्विज्ञान चिकित्सा संस्थान नई दिल्ली के रिहेबिलेटेशन यूनिट स्पीच एंड हियरिंग के पूर्व चेयरमैन डॉ. ब्रिज मोहन अबरोल ने बताया कि आज के समय में चिकित्सा विज्ञान ने सुनाई न देने की बीमारी से ग्रसित छोटे और बड़ों के इलाज के लिए नई-नई तकनीकों की खोज कर ली है. बीमारी का समय पर पता चलने पर सफलतापूर्वक इलाज किया जा रहा है ताकि बीमार व्यक्ति सामान्य जीवन जी सकें.

world hearing day programme in shimla
वर्ल्ड हियरिंग डे के मौके पर शिमला में चेक योर हियरिंग थीम पर कार्यक्रम आयोजित

डॉ. ब्रिज मोहन ने बताया कि नई तकनीक से जन्म से बहरे बच्चों का भी सफलतापूर्वक इलाज किया जा सकता है. साथ ही हियरिंग प्रॉब्लम वाले लोगों को मशीनें भी उपलब्ध करवाई जाती है. उन्होंने कहा कि बीमारी का समय पर जांच होने से इसका इलाज करना आसान हो जाता है.

उन्होंनेबताया की इस बीमारी से लड़ने के लिए हमें समाज में जागरूकता लानी होगी ताकि इस बीमारी को समाप्त किया जा सके.वहीं हिमाचल प्रदेश स्वास्थ्य एवं परिवार कल्याण विभाग के निदेशक डॉ. अजय कुमार गुप्ता ने बताया की वर्ल्ड हियरिंग डे परकार्यक्रम आयोजित करवाने का उद्देश्य आम लोगों के बीच इस बीमारी से जुड़ी जानकारी को ज्यादा से ज्यादा फैलाई जा सके. माता पिताइस बीमारी से ग्रसित बच्चों की समय पर पहचान और जांच करवानी चाहिए ताकि इस बीमारी का समय पर इलाज किया जा सके.

वहीं विशेषज्ञों का कहना है कि आज कल ईयरफोन का प्रयोग भी बहरेपन की वजह बनता जा रहा है. ज्यादा देर तक ईयरफोन का प्रयोग करने से कान में इंफेक्शन, कान सुन्न पड़ जाना और दिमाग की फंक्शनिंग पर इसका गंभीर असर पड़ता है.

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शिमला: वर्ल्ड हियरिंग डे के मौके पर राष्ट्रीय स्वास्थ्य मिशन और स्वास्थ्य एवं परिवार कल्याण विभाग द्वारा शिमला में चेक योर हियरिंग विषय पर कार्यक्रम का आयोजन किया गया. कार्यक्रम में विशेषज्ञों ने लोगों को सुनाई न देने की बीमारी को लेकर जागरूक किया. साथ ही बीमारी से बचने के उपाय भी बताए.

वर्ल्ड हियरिंग डे के मौके पर शिमला में चेक योर हियरिंग थीम पर कार्यक्रम आयोजित

कार्यक्रम में मुख्य अतिथि के रूप में मौजूद अखिल भारतीय आयुर्विज्ञान चिकित्सा संस्थान नई दिल्ली के रिहेबिलेटेशन यूनिट स्पीच एंड हियरिंग के पूर्व चेयरमैन डॉ. ब्रिज मोहन अबरोल ने बताया कि आज के समय में चिकित्सा विज्ञान ने सुनाई न देने की बीमारी से ग्रसित छोटे और बड़ों के इलाज के लिए नई-नई तकनीकों की खोज कर ली है. बीमारी का समय पर पता चलने पर सफलतापूर्वक इलाज किया जा रहा है ताकि बीमार व्यक्ति सामान्य जीवन जी सकें.

world hearing day programme in shimla
वर्ल्ड हियरिंग डे के मौके पर शिमला में चेक योर हियरिंग थीम पर कार्यक्रम आयोजित

डॉ. ब्रिज मोहन ने बताया कि नई तकनीक से जन्म से बहरे बच्चों का भी सफलतापूर्वक इलाज किया जा सकता है. साथ ही हियरिंग प्रॉब्लम वाले लोगों को मशीनें भी उपलब्ध करवाई जाती है. उन्होंने कहा कि बीमारी का समय पर जांच होने से इसका इलाज करना आसान हो जाता है.

