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करोड़ों कमा रहे हिमाचल की जेलों में बंद कैदी, देश दुनिया में धूम मच रहा हिमकारा ब्रांड

प्रदेश की जेलों में उत्पादित उत्पादों को हिमकारा ब्रांड के नाम से हिमकारा स्टोर के माध्यम से विक्रय किया जा रहा है, जिसे कि भारत सरकार के व्यापार चिन्ह अधिनियम 1999 के तहत 'हिमकारा' नाम से अप्रैल 2019 में रजिस्टर किया गया है. हिमाचल प्रदेश की जेलों में निर्मित शॉल, मफलर, कोट पट्टी आदि उत्पादों को भारत सरकार के मिनिस्ट्री ऑफ टैक्सटाइल द्वारा 'हैंडलूम मार्क' भी प्रदान किया गया है. विभाग द्वारा चलाई जा रही इन कल्याणकारी योजनाओं के कारण वर्ष 2017-18 में तीन करोड़ 24 लाख रुपये का टर्नओवर प्राप्त हुआ है.

Prisoners of Himachal jails are earning crores of rupees
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Published : Dec 6, 2020, 7:18 PM IST

Updated : Dec 6, 2020, 9:07 PM IST

शिमला: हिमाचल प्रदेश की जेलों में उत्पादित उत्पादों को हिमकारा ब्रांड के नाम से हिमकारा स्टोर के माध्यम से विक्रय किया जा रहा है, जिसे कि भारत सरकार के व्यापार चिन्ह अधिनियम 1999 के तहत 'हिमकारा' नाम से अप्रैल 2019 में रजिस्टर किया गया है.

जेल निर्मित कुछ उत्पाद जैम पोर्टल पर भी उपलब्ध करवाए गए हैं. हिमाचल प्रदेश की जेलों में निर्मित शॉल, मफलर, कोट पट्टी आदि उत्पादों को भारत सरकार के मिनिस्ट्री ऑफ टैक्सटाइल द्वारा 'हैंडलूम मार्क' भी प्रदान किया गया है. विभाग द्वारा चलाई जा रही इन कल्याणकारी योजनाओं के कारण वर्ष 2017-18 में तीन करोड़ 24 लाख रुपये का टर्नओवर प्राप्त हुआ है.

वर्ष 2018-19 में एक करोड़ 19 लाख रुपये की मजदूरी

वर्ष 2018-19 में तीन करोड़ 58 लाख रुपये का टर्नओवर और वर्ष 2019-20 में चार करोड़ 68 लाख रुपये का टर्नओवर प्राप्त हुआ है. वर्ष 2018-19 में एक करोड़ 19 लाख रुपये की मजदूरी, जबकि वर्ष 2019-20 में एक करोड़ 48 लाख रुपये की मजदूरी दी गई. 'हर हाथ को काम' परियोजना के तहत विभाग मुक्त कारागार कैदियों को जेलों की परिधि से बाहर निजी उद्यमों में काम करने की अनुमति देकर उनके लिए नौकरी/कार्य प्राप्त करने की सुविधा भी दे रहा है.

वर्तमान में इस परियोजना के तहत 04 महिलाओं सहित 146 कैदी मजदूरी अर्जित कर रहे हैं. बंदियों को शिक्षित करने के उद्देश्य से जेलों में इग्नु सेंटर खोले गए हैं. वर्ष 2017-18 में 106 कैदियों ने शिक्षा हासिल की, जिनमें से 85 ने जमा दो, 18 ने स्नातक और 03 ने स्नातकोत्तर में शिक्षा अर्जित की.

कुछ कैदियों द्वारा स्नातक की शिक्षा पूरी कर ली है

वर्ष 2018-19 में 88 कैदियों में से 67 ने जमा दो, 13 में स्नातक एवं 08 ने स्नातकोत्तर में शिक्षा अर्जित की. इस समय कुछ कैदी स्नातक एवं जमा दो में पढ़ रहे हैं और कुछ कैदियों द्वारा स्नातक की शिक्षा पूरी कर ली गई है.

हिमाचल प्रदेश प्रदेश की सभी कारागारों में कैदियों के मनोरंजन और सामान्य ज्ञान में सुधार के लिए किताबें और समाचार पत्र उपलब्ध करवाए जा रहे हैं. पिछले तीन वर्षों में जेल की क्षमता व कैदियों की संख्या में बढ़ोतरी होने के कारण इनके कुशल संचालन के लिए विभाग में विभिन्न श्रेणियों के पदों में भी बढ़ोतरी की गई है.

