बद्दी/शिमला: भारत के पैनेसिया बायोटेक ने हिमाचल प्रदेश के बद्दी में रूस की स्पूत्निक वी कोविड-19 वैक्सीन का उत्पादन शुरू कर दिया है. सोमवार को घोषणा करते हुए रूसी प्रत्यक्ष निवेश कोष (आरडीआईएफ) ने कहा कि आरडीआईएफ और भारत में अग्रणी वैक्सीन और फार्मास्युटिकल उत्पादकों में से एक, पैनासिया बायोटेक ने आज वैक्सीन का उत्पादन शुरू कर दिया है.
जबकि बद्दी के पैनेसिया बायोटेक में तैयार की गई वैक्सीन की पहली खेप को क्वालिटी चेक के लिए गमालेया सेंटर भेजा जाएगा. इसके बाद आगामी कुछ महीनों में वैक्सीन का उत्पादन बड़े पैमाने पर शुरू किया जाएगा.
भारत के अलावा अन्य देशों को भी निर्यात की जाएगी वैक्सीन
आरडीआईएफ के सीइओ किरिल दिमित्रीव का कहना है कि भारत में कोरोना महामारी तेजी से फैल रही है. ऐसे में स्पूत्निक वी वैक्सीन के डोज जल्द से जल्द तैयार किए जाएंगे. वैक्सीन को भारत के अलावा अन्य देशों को भी निर्यात किया जाएगा. ताकि संक्रमण को फैलने के रोका जा सके.
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BREAKING: RDIF and Panacea Biotec launch the production of Sputnik V in India. #India's @PanaceaBiotec now to produce 100 million doses of #SputnikV per year
— Sputnik V (@sputnikvaccine) May 24, 2021 " class="align-text-top noRightClick twitterSection" data="
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100 मिलियन डोज का उत्पादन
कंपनी की फैसिलिटी जीएमपी मानकों का अनुपालन करती हैं. स्पूत्निक-V को 12 अप्रैल 2021 को आपातकालीन उपयोग के तहत भारत में पंजीकृत किया गया था. कोरोना से लड़ाई में रूसी वैक्सीन का उपयोग भारत में 14 मई से शुरू किया गया था. आरडीआईएफ और पैनसिया ने स्पूत्निक-V की प्रति वर्ष 100 मिलियन खुराक का उत्पादन करने पर सहमति व्यक्त की है.
स्पूत्निक वी, कोरोना वायरस के खिलाफ दुनिया का पहला पंजीकृत टीका गमलेया नेशनल रिसर्च इंस्टीट्यूट ऑफ एपिडेमियोलॉजी एंड माइक्रोबायोलॉजी ने विकसित किया गया था. इस टीके को आरडीआईएफ ने बाजार में उतारा था.
स्पूत्निक वी के इमरजेंसी उपयोग की मिली है अनुमति
स्पूत्निक वैक्सीन को भारत में इमरजेंसी उपयोग की अनुमति मिलने के बाद डॉ रेड्डी लैबोरेटरीज ने पिछले सप्ताह वैक्सीन का सॉफ्ट लॉन्च शुरू किया था. समझौते के अनुसार पैनेसिया बायोटेक हर साल स्पूत्निक वी की 10 करोड़ खुराक का उत्पादन करेगी. स्पूत्निक वैक्सीन के असर की बात करें तो यह भारत की अन्य दो वैक्सीन से कहीं आगे है. इसका असर 97.6 प्रतिशत के करीब है. आरडीआईएफ के एक बयान में कहा गया है कि 320 करोड़ से अधिक लोगों की कुल आबादी वाले 66 देशों में इसे पंजीकृत किया गया है.
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