शिमला: निजी विश्वविद्यालयों के खिलाफ निजी शिक्षण संस्थान नियामक आयोग लगातार कार्रवाई कर रहा है. निजी विश्वविद्यालयों के कुलपतियों की योग्यता की जांच में जो कुलपति अयोग्य पाए गए है. आयोग ने उन्हें पद से हटाने के आदेश जारी किए हैं. ऐसे में चार विश्वविद्यालय ने अभी तक आयोग के आदेशों पर किसी तरह की कोई कार्रवाई अमल में नहीं लाई है और आयोग को कोई जवाब भी नहीं दिया है.
जांच के लिए कमेटी का हुआ गठन
ऐसे में आज यानी सोमवार को आयोग की ओर से इस मामले में बड़ी कार्रवाई की जाएगी. आयोग मामले में सुनवाई करेगा और यह फैसला लेगा कि अब इन चार विश्वविद्यालयों के खिलाफ किस तरह की कार्रवाई की जाएगी. बता दें कि निजी शिक्षण संस्थान नियामक आयोग की ओर से प्रदेश के निजी विश्वविद्यालयों के कुलपतियों की योग्यता की जांच करवाने के लिए कमेटी का गठन किया गया था.
10 विश्वविद्यालयों के कुलपति आयोग
गठित कमेटी ने सभी विश्वविद्यालयों से प्राप्त कुलपतियों के रिकॉर्ड को खंगाला और उसमें पाया गया कि यूजीसी के नियमों के तहत 10 विश्वविद्यालयों के कुलपति पद पर रहने की योग्यता को पूरा नहीं करते है. ऐसे में आयोग ने इन कुलपतियों को पद से हटाने के आदेश जारी किए थे.
7 कुलपतियों ने की दोबारा जांच की मांग
हालांकि इसके बाद सात कुलपतियों ने अपनी योग्यता पर उठे सवालों की दोबारा जांच की मांग की थी, जिसमें 6 कुलपति दोबारा अयोग्य पाए गए. ऐसे में आयोग ने यह स्पष्ट किया है कि इन कुलपतियों को पद से हटाना होगा. आयोग की ओर से निजी विश्वविद्यालय के कुलपतियों को अयोग्य करार दिए जाने वाले विश्वविद्यालयों में महर्षि मार्कंडेय विश्वविद्यालय सोलन और कांगड़ा के अरनी विश्वविद्यालय शामिल है.
4 विश्वविद्यालय ने आयोग को नहीं दिया जवाब
वहीं तीन विश्वविद्यालयों के कुलपतियों ने खुद ही अपने पद से इस्तीफा दे दिया है. आयोग के अध्यक्ष मेजर जनरल सेवानिवृत्त अतुल कौशिक ने बताया कि चार विश्वविद्यालय ने अभी तक आयोग के आदेशों को लेकर कोई जवाब नहीं दिया है. उन पर आयोग की ओर से कार्रवाई की जाएगी.
आयोग ने विश्वविद्यालयों से मांगा जवाब
साथ ही 4 अन्य चार विश्वविद्यालय जिन्होंने अभी तक आयोग के आदेशों के अनुपालन नहीं की है उन पर कार्रवाई आयोग की ओर से की जाएगी. इनसे आयोग के आदेशों का पालन ना करने को लेकर जवाब भी मांगा गया है.