ETV Bharat / state

मानसून सत्र: कोरोना पर चर्चा से नोक झोंक भरा रहा दूसरा दिन, विपक्ष ने किया वॉकआउट - Himachal news

हंगामें और सत्तापक्ष व विपक्ष में नोक-झोंक के बीच कोरोना महामारी को लेकर दूसरे दिन भी सदन में चर्चा जारी रही. कांग्रेस के कुछ विधायकों को चर्चा में शामिल करने की इजाजत नहीं मिलने के बाद कांग्रेस ने नारेबाजी करते हुए सदन से वॉकआउट कर दिया.

2nd day of himachal assembly Proceedings
2nd day of himachal assembly Proceedings
author img

By

Published : Sep 8, 2020, 10:28 PM IST

शिमला: हंगामें और सत्तापक्ष व विपक्ष में नोक-झोंक के बीच कोरोना महामारी को लेकर दूसरे दिन भी सदन में चर्चा जारी रही. कांग्रेस के कुछ विधायकों को चर्चा में शामिल करने की इजाजत नहीं मिलने के बाद कांग्रेस ने नारेबाजी करते हुए सदन से वॉकआउट कर दिया.

चर्चा का रुख समाप्ति की ओर जा रहा था इसी बीच विपक्ष की ओर से मांग उठी की उनके कुछ विधायकों को चर्चा में बोलना है, लेकिन विधानसभा अध्यक्ष की तरफ से समय की कमी की बात कहते हुए स्वास्थ्य मंत्री को वक्तव्य की अनुमति दी गई. जिसके बाद विपक्ष ने वॉकआउट कर दिया.

हिमाचल प्रदेश विधानसभा मॉनसून सत्र के दूसरे दिन विधानसभा की कार्यवाही शुरू होने से पहले अध्यक्ष विपिन परमार ने निवेदन किया कि यदि किसी सदस्य को कोई शंका हो तो वह अपना कारोना टेस्ट करवा लें. जनता की भावनाओं को ध्यान के रखते हुए कोविड-19 के प्रोटोकॉल का ध्यान रखें.

सत्तापक्ष पर जमकर बरसे विधायक जगत नेगी

विधानसभा अध्यक्ष के वक्तव्य के बाद सदन की कार्यवाही की शुरुआत सोमवार के विपक्ष द्वारा दिए गए नियम-67 के स्थगन प्रस्ताव के साथ हुई. स्थगन प्रस्ताव के चलते आज भी प्रश्नकाल नहीं हो पाया. चर्चा में बोलते हुए विपक्ष की तरफ से किन्नौर के विधायक जगत नेगी ने सरकार पर जमकर हमले बोले.

नेगी ने कहा कि कारोना काल मे विपक्ष के विधायकों को नजरबंद कर दिया जबकि भाजपा के लोग व दलाल खुलेआम घूमते रहे. आपातकाल में भी ऐसा नहीं हुआ. कोविड से निपटने के लिए केन्द्र व प्रदेश सरकार पूरी तरह नाकाम रही, मुख्यमंत्री जयराम ठाकुर आज तक के निकम्मे मुख्यमंत्री जाने जाएंगे. उन्होंने आरोप लगाया कि केन्द्र के हाथ की कठपुतली के रूप में प्रदेश सरकार ने तानाशाह के रूप में काम किया.

विधायक के शब्दों पर सीएम ने आपत्ति जताई

मुख्यमंत्री जयराम ठाकुर ने नेगी के शब्दों के चयन पर आपत्ति जाहिर की. इस पर विपक्ष के नेता ने ऐतराज जताया ओर दोनों तरफ से शोर शराबा शुरू हो गया. इसी बीच विपक्ष ने नारेबाजी शुरू कर दी. विधानसभा अध्यक्ष ने स्थिति को संभाला व शब्दों के सही चयन करने की अपील की.

जगत नेगी ने मुख्यमंत्री पर आरोप लगाया कि वह उनको बोलने से रोककर लोकतंत्र की हत्या कर रहे हैं. नेगी ने आगे कहा कि आप तो राम राज्य की बात करते है लेकिन यहां तो रावण राज्य से भी बदतर हालात हो गए है. क्योंकि रावण राज्य में कम से कम सोने की लंका तो थी? सरकार ने कोविड की आड़ में सारा सिस्टम तहस नहस कर दिया.

