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राज्यपाल ने किसानों से की प्राकृतिक खेती अपनाने की अपील, SPNF परियोजना को भी सराहा

मुख्यमंत्री जयराम ठाकुर के प्रधान सचिव जगदीश शर्मा ने बुधवार को राजभवन में राज्यपाल बंडारू दत्तात्रेय को अपने बगीचे के सेब भेंट किए. जिसे सुभाष पालेकर प्राकृतिक कृषि प्रणाली के अनुरूप विकसित किया गया है.

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Published : Aug 5, 2020, 3:31 PM IST

Governor Bandaru Dattatreya
Governor Bandaru Dattatreya

शिमला: मुख्यमंत्री जयराम ठाकुर के प्रधान सचिव जगदीश शर्मा ने बुधवार को राजभवन में राज्यपाल बंडारू दत्तात्रेय को अपने बागीचे के सेब भेंट किए. जिसे सुभाष पालेकर प्राकृतिक कृषि प्रणाली के अनुरूप विकसित किया गया है.

इस अवसर पर जगदीश शर्मा ने राज्यपाल को अपनी भूमि में उच्च घनत्व वाले बाग विकसित करने के लाभ और तरीके से अवगत कराया. जगदीश शर्मा की डेढ़ हेक्टेयर भूमि में 1400 सेब के उच्च घनत्व वाले पौधे हैं. उन्होंने केवल 38 पौधों के साथ प्राकृतिक खेती शुरू की थी और इस पर प्रति हेक्टेयर लगभग 4.38 लाख खर्च किया था, जो अब घटकर केवल 50 हजार प्रति हेक्टेयर रह गया है.

जगदीश शर्मा ने उम्मीद जताई कि भविष्य में यह कम लागत वाला निवेश होगा. प्राकृतिक खेती अपना कर उत्पादन की लागत तेजी से घट रही है, जबकि उत्पादकता कम नहीं हुई है. प्राकृतिक खेती से उत्पादित सेब की बाजार में प्रति बाॅक्स 3000 हजार से अधिक कीमत मिल रही है.

जगदीश शर्मा ने राज्य के किसानों को भारतीय नस्ल की गाय पालने और प्राकृतिक खेती को अपनाकर उच्च घनत्व वाले बागीचे में स्थानांतरित करने का सुझाव दिया जैसा कि पश्चिम के सेब उत्पादक देशों में किया गया है. उन्होंने कहा कि उन्हें बागवानी, पुष्प उत्पादन, रेशम उत्पादन और मशरूम उत्पादन का सरकारी कर्मचारी के रूप में अतीत का अनुभव है और उस अनुभव का लाभ उठाकर उन्होंने प्राकृतिक खेती पर आधारित सेब के बागीचे विकसित किए जिसके अच्छे परिणाम प्राप्त हुए हैं.

राज्यपाल बंडारू दत्तात्रेय ने उनके प्रयासों की सराहना करते हुए कहा कि यह प्रत्येक बागवान के लिए सफलता व प्रेरणा की कहानी है. एक उच्च स्तर के अधिकारी का इस तरह से योगदान वास्तव में प्रेरणादायक है. उन्होंने संतोष व्यक्त किया कि 4800 से अधिक बागवानों ने राज्य में प्राकृतिक खेती को अपनाया है और 800 हेक्टेयर से अधिक भूमि पर सेब उत्पादन प्राकृतिक तरीके से की जाती है. प्राकृतिक खेती को अपनाकर बागवानों की उत्पादन की लागत कम हो रही है. उन्होंने किसानों से प्राकृतिक खेती प्रणाली को अपनाने का आह्वान किया.

बाजार में प्राकृतिक उत्पादों की काफी मांग है और राज्य सरकार भी इस खेती प्रणाली को बढ़ावा दे रही है. उन्होंने राज्य में इस प्रणाली को प्रोत्साहन देने में एसपीएनएफ परियोजना के तहत अधिकारियों की टीम द्वारा किए गए कार्यों की भी सराहना की.

एसपीएनएफ के परियोजना निदेशक राकेश कंवर ने भी राज्य में प्राकृतिक खेती की प्रगति के बारे में जानकारी दी. उन्होंने कहा कि परियोजना के विशेषज्ञों ने भी जेसी शर्मा के बागीचे का निरीक्षण किया और अच्छे परिणाम प्राप्त करने के लिए महत्वपूर्ण सुझाव दिए. एसपीएनएफ के अतिरिक्त निदेशक डाॅ. राजेश्वर चंदेल भी इस अवसर पर उपस्थित थे.

