शिमला: अगर आप शिमला में रहते हैं और सफर करने का सोच रहें हैं तो बता दें कि आज आप प्राइवेट बसों मे सफर नहीं कर पाएंगे. राजधानी शिमला में आज से प्राइवेट बस ऑपरेटर हड़ताल पर रहेंगे. आज लोगों को सफर के लिए सरकारी बसों पर ही निर्भर रहना पड़ेगा.
बस ऑपरेटर यूनियन की ये है मांग
निजी बस ऑपरेटर्स ने बसें शनिवार रात को ही सड़कों के किनारे खड़ी कर दी हैं. प्राइवेट बस ड्राइवर-कंडक्टर के हड़ताल में शामिल होने से शहर के लोगों को काफी दिक्कतें उठानी पड़ेंगी. शिमला बस ऑपरेटर यूनियन के महासचिव सुनील चौहान का कहना है कि टैक्स माफ करने और वर्किंग कैपिटल में सस्ते लोन की देने की मांग सरकार से गई थी, लेकिन सरकार इसे नहीं मान रही हैं. 50 फीसदी सवारियों की शर्त को बस ऑपरेटर्स मान रहे हैं, लेकिन हमें भी घर का खर्च चलाना है. ऐसे में सरकार को हमारी मांगें माननी होंगी.
सरकारी बसें पहले से ही चल रही कम
ग्रामीण रूटों पर सरकारी बसें पहले ही कम चल रही हैं. ऐसे में लोगों को बसों की कमी के कारण परेशानियों से जूझना पड़ेगा. शहर में चल रही सरकारी बसों में पहले ही 50 फीसदी सवारियों को बिठाने की शर्त लगाई गई है.
शिमला में प्राइवेट बसों के है 106 रूट
राजधानी शिमला की बात करें तो यहां पर प्राइवेट बसों की संख्या ज्यादा है. इस तरह प्राइवेट बसों का शहर के पब्लिक ट्रांसपोर्ट सिस्टम में बड़ा अहम रोल है और शहर में इनके करीब 106 रूट हैं. प्राइवेट बसें शहर में सभी उपनगरों को चलती हैं और कुछ उपनगरों में तो इनकी संख्या काफी ज्यादा है. शिमला में विकासनगर, कसुम्पटी, मैहली रूट पर अधिकतर प्राइवेट बसें ही चलती हैं. इसी तरह समरहिल, बालूगंज, टुटू पर सरकारी रूट न के बराबर हैं. तारादेवी रूट पर एचआरटीसी के कुछ रूट हैं, लेकिन संकटमोचन और कच्चीघाटी की ओर के लोकल रूट प्राइवेट बसें ही कवर करती हैं. बसों के ना चलने से लोकल रूटों पर चलने वाले लोगों को दिक्कतें होंगी.
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