उन्होंनेबताया की इस बीमारी से लड़ने के लिए हमें समाज में जागरूकता लानी होगी ताकि इस बीमारी को समाप्त किया जा सके.वहीं हिमाचल प्रदेश स्वास्थ्य एवं परिवार कल्याण विभाग के निदेशक डॉ. अजय कुमार गुप्ता ने बताया की वर्ल्ड हियरिंग डे परकार्यक्रम आयोजित करवाने का उद्देश्य आम लोगों के बीच इस बीमारी से जुड़ी जानकारी को ज्यादा से ज्यादा फैलाई जा सके. माता पिताइस बीमारी से ग्रसित बच्चों की समय पर पहचान और जांच करवानी चाहिए ताकि इस बीमारी का समय पर इलाज किया जा सके.

वहीं विशेषज्ञों का कहना है कि आज कल ईयरफोन का प्रयोग भी बहरेपन की वजह बनता जा रहा है. ज्यादा देर तक ईयरफोन का प्रयोग करने से कान में इंफेक्शन, कान सुन्न पड़ जाना और दिमाग की फंक्शनिंग पर इसका गंभीर असर पड़ता है.

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वार्ड   हियरिंग डे : शिमला में   सुनाई न देने की बीमारी को लेकर किया जागरूक , बीमारी से बचने के बताए उपाय  

शिमला ! वार्ड   हियरिंग डे के पर शिमला में राष्ट्रिय स्वास्थ्य मिशन हिमाचल प्रदेश और स्वास्थ्य और परिवार कल्याण विभाग जिला शिमला द्वारा चेक योर हियरिंग विषय पर एक कार्यक्रम का आयोजन किया गया . 
इस अबसर पर अखिल भारतीय आयुर्विज्ञान चिकित्सा संस्थान नई दिल्ली के रिहेविलिटेशन यूनिट स्पीच एंड हियरिंग के पूर्व चेयरमैन डॉ ब्रिज मोहन अबरोल मुख्य अतिथि के रूप में शिरकत की और लोगो को  सुनाई न देने की बिमारी  को लेकर जागरूक किया और इस बीमारी से बचने के उपाय भी बताए !   डॉ ब्रिज मोहन अबरोल  ने बताया की आज के समय में चिकित्सा विज्ञान ने सुनाई ना देना की बीमारी से ग्रसित ग्रसित बच्चो के ईलाज के लिए नई नई तकनीकों की खोज कर ली हे और एसे बच्चो का वीमारी का समय पर पता चलने पर सफलतापूर्वक ईलाज किया जा रहा हे ताकि एसे बच्चे एक सामान्य जीवन जी सके . उन्होंने  बताया की इस बीमारी  से लड़ने के लिए हमें आज के समय में अपने समाज में जागरूकता लानी होगी ताकि इस वीमारी को समाप्त किया जा सके . 


वंही इस अबसर पर हिमाचल प्रदेश स्वास्थ्य एवं परिवार कल्याण विभाग के निदेशक डॉ. अजय कुमार गुप्ता ने पत्रकारों से बातचीत करते हुए बताया की वर्ल्ड हियरिंग डे के अबसर पर  आज इस कार्यक्रम का आयोजन किया गया हे और इसको आयोजित करवाने का उदेश्य आम लोगो के बीच इस बीमारी से जुडी जानकारी का जायदा से जयादा प्रचार प्रसार करना हे और माता पिता  को इस बीमारी से ग्रसित बच्चों की समय पर पहचान और जांच करवानी चाहिए ताकि इस वीमारी का समय पर ईलाज किया जा सके . 





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