जगत नेगी के हमलों पर दोनों तरफ से सदन में बहसबाजी भी चलती रही. चर्चा में सुजानपुर के विधायक राजेन्द्र राणा ने भाग लिया व कहा कि देरी से हिमाचलियों को प्रदेश में लाने से मामले बढ़े. चीन में जब कारोना का पता चल गया तो केन्द्र सरकार ने विदेश से आने वाले लोगों को एयरपोर्ट पर क्यों नही रोका? ऐसी गलतियां सरकार ने की जिसकी वजह से कारोना फैल रहा है.

जो लोग बाहर से हिमाचल आकर बेरोजगार हुए क्या सरकार के पास इसका आंकड़ा है. कोविड के दौरान सरकार ने कितना पैसा इक्कठा किया व कितना खर्च किया सरकार बताए. विधायक निधि को खत्म करने से क्षेत्र में विकास कार्य रुक गए हैं. भले ही विधायक निधि कम करें, लेकिन 1 करोड़ तो दे.

सरकार आर्थिक सकंट से दिवालिया हो गई. डबल इंजन की सरकार का अब इंजन फ्रीज हो गया है. सड़कें खड्डों में तब्दील हो गए हैं. राणा ने कहा कि सरकार जब सत्ता में होती है तो हरा-हरा ही दिखता है. इसलिए सरकार लोगों के लिए काम करे.

भोजनावकाश के बाद सदन की कार्यवाही

दोपहर भोजनावकाश के बाद जैसे ही सदन की कार्यवाही शुरू हुई. ऊर्जा मंत्री सुखराम चौधरी और उनके बाद सुखविंदर सिंह सुक्खू ने चर्चा को आगे बढ़ाया.

सुक्खू ने कहा की कारोना काल में हिमाचल की जनता ने अनुशासन में रहकर सरकार के बनाए नियमों का पालन किया. जनता के धन्यवाद के साथ कारोना वारियर्स का धन्यवाद करना चाहिए. मुख्यमंत्री ने कारोना काल में यज्ञ करवाकर सबसे पहले सोशल नियमों का पालन नही किया. सरकार आर्थिक तंगी की बात कर रही है लेकिन नियुक्तियां की जा रही हैं.

नादौन से एसडीएम का राजनीतिक दबाब से तबादला कर किया जाता है. जिस पर मुख्यमंत्री ने ऐतराज जताया और कहा कि एसडीएम के तबादले में राजनीति नहीं हुई. जहां तक सोशल डिस्टेंसिन की बात है तो कांग्रेस ने आज भी विधानसभा के बाहर धरना दिया. उसमें सोशल डिस्टनसिंग कहां थी?

सुखविंदर सिंह सुख्खू के बाद संसदीय कार्य मंत्री सुरेश भारद्वाज ने चर्चा में भाग लिया. उन्होंने कहा कि कांग्रेस के नेता कारोना को लेकर तथ्यहीन ब्यानबानी कर रहे हैं. भारत में कारोना पर नियंत्रण ही नहीं किया गया बल्कि पीपीई किट व वेंटिलेटर अस्पतालों में पहुंचाए. आज भारत विदेशों को पीपीई किट भेज रहा है.

हिमाचल कांग्रेस के बड़े नेता सोनिया गांधी को पत्र लिखकर कांग्रेस पार्टी की शिकायत करते हैं. सुरेश भारद्वाज बीच में गुस्सा भी हो गए. उधर, सुरेश भारद्वाज की बात से नाराज विपक्ष के सदस्य ने नारेबाजी शुरू कर दी. इधर, विपक्ष नारेबाजी करता रहा उधर संसदीय कार्यमंत्री अपनी बात कहते रहे.

इस बीच विधानसभा अध्यक्ष ने विपक्ष को शांत करवाया व सुरेश भारद्वाज फ़िर बोलने के लिए उठे. उन्होंने कहा कि कारोना वायरस भाजपा या कांग्रेस नही देखती है. इसलिए इस पर राजनीति न करें. सुरेश भारद्वाज के बाद विधानसभा अध्यक्ष ने स्वास्थ्य मंत्री डॉ. राजीव सैजल को बोलने की इजाजत दी, जिसको लेकर विपक्ष ने ऐतराज जताया और कहा कि एक मंत्री के बाद दूसरे मंत्री को समय देने से पहले विपक्ष के सदस्य को भी बोलने का मौका दिया जाए.

