शिमला: कोरोना संक्रमण के चलते पिछले 2 महीने से बंद पड़ी परिवहन सेवाएं 1 जून से बहाल की जा रही है. सरकार ने 1 जून से प्रदेश भर में बस सेवा शुरू करने को लेकर मंजूरी भी दे दी है और इस मंजूरी के आधार पर सरकारी बसों के साथ ही निजी बसों को चलाने की अनुमति भी प्रदान की गई है, लेकिन निजी बस ऑपरेटरों ने बसें चलाने से साफ इंकार कर दिया है. निजी ऑपरेटर्स का कहना है कि वह 1 जून से प्रदेशभर में अपनी बसें नहीं चलाएंगे. बसें ना चलाने के पीछे उनकी कुछ मांगे है, जिन्हें लेकर उन्होंने मुख्यमंत्री जयराम ठाकुर को पत्र भी लिखा है.
पत्र में निजी ऑपरेटरों ने सरकार से सब्सिडी या कोई अन्य राहत देने की मांग की है, जिसके बाद ही बसे चलाने का फैसला लिया जाएगा. निजी ऑपरेटर 60 फीसदी सवारियों के फैसले से नाखुश है. निजी बस ऑपरेटर संघ के प्रदेश महासचिव रमेश कमल ने कहा कि प्रदेश में सरकार ने 1 जून से सभी बसें चलाने का फरमान जारी किया है. निजी बस ऑपरेटरों उससे सहमत नहीं हैं. उन्होंने आरोप लगाया कि सरकार उनसे सौतेला व्यवहार कर रही है. 60 प्रतिशत क्षमता में बसें चलाना मुमकिन नहीं है. इससे बस ऑपरेटर कंगाल हो जाएंगे. बस ऑपरेटर अपने खर्चे तक नहीं निकाल पाएगा. सरकार बिना ब्याज के ऋण उपलब्ध कराएं या निजी बस ऑपरेटरों को कोई सरकारी राहत दें या फिर किराए में बढ़ोतरी करे, जिससे निजी बस ऑपरेटर्स को नुकसान ना हो.
बता दें कि सरकार ने 1 जून से 60 फीसदी सवारियों के साथ बसें चलाने का फैसला लिया है और बसों में सोशल डिस्टेंसिंग के साथ सेनिटाइजेशन करने के निर्देश दिए है. परिवाहन निगम की ओर से बसों को चलाने की पूरी तैयारी कर ली गई है, लेकिन निजी बस ऑपरेटरों ने बसें न चलाने का फैसला लिया है.
1 जून से नहीं चलेगी प्राइवेट बसें! ऑपरेटर्स ने सेवाएं शुरू करने से पहले रखी ये मांगें
सरकार ने 1 जून से प्रदेश भर में बस सेवा शुरू करने को लेकर मंजूरी दे दी है और इस मंजूरी के आधार पर सरकारी बसों के साथ ही निजी बसों को चलाने की अनुमति भी प्रदान की गई है, लेकिन निजी बस ऑपरेटरों ने बसें चलाने से साफ इंकार कर दिया है. बसें ना चलाने के पीछे उनकी कुछ मांगे है, जिन्हें लेकर उन्होंने मुख्यमंत्री जयराम ठाकुर को पत्र भी लिखा है.
शिमला: कोरोना संक्रमण के चलते पिछले 2 महीने से बंद पड़ी परिवहन सेवाएं 1 जून से बहाल की जा रही है. सरकार ने 1 जून से प्रदेश भर में बस सेवा शुरू करने को लेकर मंजूरी भी दे दी है और इस मंजूरी के आधार पर सरकारी बसों के साथ ही निजी बसों को चलाने की अनुमति भी प्रदान की गई है, लेकिन निजी बस ऑपरेटरों ने बसें चलाने से साफ इंकार कर दिया है. निजी ऑपरेटर्स का कहना है कि वह 1 जून से प्रदेशभर में अपनी बसें नहीं चलाएंगे. बसें ना चलाने के पीछे उनकी कुछ मांगे है, जिन्हें लेकर उन्होंने मुख्यमंत्री जयराम ठाकुर को पत्र भी लिखा है.
पत्र में निजी ऑपरेटरों ने सरकार से सब्सिडी या कोई अन्य राहत देने की मांग की है, जिसके बाद ही बसे चलाने का फैसला लिया जाएगा. निजी ऑपरेटर 60 फीसदी सवारियों के फैसले से नाखुश है. निजी बस ऑपरेटर संघ के प्रदेश महासचिव रमेश कमल ने कहा कि प्रदेश में सरकार ने 1 जून से सभी बसें चलाने का फरमान जारी किया है. निजी बस ऑपरेटरों उससे सहमत नहीं हैं. उन्होंने आरोप लगाया कि सरकार उनसे सौतेला व्यवहार कर रही है. 60 प्रतिशत क्षमता में बसें चलाना मुमकिन नहीं है. इससे बस ऑपरेटर कंगाल हो जाएंगे. बस ऑपरेटर अपने खर्चे तक नहीं निकाल पाएगा. सरकार बिना ब्याज के ऋण उपलब्ध कराएं या निजी बस ऑपरेटरों को कोई सरकारी राहत दें या फिर किराए में बढ़ोतरी करे, जिससे निजी बस ऑपरेटर्स को नुकसान ना हो.
बता दें कि सरकार ने 1 जून से 60 फीसदी सवारियों के साथ बसें चलाने का फैसला लिया है और बसों में सोशल डिस्टेंसिंग के साथ सेनिटाइजेशन करने के निर्देश दिए है. परिवाहन निगम की ओर से बसों को चलाने की पूरी तैयारी कर ली गई है, लेकिन निजी बस ऑपरेटरों ने बसें न चलाने का फैसला लिया है.