शिमला: हिमाचल प्रदेश सरकार बेटियों की शादी की उम्र को 18 से 21 साल करने पर विचार कर रही है. मुख्यमंत्री के प्रधान मीडिया सलाहकार नरेश चौहान ने कहा कि महिला सशक्तिकरण की दिशा में सरकार बेटियों की शादी की उम्र को बढ़ाने पर विचार कर रही है, जिसके लिए एक कमेटी बनाई जाएगी जो सबके सुझावों को लेकर रिपोर्ट तैयार करेगी. बेटियों की शादी की उम्र बढ़ने से उन्हें पढ़ाई का भी पूरा मौका मिलेगा.
नरेश चौहान ने कहा कि मुख्यमंत्री सुखविंदर सिंह सुक्खू और उनकी टीम ने हाल ही की भारी बारिश और प्राकृतिक आपदा के दौरान प्रदेश के लोगों के साथ खड़े होकर युद्ध स्तर पर जो कार्य किया उसकी विश्व बैंक के इंडिया में निदेशक और भाजपा के वरिष्ठ नेता एवं पूर्व मुख्यमंत्री शांता कुमार ने भी सराहना की है. नीति आयोग ने भी इस बात की चर्चा की और प्रदेश सरकार के प्रयासों की सराहना की और इस बारे एक पत्र लिखकर इस बात का उल्लेख किया है कि भारी आपदा में सरकार ने बेहतर कार्य किया है. कल ही मुख्यमंत्री सुखविंदर सिंह सुक्खू को वर्ल्ड बुक ऑफ रिकार्ड द्वारा सर्टिफिकेट आफ एक्सीलेंस प्रदान किया गया और यह सभी प्रदेशवासियों के लिए बड़े गर्व की बात है.
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नरेश चौहान ने आपदा कार्यों पर अनावश्यक टीका टिप्पणी करने और घटिया बयानबाजी करने का विपक्ष पर आरोप लगाया और कहा कि इस प्रकार की आलोचना करना उन्हें शोभा नहीं देता. उन्होंने कहा कि आपदा के नाम पर किसी प्रकार की राजनीति नहीं होनी चाहिए क्योंकि आपदा किसी पार्टी या वर्ग को देखकर नहीं आती. इसलिए ऐसी स्थिति को सत्तापक्ष और विपक्ष को साथ खड़े होकर काम करना चाहिए.
उन्होंने कहा कि मुख्यमंत्री ने आपदा के दौरान कड़े और सराहनीय फैसले लिए हैं और राहत मैनुअल में एक बड़ा बदलाव करके प्रदेश के लोगों को भारी राहत पहुंचा कर उनके घावों पर मरहम लगाने का प्रयास किया गया है. उन्होंने कहा कि इस प्राकृतिक आपदा के दौरान हिमाचल में निजी एवं सरकारी संपत्ति को भारी नुकसान पहुंचा है. प्रदेश में 3500 से उपर घर रहने योग्य नहीं है जबकि लगभग 10 हजार घर आंशिक रूप से क्षतिग्रस्त हुए हैं. हिमाचल की कमजोर आर्थिक स्थिति के बावजूद मुख्यमंत्री ने सभी वर्गो के लिए 4500 करोड़ रूपये के आर्थिक पैकेज की घोषणा की है जिसका विधिवत शुभारंभ 23 अक्तूबर को मंडी से किया जाएगा.
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नरेश चौहान ने कहा कि सरकार घर बनाने के लिए अब 1.30 लाख की जगह 7 लाख रुपये की सहायता सरकार करेगी और निर्माण कार्य पूरा होने के बाद उसमें बिजली एवं पानी के कनेक्शन भी सरकार उपलब्ध करवाएगी और सरकारी दरों पर सीमेंट भी उपलब्ध करवाएगी. सरकार ने हर तरह के मैनुअल में भी बदलाव किए हैं. हिमाचल में पौंग डैम से पानी छोड़ने पर फसलों को भी नुकसान हुआ है, उसके राहत पैकेज में बढ़ोतरी की गई है.
जिला परिषद के कर्मचारियों की हड़ताल पर उन्होंने कहा कि वर्तमान प्रदेश सरकार जिस तरह से कार्य कर रही है, उससे विपक्ष के लोग बौखला गए हैं, इसलिए यह उनकी मजबूरी है कि वह सरकार की तारीफ करने में संकोच कर रहे हैं. इससे भाजपा का चाल, चरित्र और चेहरा लोगों के सामने आ गया है. उन्होंने कहा कि यह सुखविंदर सिंह सुक्खू की ही सरकार है जिसने सत्ता में आते ही कर्मचारियों के लिए पुरानी पेंशन बहाल कर दस गारंटियों में अपना पहला वायदा पूरा किया है. उन्होंने जिला परिषद कर्मचारियों से कहा कि वे धरना प्रदर्शन करने की बजाए अपनी डयूटी को प्राथमिकता दें. उन्होंने कहा कि प्रदेश पहले ही इतनी बड़ी आपदा से जूझ रहा है और ऐसी परिस्थिति में कर्मचारियों को संयम बरतना चाहिए. उन्होंने कहा कि सरकार कर्मचारियों के हितों के प्रति पूरी तरह प्रतिबद्ध है और उनकी हर मांग को चरणबद्ध ढंग से पूरा किया जाएगा.
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बीजेपी अध्यक्ष राजीव बिंदल के इस ब्यान पर कि हिमाचल की सरकार ज्यादा दिन तक चलने वाली नहीं है, पर प्रतिक्रिया व्यक्त करते हुए नरेश चौहान ने कहा कि केंद्र और प्रदेश की पूर्व भाजपा सरकार ने प्रदेश में अपनी सरकार को रिपीट करवाने के लिए पूरा जोर लगाया था, लेकिन प्रदेश की जनता ने उन्हें पूरी तरह से नकार दिया.
उन्होंने कहा कि वर्तमान सरकार पर बेवजह आरोप लगाने वाली और नैतिकता की बात करने वाली विपक्षी पार्टी की पूर्व में प्रदेश में रही सरकार ने फिजूलखर्ची करके प्रदेश पर 75 हजार करोड़ रुपये का कर्जा छोड़ा. इससे निपटने के लिए सरकार खर्चो पर कटौती करके प्रदेश को पटरी पर लाने के लिए पूरे प्रयास कर रही है. उन्होंने कहा कि कांग्रेस पार्टी केवल नारों पर ही विश्वास नहीं करती अपितु अपने फैसलों को जमीनी स्तर पर अमल में लाने के लिए कड़े कदम उठाने से परहेज नहीं करती.
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