पढ़ें: इम्युनिटी बूस्टर सीबकथोर्न विकल्प बनेगा हिमाचल, चीन से आयात बंद

शिमला: मुख्यमंत्री जयराम ठाकुर के प्रधान सचिव जगदीश शर्मा ने बुधवार को राजभवन में राज्यपाल बंडारू दत्तात्रेय को अपने बागीचे के सेब भेंट किए. जिसे सुभाष पालेकर प्राकृतिक कृषि प्रणाली के अनुरूप विकसित किया गया है.

इस अवसर पर जगदीश शर्मा ने राज्यपाल को अपनी भूमि में उच्च घनत्व वाले बाग विकसित करने के लाभ और तरीके से अवगत कराया. जगदीश शर्मा की डेढ़ हेक्टेयर भूमि में 1400 सेब के उच्च घनत्व वाले पौधे हैं. उन्होंने केवल 38 पौधों के साथ प्राकृतिक खेती शुरू की थी और इस पर प्रति हेक्टेयर लगभग 4.38 लाख खर्च किया था, जो अब घटकर केवल 50 हजार प्रति हेक्टेयर रह गया है.

जगदीश शर्मा ने उम्मीद जताई कि भविष्य में यह कम लागत वाला निवेश होगा. प्राकृतिक खेती अपना कर उत्पादन की लागत तेजी से घट रही है, जबकि उत्पादकता कम नहीं हुई है. प्राकृतिक खेती से उत्पादित सेब की बाजार में प्रति बाॅक्स 3000 हजार से अधिक कीमत मिल रही है.

जगदीश शर्मा ने राज्य के किसानों को भारतीय नस्ल की गाय पालने और प्राकृतिक खेती को अपनाकर उच्च घनत्व वाले बागीचे में स्थानांतरित करने का सुझाव दिया जैसा कि पश्चिम के सेब उत्पादक देशों में किया गया है. उन्होंने कहा कि उन्हें बागवानी, पुष्प उत्पादन, रेशम उत्पादन और मशरूम उत्पादन का सरकारी कर्मचारी के रूप में अतीत का अनुभव है और उस अनुभव का लाभ उठाकर उन्होंने प्राकृतिक खेती पर आधारित सेब के बागीचे विकसित किए जिसके अच्छे परिणाम प्राप्त हुए हैं.

राज्यपाल बंडारू दत्तात्रेय ने उनके प्रयासों की सराहना करते हुए कहा कि यह प्रत्येक बागवान के लिए सफलता व प्रेरणा की कहानी है. एक उच्च स्तर के अधिकारी का इस तरह से योगदान वास्तव में प्रेरणादायक है. उन्होंने संतोष व्यक्त किया कि 4800 से अधिक बागवानों ने राज्य में प्राकृतिक खेती को अपनाया है और 800 हेक्टेयर से अधिक भूमि पर सेब उत्पादन प्राकृतिक तरीके से की जाती है. प्राकृतिक खेती को अपनाकर बागवानों की उत्पादन की लागत कम हो रही है. उन्होंने किसानों से प्राकृतिक खेती प्रणाली को अपनाने का आह्वान किया.

बाजार में प्राकृतिक उत्पादों की काफी मांग है और राज्य सरकार भी इस खेती प्रणाली को बढ़ावा दे रही है. उन्होंने राज्य में इस प्रणाली को प्रोत्साहन देने में एसपीएनएफ परियोजना के तहत अधिकारियों की टीम द्वारा किए गए कार्यों की भी सराहना की.

एसपीएनएफ के परियोजना निदेशक राकेश कंवर ने भी राज्य में प्राकृतिक खेती की प्रगति के बारे में जानकारी दी. उन्होंने कहा कि परियोजना के विशेषज्ञों ने भी जेसी शर्मा के बागीचे का निरीक्षण किया और अच्छे परिणाम प्राप्त करने के लिए महत्वपूर्ण सुझाव दिए. एसपीएनएफ के अतिरिक्त निदेशक डाॅ. राजेश्वर चंदेल भी इस अवसर पर उपस्थित थे.

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