ETV Bharat / state

शिमला गेयटी थियेटर में कार्यक्रम: पारंपरिक वाद्य यंत्रों की झलक दिखी

author img

By

Published : Feb 26, 2022, 8:58 PM IST

प्रदेश की संस्कृति के संरक्षण व संवर्धन तथा युवाओं की इसमें भागीदारी सुनिश्चित करने के लिए ऐसे आयोजन अत्यंत महत्वपूर्ण है. यह बात आज पदमश्री विद्यानंद सरैक (Padmashri Vidyanand Saraik)वरिष्ठ लोक संगीतज्ञ, साहित्यकार द्वारा आज़ादी के अमृत महोत्सव के उपलक्ष्य में भाषा एवं संस्कृति विभाग द्वारा आयोजित जिला स्तरीय लोक नृत्य तथा वाद्य यंत्र प्रतियोगिता के ऐतिहासिक गेयटी थियेटर में (Program at Shimla Gaiety Theater)समापन अवसर पर कही.

Program at Shimla Gaiety Theater
शिमला ऐतिहासिक गेयटी थियेटर

शिमला: प्रदेश की संस्कृति के संरक्षण व संवर्धन तथा युवाओं की इसमें भागीदारी सुनिश्चित करने के लिए ऐसे आयोजन अत्यंत महत्वपूर्ण है. यह बात आज पदमश्री विद्यानंद सरैक (Padmashri Vidyanand Saraik)वरिष्ठ लोक संगीतज्ञ, साहित्यकार द्वारा आज़ादी के अमृत महोत्सव के उपलक्ष्य में भाषा एवं संस्कृति विभाग द्वारा आयोजित जिला स्तरीय लोक नृत्य तथा वाद्य यंत्र प्रतियोगिता के ऐतिहासिक गेयटी थियेटर में (Program at Shimla Gaiety Theater)समापन अवसर पर कही.


उन्होंने कहा कि प्रदेश की संस्कृति के प्रसार तथा नवोदित कलाकारों व उदयमान प्रतिभाओं को मंच प्रदान करने के लिए भाषा एवं संस्कृति विभाग जिला शिमला द्वारा आए 10 लोक नृत्य दलों तथा 7 वाद्य यंत्रों के समागम का यह अनूठा पर्व है. उन्होंने कहा कि ऐसे आयोजनों में शामिल होकर कलाकारों में जहां प्रतिस्पर्धा की भावना पैदा होती.वहीं, लोक संस्कृति के प्रति उनकी समझ में परिपक्वता आती है. उन्होंने कहा कि आज की युवा पीढ़ी पश्चिमी सभ्यता की तरफ आकर्षित हो रही .वहीं, इन सांस्कृतिक कार्यक्रमों के द्वारा हम अपनी युवा पीढ़ी को अपनी संस्कृति की ओर आकर्षित करेंगे. वहीं ,हम अपने समृद्ध सांस्कृतिक विरासत को भी संजोए रखेंगे.


इस दौरान जयश्वरी सांस्कृतिक दल जैस घाटी ठियोेग, सरस्वती कला मंच ठियोग, जयदेव कुर्गण सांस्कृतिक दल सुन्नी, महासु युवक सांस्कृतिक मंडल कैदी नेरवा, चूड़धार कलामंच कांडा बनाह कुपवी, मानेश्वर सांस्कृतिक दल मानन ठियोग, चेहता सांस्कृतिक दल पंज बईया कुपवी, भगवती सांस्कृतिक दल शण्ठा चैपाल, शिव रंजनी सांस्कृतिक दल बलग, मानेश्वर लोक नृत्य दल मानन ठियोग तथा वाद्य यंत्र दल जय बिजट महाराज सांस्कृतिक कला मंच शाकवी कुपवी, सोगेशर कला मंच बरवोग फागु, सरस्वती वाद्य यंत्र दल ठियोग, वाद्य दल कैदी नेरवा, देवता बेन्द्रा वाद्य यंत्र दल कोटखाई, कुटेश्वरी सांस्कृतिक दल नेहरा ठियोग, लोटस वेलफेयर सोसायटी ठियोग एवं स्वर संगम करयाला कला मंच शिमला द्वारा करयाला की प्रस्तुति दी गई.


कार्यक्रम के शुभारंभ अवसर पर विशिष्ट अतिथि सचिव भाषा एवं संस्कृति राकेश कंवर तथा भाषा एवं संस्कृति निदेशक डाॅ. पंकज ललित उपस्थित थे. इस दौरान मुख्यातिथि द्वारा प्रतियोगिता में आए प्रथम स्थान पर जयदेव कुर्गण सांस्कृतिक दल सुन्नी, द्वितीय स्थान पर भगवती सांस्कृतिक दल शण्ठा चैपाल तथा तृतीय स्थान पर महासु युवक सांस्कृतिक मंडल कैदी नेरवा व सरस्वती कला मंच ठियोग के कलाकारों तथा वाद्य यंत्र में प्रथम स्थान पर सरस्वती कला मंच ठियोग, द्वितीय स्थान पर कुटेश्वरी सांस्कृतिक दल नेहरा ठियोग तथा तृतीय स्थान पर वाद्य यंत्र दल जय बिजट महाराज सांस्कृतिक कला मंच शाकवी कुपवी के कलाकारों को सम्मानित किया गया.