विपक्ष ने हल्ला शुरू कर दिया. जिस पर मुख्यमंत्री को दख़ल देना पड़ा और कहा कि यदि चर्चा लंबी खिंचेगी तो जबाब बुधवार को देना पड़ेगा. हालांकि विधानसभा अध्यक्ष ने बताया कि इसमें सिर्फ़ अढ़ाई घंटे तक चर्चा हो सकती है. बाबजुद इसके दोनों पक्षों की सहमति के बाद 67 स्थगन प्रस्ताव पर चर्चा जारी कर दी गई.

सदन की सहमति के बाद बड़सर के कांग्रेसी विधायक इंद्रदत्त लखनपाल चर्चा में भाग लेने खड़े हुए. उन्होंने कहा कि कारोना के खिलाफ लड़ाई में सरकार तानाशाह बन गई है. कांग्रेस पार्टी ने कारोना काल में कंधे से कन्धा मिलाकर काम किया, लेकिन सरकार ने कांग्रेस के कदम रोकने की कोशिश की. ये कहना गलत है कि सिर्फ सरकार ने ही काम किया. चाहे जो भी पार्टी रही है जिसने काम किया वह जनता के ऊपर कोई एहसान नही किया.

नकारात्मक विपक्ष चिंता का विषय- कर्नल इंद्र सिंह

सरकाघाट के भाजपा विधायक कर्नल इंद्र सिंह ने अपने आप को चर्चा में शामिल करते हुए कहा कि कारोना सबके लिए चिंता का विषय है, लेकिन विपक्ष एक नकारात्मकता इससे भी अधिक चिंता की बात है. सरकार ने समय रहते लॉक डाउन किया जिससे महामारी को काफ़ी हद तक रोकने में मदद मिली.

इसी बीच स्वास्थ्य मंत्री डॉ. राजीव सैजल को एक बार फ़िर बोलने को कहा गया, लेकिन विपक्ष ने कहा कि उनको भी बोलने का मौका दिया जाए. विधानसभा अध्यक्ष ने समझाने की बहुत कोशिश की लेकिन विपक्ष ने नाराजगी जाहिर करते हुए सदन में नारेबाजी शुरू कर दी व सदन से वॉकआउट कर दिया.

विपक्ष के वॉकआउट के बाद स्वास्थ्य मंत्री डॉ. राजीव सैजल ने कहा कि कारोना से निबटने के लिए सरकार ने पुख्ता इंतज़ाम किए. विपक्ष ने प्रदेश में बढ़ती आत्महताएं बढ़ने की बात कही है इसके पीछे कई वजह है. मानसिक तनाब इसके लिए सबसे ज़्यादा जिम्मेदार है.

स्वास्थ्य विभाग ई-संजीवनी के माध्यम से 454 अस्पतालों व 360 प्राथमिक केंद्रों में ये केंद्र खोले गए है. स्वास्थ्य विभाग के घोटाले पर डॉ राजीव सैजल ने बताया कि ये मामला सरकार या पार्टी से संबंधित नही है बल्कि स्वास्थ्य विभाग के एक निदेशक का है जिसको लेकर जांच पूरी ही चुकी है व चालान कोर्ट में पेश किया जाएगा.

उन्होंने कहा कि जहां तक सचिवालय में सेनिटाइजर खरीद की बात है तो इसको लेकर कार्यवाही की गई है. मामले की जांच अभी जारी है. बिलासपुर पीपीई किट मामले पर भी कार्रवाई अमल में लाई गई. उन्होंने कहा कि हर प्रणाली में कुछ न कुछ खामियां रहती हैं, लेकिन बहुत खूबियां भी होती है जिसकी विपक्ष को तारीफ करनी चाहिए, लेकिन विपक्ष सिर्फ आलोचना कर रहा है जो उचित नहीं.

