शिमला: प्रदेश में सरकार 17 मई के बाद बस सेवा शुरू करने की तैयारी में है, निगम की बसें भी चलने को तैयार हैं. ऐसे में निजी बस ऑपरेटर्स भी प्रदेश में बस सेवा शुरू करने की तैयारी कर रहे हैं. सरकार ने निजी बस ऑपरेटर को राहत देते हुए 4 महीने का टैक्स माफ कर दिया, लेकिन निजी बस ऑपरेटर ने सरकार से अनुदान की मांग की है.
इस संबंध में जब ईटीवी भारत ने प्रदेश निजी बस ऑपरेटर एसोसिएशन के महासचिव रमेश कमल से बात की तो उन्होंने बताया कि सरकार 50 फीसदी सवारी पर बस चलाने का प्रस्ताव बना रही है. उनकी मांग है कि सरकार 70 फीसदी सवारियां ढोने की अनुमति दे, ताकि बसों का खर्चा पूरा किया जा सके. इसके अलावा उन्होंने सरकार से आग्रह किया कि निजी बस ऑपरेटर को डीजल वैट में छूट दी जाना चाहिए. उनका कहना है कि 50 फीसदी सवारी में नुकसान उठाना पड़ेगा. डीजल का खर्चा और ड्राइवर-कंडक्टर का खर्चा भी उन्हें उठाना है. इसके लिए सरकार को 70 फीसदी सवारियां ढोने की अनुमति देनी चाहिए.
सरकार को धन्यवाद भी
रमेश कमल ने बताया कि सरकार ने अप्रैल से जुलाई तक का टैक्स माफ किया है. इसके लिए हम सरकार को धन्यवाद देते हैं. बसें सरकार के आदेश के अनुसार खड़ी थी. इसलिए कानून के हिसाब से इसमे टैक्स नहीं बनता. उन्होंने मांग है कि यह टैक्स तब तक माफ किया जाए जब तक बसें चलना शुरू नहीं हो जाती. बसें चलने के बाद अगले 4 महीने तक सरकार टैक्स माफ करे. अब देखना है जब सरकार लंबे लॉकडाउन के बाद बस सेवा शुरू करने के लिए प्लान तैयार कर रही है तो निजी बस ऑपरेटर्स की बातों का कितना ध्यान रखा जाता है. वहीं, सोशल डिस्टेंसिंग के इस दौर में 70 फीसदी सवारियों की बात कितना पालन किया जाता है, जबकि सरकार लगातार सोशल डिस्टेंसिंग को लेकर सख्ती बरत रही है.