जून 2020 में कंडा जेल में डेंटल हेल्थ क्लीनिक भी स्थापित किया है

वर्तमान में इनकी संख्या 732 हो गई है. हिमाचल प्रदेश की जेलों में पहली बार इसी वर्ष जून 2020 में कंडा जेल में डेंटल हेल्थ क्लीनिक भी स्थापित किया है, अन्य तीन बड़ी जेलों में जहां पर कैदियों की संख्या अपेक्षाकृत अधिक रहती है, वहां भी इसी तरह के डेंटल हेल्थ क्लीनिक स्थापित जा रहे हैं.

शिमला: हिमाचल प्रदेश की जेलों में उत्पादित उत्पादों को हिमकारा ब्रांड के नाम से हिमकारा स्टोर के माध्यम से विक्रय किया जा रहा है, जिसे कि भारत सरकार के व्यापार चिन्ह अधिनियम 1999 के तहत 'हिमकारा' नाम से अप्रैल 2019 में रजिस्टर किया गया है.

जेल निर्मित कुछ उत्पाद जैम पोर्टल पर भी उपलब्ध करवाए गए हैं. हिमाचल प्रदेश की जेलों में निर्मित शॉल, मफलर, कोट पट्टी आदि उत्पादों को भारत सरकार के मिनिस्ट्री ऑफ टैक्सटाइल द्वारा 'हैंडलूम मार्क' भी प्रदान किया गया है. विभाग द्वारा चलाई जा रही इन कल्याणकारी योजनाओं के कारण वर्ष 2017-18 में तीन करोड़ 24 लाख रुपये का टर्नओवर प्राप्त हुआ है.

वर्ष 2018-19 में एक करोड़ 19 लाख रुपये की मजदूरी

वर्ष 2018-19 में तीन करोड़ 58 लाख रुपये का टर्नओवर और वर्ष 2019-20 में चार करोड़ 68 लाख रुपये का टर्नओवर प्राप्त हुआ है. वर्ष 2018-19 में एक करोड़ 19 लाख रुपये की मजदूरी, जबकि वर्ष 2019-20 में एक करोड़ 48 लाख रुपये की मजदूरी दी गई. 'हर हाथ को काम' परियोजना के तहत विभाग मुक्त कारागार कैदियों को जेलों की परिधि से बाहर निजी उद्यमों में काम करने की अनुमति देकर उनके लिए नौकरी/कार्य प्राप्त करने की सुविधा भी दे रहा है.

वर्तमान में इस परियोजना के तहत 04 महिलाओं सहित 146 कैदी मजदूरी अर्जित कर रहे हैं. बंदियों को शिक्षित करने के उद्देश्य से जेलों में इग्नु सेंटर खोले गए हैं. वर्ष 2017-18 में 106 कैदियों ने शिक्षा हासिल की, जिनमें से 85 ने जमा दो, 18 ने स्नातक और 03 ने स्नातकोत्तर में शिक्षा अर्जित की.

कुछ कैदियों द्वारा स्नातक की शिक्षा पूरी कर ली है

वर्ष 2018-19 में 88 कैदियों में से 67 ने जमा दो, 13 में स्नातक एवं 08 ने स्नातकोत्तर में शिक्षा अर्जित की. इस समय कुछ कैदी स्नातक एवं जमा दो में पढ़ रहे हैं और कुछ कैदियों द्वारा स्नातक की शिक्षा पूरी कर ली गई है.

हिमाचल प्रदेश प्रदेश की सभी कारागारों में कैदियों के मनोरंजन और सामान्य ज्ञान में सुधार के लिए किताबें और समाचार पत्र उपलब्ध करवाए जा रहे हैं. पिछले तीन वर्षों में जेल की क्षमता व कैदियों की संख्या में बढ़ोतरी होने के कारण इनके कुशल संचालन के लिए विभाग में विभिन्न श्रेणियों के पदों में भी बढ़ोतरी की गई है.

जून 2020 में कंडा जेल में डेंटल हेल्थ क्लीनिक भी स्थापित किया है

वर्तमान में इनकी संख्या 732 हो गई है. हिमाचल प्रदेश की जेलों में पहली बार इसी वर्ष जून 2020 में कंडा जेल में डेंटल हेल्थ क्लीनिक भी स्थापित किया है, अन्य तीन बड़ी जेलों में जहां पर कैदियों की संख्या अपेक्षाकृत अधिक रहती है, वहां भी इसी तरह के डेंटल हेल्थ क्लीनिक स्थापित जा रहे हैं.

Last Updated : Dec 6, 2020, 9:07 PM IST
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