सदन की कार्यवाही स्थगित होने से पहले संसदीय कार्यमंत्री ने कहा कि अढ़ाई घण्टे की चर्चा को दो दिन बढ़ाया गया. बावजूद इसके विपक्ष का रवैया समझ से परे है. कांग्रेस नेताओं का आज का वॉकआउट घोषित नहीं है, बल्कि सदन छोड़कर गए हैं.

शिमला: हंगामें और सत्तापक्ष व विपक्ष में नोक-झोंक के बीच कोरोना महामारी को लेकर दूसरे दिन भी सदन में चर्चा जारी रही. कांग्रेस के कुछ विधायकों को चर्चा में शामिल करने की इजाजत नहीं मिलने के बाद कांग्रेस ने नारेबाजी करते हुए सदन से वॉकआउट कर दिया.

चर्चा का रुख समाप्ति की ओर जा रहा था इसी बीच विपक्ष की ओर से मांग उठी की उनके कुछ विधायकों को चर्चा में बोलना है, लेकिन विधानसभा अध्यक्ष की तरफ से समय की कमी की बात कहते हुए स्वास्थ्य मंत्री को वक्तव्य की अनुमति दी गई. जिसके बाद विपक्ष ने वॉकआउट कर दिया.

हिमाचल प्रदेश विधानसभा मॉनसून सत्र के दूसरे दिन विधानसभा की कार्यवाही शुरू होने से पहले अध्यक्ष विपिन परमार ने निवेदन किया कि यदि किसी सदस्य को कोई शंका हो तो वह अपना कारोना टेस्ट करवा लें. जनता की भावनाओं को ध्यान के रखते हुए कोविड-19 के प्रोटोकॉल का ध्यान रखें.

सत्तापक्ष पर जमकर बरसे विधायक जगत नेगी

विधानसभा अध्यक्ष के वक्तव्य के बाद सदन की कार्यवाही की शुरुआत सोमवार के विपक्ष द्वारा दिए गए नियम-67 के स्थगन प्रस्ताव के साथ हुई. स्थगन प्रस्ताव के चलते आज भी प्रश्नकाल नहीं हो पाया. चर्चा में बोलते हुए विपक्ष की तरफ से किन्नौर के विधायक जगत नेगी ने सरकार पर जमकर हमले बोले.

नेगी ने कहा कि कारोना काल मे विपक्ष के विधायकों को नजरबंद कर दिया जबकि भाजपा के लोग व दलाल खुलेआम घूमते रहे. आपातकाल में भी ऐसा नहीं हुआ. कोविड से निपटने के लिए केन्द्र व प्रदेश सरकार पूरी तरह नाकाम रही, मुख्यमंत्री जयराम ठाकुर आज तक के निकम्मे मुख्यमंत्री जाने जाएंगे. उन्होंने आरोप लगाया कि केन्द्र के हाथ की कठपुतली के रूप में प्रदेश सरकार ने तानाशाह के रूप में काम किया.

विधायक के शब्दों पर सीएम ने आपत्ति जताई

मुख्यमंत्री जयराम ठाकुर ने नेगी के शब्दों के चयन पर आपत्ति जाहिर की. इस पर विपक्ष के नेता ने ऐतराज जताया ओर दोनों तरफ से शोर शराबा शुरू हो गया. इसी बीच विपक्ष ने नारेबाजी शुरू कर दी. विधानसभा अध्यक्ष ने स्थिति को संभाला व शब्दों के सही चयन करने की अपील की.

जगत नेगी ने मुख्यमंत्री पर आरोप लगाया कि वह उनको बोलने से रोककर लोकतंत्र की हत्या कर रहे हैं. नेगी ने आगे कहा कि आप तो राम राज्य की बात करते है लेकिन यहां तो रावण राज्य से भी बदतर हालात हो गए है. क्योंकि रावण राज्य में कम से कम सोने की लंका तो थी? सरकार ने कोविड की आड़ में सारा सिस्टम तहस नहस कर दिया.

जगत नेगी के हमलों पर दोनों तरफ से सदन में बहसबाजी भी चलती रही. चर्चा में सुजानपुर के विधायक राजेन्द्र राणा ने भाग लिया व कहा कि देरी से हिमाचलियों को प्रदेश में लाने से मामले बढ़े. चीन में जब कारोना का पता चल गया तो केन्द्र सरकार ने विदेश से आने वाले लोगों को एयरपोर्ट पर क्यों नही रोका? ऐसी गलतियां सरकार ने की जिसकी वजह से कारोना फैल रहा है.