ये भी पढ़ें :भाजपा हवाई अड्डों को कॉरपोरेट परस्त नीतियां बनाकर बेच रही, बल्ह में भी ऐसा ही होगाः ओंकार शाद

शिमला: प्रदेश की संस्कृति के संरक्षण व संवर्धन तथा युवाओं की इसमें भागीदारी सुनिश्चित करने के लिए ऐसे आयोजन अत्यंत महत्वपूर्ण है. यह बात आज पदमश्री विद्यानंद सरैक (Padmashri Vidyanand Saraik)वरिष्ठ लोक संगीतज्ञ, साहित्यकार द्वारा आज़ादी के अमृत महोत्सव के उपलक्ष्य में भाषा एवं संस्कृति विभाग द्वारा आयोजित जिला स्तरीय लोक नृत्य तथा वाद्य यंत्र प्रतियोगिता के ऐतिहासिक गेयटी थियेटर में (Program at Shimla Gaiety Theater)समापन अवसर पर कही.


उन्होंने कहा कि प्रदेश की संस्कृति के प्रसार तथा नवोदित कलाकारों व उदयमान प्रतिभाओं को मंच प्रदान करने के लिए भाषा एवं संस्कृति विभाग जिला शिमला द्वारा आए 10 लोक नृत्य दलों तथा 7 वाद्य यंत्रों के समागम का यह अनूठा पर्व है. उन्होंने कहा कि ऐसे आयोजनों में शामिल होकर कलाकारों में जहां प्रतिस्पर्धा की भावना पैदा होती.वहीं, लोक संस्कृति के प्रति उनकी समझ में परिपक्वता आती है. उन्होंने कहा कि आज की युवा पीढ़ी पश्चिमी सभ्यता की तरफ आकर्षित हो रही .वहीं, इन सांस्कृतिक कार्यक्रमों के द्वारा हम अपनी युवा पीढ़ी को अपनी संस्कृति की ओर आकर्षित करेंगे. वहीं ,हम अपने समृद्ध सांस्कृतिक विरासत को भी संजोए रखेंगे.


इस दौरान जयश्वरी सांस्कृतिक दल जैस घाटी ठियोेग, सरस्वती कला मंच ठियोग, जयदेव कुर्गण सांस्कृतिक दल सुन्नी, महासु युवक सांस्कृतिक मंडल कैदी नेरवा, चूड़धार कलामंच कांडा बनाह कुपवी, मानेश्वर सांस्कृतिक दल मानन ठियोग, चेहता सांस्कृतिक दल पंज बईया कुपवी, भगवती सांस्कृतिक दल शण्ठा चैपाल, शिव रंजनी सांस्कृतिक दल बलग, मानेश्वर लोक नृत्य दल मानन ठियोग तथा वाद्य यंत्र दल जय बिजट महाराज सांस्कृतिक कला मंच शाकवी कुपवी, सोगेशर कला मंच बरवोग फागु, सरस्वती वाद्य यंत्र दल ठियोग, वाद्य दल कैदी नेरवा, देवता बेन्द्रा वाद्य यंत्र दल कोटखाई, कुटेश्वरी सांस्कृतिक दल नेहरा ठियोग, लोटस वेलफेयर सोसायटी ठियोग एवं स्वर संगम करयाला कला मंच शिमला द्वारा करयाला की प्रस्तुति दी गई.


कार्यक्रम के शुभारंभ अवसर पर विशिष्ट अतिथि सचिव भाषा एवं संस्कृति राकेश कंवर तथा भाषा एवं संस्कृति निदेशक डाॅ. पंकज ललित उपस्थित थे. इस दौरान मुख्यातिथि द्वारा प्रतियोगिता में आए प्रथम स्थान पर जयदेव कुर्गण सांस्कृतिक दल सुन्नी, द्वितीय स्थान पर भगवती सांस्कृतिक दल शण्ठा चैपाल तथा तृतीय स्थान पर महासु युवक सांस्कृतिक मंडल कैदी नेरवा व सरस्वती कला मंच ठियोग के कलाकारों तथा वाद्य यंत्र में प्रथम स्थान पर सरस्वती कला मंच ठियोग, द्वितीय स्थान पर कुटेश्वरी सांस्कृतिक दल नेहरा ठियोग तथा तृतीय स्थान पर वाद्य यंत्र दल जय बिजट महाराज सांस्कृतिक कला मंच शाकवी कुपवी के कलाकारों को सम्मानित किया गया.

ये भी पढ़ें :भाजपा हवाई अड्डों को कॉरपोरेट परस्त नीतियां बनाकर बेच रही, बल्ह में भी ऐसा ही होगाः ओंकार शाद

ETV Bharat Logo

Copyright © 2024 Ushodaya Enterprises Pvt. Ltd., All Rights Reserved.