जो लोग बाहर से हिमाचल आकर बेरोजगार हुए क्या सरकार के पास इसका आंकड़ा है. कोविड के दौरान सरकार ने कितना पैसा इक्कठा किया व कितना खर्च किया सरकार बताए. विधायक निधि को खत्म करने से क्षेत्र में विकास कार्य रुक गए हैं. भले ही विधायक निधि कम करें, लेकिन 1 करोड़ तो दे.

सरकार आर्थिक सकंट से दिवालिया हो गई. डबल इंजन की सरकार का अब इंजन फ्रीज हो गया है. सड़कें खड्डों में तब्दील हो गए हैं. राणा ने कहा कि सरकार जब सत्ता में होती है तो हरा-हरा ही दिखता है. इसलिए सरकार लोगों के लिए काम करे.

भोजनावकाश के बाद सदन की कार्यवाही

दोपहर भोजनावकाश के बाद जैसे ही सदन की कार्यवाही शुरू हुई. ऊर्जा मंत्री सुखराम चौधरी और उनके बाद सुखविंदर सिंह सुक्खू ने चर्चा को आगे बढ़ाया.

सुक्खू ने कहा की कारोना काल में हिमाचल की जनता ने अनुशासन में रहकर सरकार के बनाए नियमों का पालन किया. जनता के धन्यवाद के साथ कारोना वारियर्स का धन्यवाद करना चाहिए. मुख्यमंत्री ने कारोना काल में यज्ञ करवाकर सबसे पहले सोशल नियमों का पालन नही किया. सरकार आर्थिक तंगी की बात कर रही है लेकिन नियुक्तियां की जा रही हैं.

नादौन से एसडीएम का राजनीतिक दबाब से तबादला कर किया जाता है. जिस पर मुख्यमंत्री ने ऐतराज जताया और कहा कि एसडीएम के तबादले में राजनीति नहीं हुई. जहां तक सोशल डिस्टेंसिन की बात है तो कांग्रेस ने आज भी विधानसभा के बाहर धरना दिया. उसमें सोशल डिस्टनसिंग कहां थी?

सुखविंदर सिंह सुख्खू के बाद संसदीय कार्य मंत्री सुरेश भारद्वाज ने चर्चा में भाग लिया. उन्होंने कहा कि कांग्रेस के नेता कारोना को लेकर तथ्यहीन ब्यानबानी कर रहे हैं. भारत में कारोना पर नियंत्रण ही नहीं किया गया बल्कि पीपीई किट व वेंटिलेटर अस्पतालों में पहुंचाए. आज भारत विदेशों को पीपीई किट भेज रहा है.

हिमाचल कांग्रेस के बड़े नेता सोनिया गांधी को पत्र लिखकर कांग्रेस पार्टी की शिकायत करते हैं. सुरेश भारद्वाज बीच में गुस्सा भी हो गए. उधर, सुरेश भारद्वाज की बात से नाराज विपक्ष के सदस्य ने नारेबाजी शुरू कर दी. इधर, विपक्ष नारेबाजी करता रहा उधर संसदीय कार्यमंत्री अपनी बात कहते रहे.

इस बीच विधानसभा अध्यक्ष ने विपक्ष को शांत करवाया व सुरेश भारद्वाज फ़िर बोलने के लिए उठे. उन्होंने कहा कि कारोना वायरस भाजपा या कांग्रेस नही देखती है. इसलिए इस पर राजनीति न करें. सुरेश भारद्वाज के बाद विधानसभा अध्यक्ष ने स्वास्थ्य मंत्री डॉ. राजीव सैजल को बोलने की इजाजत दी, जिसको लेकर विपक्ष ने ऐतराज जताया और कहा कि एक मंत्री के बाद दूसरे मंत्री को समय देने से पहले विपक्ष के सदस्य को भी बोलने का मौका दिया जाए.

विपक्ष ने हल्ला शुरू कर दिया. जिस पर मुख्यमंत्री को दख़ल देना पड़ा और कहा कि यदि चर्चा लंबी खिंचेगी तो जबाब बुधवार को देना पड़ेगा. हालांकि विधानसभा अध्यक्ष ने बताया कि इसमें सिर्फ़ अढ़ाई घंटे तक चर्चा हो सकती है. बाबजुद इसके दोनों पक्षों की सहमति के बाद 67 स्थगन प्रस्ताव पर चर्चा जारी कर दी गई.

सदन की सहमति के बाद बड़सर के कांग्रेसी विधायक इंद्रदत्त लखनपाल चर्चा में भाग लेने खड़े हुए. उन्होंने कहा कि कारोना के खिलाफ लड़ाई में सरकार तानाशाह बन गई है. कांग्रेस पार्टी ने कारोना काल में कंधे से कन्धा मिलाकर काम किया, लेकिन सरकार ने कांग्रेस के कदम रोकने की कोशिश की. ये कहना गलत है कि सिर्फ सरकार ने ही काम किया. चाहे जो भी पार्टी रही है जिसने काम किया वह जनता के ऊपर कोई एहसान नही किया.

नकारात्मक विपक्ष चिंता का विषय- कर्नल इंद्र सिंह

सरकाघाट के भाजपा विधायक कर्नल इंद्र सिंह ने अपने आप को चर्चा में शामिल करते हुए कहा कि कारोना सबके लिए चिंता का विषय है, लेकिन विपक्ष एक नकारात्मकता इससे भी अधिक चिंता की बात है. सरकार ने समय रहते लॉक डाउन किया जिससे महामारी को काफ़ी हद तक रोकने में मदद मिली.

इसी बीच स्वास्थ्य मंत्री डॉ. राजीव सैजल को एक बार फ़िर बोलने को कहा गया, लेकिन विपक्ष ने कहा कि उनको भी बोलने का मौका दिया जाए. विधानसभा अध्यक्ष ने समझाने की बहुत कोशिश की लेकिन विपक्ष ने नाराजगी जाहिर करते हुए सदन में नारेबाजी शुरू कर दी व सदन से वॉकआउट कर दिया.

विपक्ष के वॉकआउट के बाद स्वास्थ्य मंत्री डॉ. राजीव सैजल ने कहा कि कारोना से निबटने के लिए सरकार ने पुख्ता इंतज़ाम किए. विपक्ष ने प्रदेश में बढ़ती आत्महताएं बढ़ने की बात कही है इसके पीछे कई वजह है. मानसिक तनाब इसके लिए सबसे ज़्यादा जिम्मेदार है.

स्वास्थ्य विभाग ई-संजीवनी के माध्यम से 454 अस्पतालों व 360 प्राथमिक केंद्रों में ये केंद्र खोले गए है. स्वास्थ्य विभाग के घोटाले पर डॉ राजीव सैजल ने बताया कि ये मामला सरकार या पार्टी से संबंधित नही है बल्कि स्वास्थ्य विभाग के एक निदेशक का है जिसको लेकर जांच पूरी ही चुकी है व चालान कोर्ट में पेश किया जाएगा.

उन्होंने कहा कि जहां तक सचिवालय में सेनिटाइजर खरीद की बात है तो इसको लेकर कार्यवाही की गई है. मामले की जांच अभी जारी है. बिलासपुर पीपीई किट मामले पर भी कार्रवाई अमल में लाई गई. उन्होंने कहा कि हर प्रणाली में कुछ न कुछ खामियां रहती हैं, लेकिन बहुत खूबियां भी होती है जिसकी विपक्ष को तारीफ करनी चाहिए, लेकिन विपक्ष सिर्फ आलोचना कर रहा है जो उचित नहीं.

सदन की कार्यवाही स्थगित होने से पहले संसदीय कार्यमंत्री ने कहा कि अढ़ाई घण्टे की चर्चा को दो दिन बढ़ाया गया. बावजूद इसके विपक्ष का रवैया समझ से परे है. कांग्रेस नेताओं का आज का वॉकआउट घोषित नहीं है, बल्कि सदन छोड़कर गए हैं.

For All Latest Updates

ETV Bharat Logo

Copyright © 2025 Ushodaya Enterprises Pvt. Ltd., All Rights Reserved.