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ओल्ड पेंशन स्कीम बहाली की मांग पर गरजे प्राथमिक अध्यापक, सचिवालय के बाहर प्रदर्शन की दी चेतावनी - हिमाचल प्रदेश राजकीय प्राथमिक शिक्षक संघ शिमला का प्रोटेस्ट

इस प्रदर्शन में काफी संख्या में प्राथमिक टीचर्स ने भाग लिया और अपनी मांगों को लेकर नारेबाजी की. यह प्रदर्शन मुख्य रूप से पुरानी पेंशन बहाली की मांग को लेकर किया गया. जिसमें शिक्षकों ने एक ही मांग उठाई की वह नई पेंशन योजना का विरोध करते हैं और मांग करते हैं कि पुरानी पेंशन योजना को बहाल किया जाए.

Primary teacher protest in Shimla news, शिमला में प्राथमिक अध्यापकों के प्रर्दशन की न्यूज
ओल्ड पेंशन स्कीम बहाली की मांग पर प्राथमिक अध्यापकों का प्रदर्शन
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Published : Dec 18, 2019, 6:32 PM IST

शिमला: देश भर में हर राज्य के जिला मुख्यालय में बुधवार को राजकीय प्राथमिक अध्यापक संघ से जुड़े शिक्षकों ने अपनी मांगों को लेकर प्रदर्शन किया. इसी कड़ी में प्रदेश के जिला मुख्यालयों के साथ ही शिमला डीसी कार्यालय के बाहर हिमाचल प्रदेश राजकीय प्राथमिक शिक्षक संघ शिमला ने भी अपना प्रदर्शन किया.

इस प्रदर्शन में काफी संख्या में प्राथमिक टीचर्स ने भाग लिया और अपनी मांगों को लेकर नारेबाजी की. यह प्रदर्शन मुख्य रूप से पुरानी पेंशन बहाली की मांग को लेकर किया गया. जिसमें शिक्षकों ने एक ही मांग उठाई की वह नई पेंशन योजना का विरोध करते हैं और मांग करते हैं कि पुरानी पेंशन योजना को बहाल किया जाए.

हिमाचल प्रदेश राजकीय प्राथमिक शिक्षक संघ जिला शिमला के महासचिव कुलदीप सिंह मेहता ने कहा कि हमारा आज का धरना हिमाचल प्रदेश राजकीय प्राथमिक शिक्षक संघ जिला शिमला की ओर से अखिल भारतीय प्राथमिक शिक्षक संघ जिसका मुख्यालय दिल्ली और हिमाचल राजकीय प्राथमिक शिक्षक संघ के आवाहन पर सभी जिला मुख्यालयों यहां तक कि देश भर के राज्य के जिला मुख्यालयों के अंदर किया जा रहा है.

वीडियो.

कुलदीप सिंह मेहता ने कहा कि जिला शिमला में 3 हजार के करीब प्राथमिक शिक्षक हैं जो अपनी सेवाएं दे रहे हैं वहीं, व्यवस्तताओं के बीच भी इस प्रदर्शन में काफी संख्या में शिक्षक शामिल हुए हैं. उन्होंने कहा कि यह धरना प्रदर्शन मुख्य रूप से पुरानी पेंशन योजना की बहाली की मांग को लेकर और राष्ट्रीय शिक्षा नीति में किए जा रहे कुछ ऐसे प्रवधानों के विरोध में है जो शिक्षकों को मंजूर नहीं है.

कुलदीप सिंह मेहता ने कहा कि हमारी जो मांगे हैं उसमें यह भी शामिल है कि अध्यापक पात्रता परीक्षा को व्यवसायिक प्रशिक्षण से पहले करवाया जाए. वहीं, प्री नर्सरी कक्षाएं जो स्कूलों में शिक्षा की गुणवत्ता को बढ़ाने के शुरू कर दी गईं है उनके लिए अलग से शिक्षकों का प्रावधान किया जाए. अभी तक स्कूलों में तैनात प्राथमिक शिक्षक जो कई कक्षाओं को पढ़ा रहा है वहीं, प्री प्राइमरी कक्षाओं को भी पढ़ा रहा है जिससे कि शिक्षा की गुणवत्ता से खिलवाड़ किया जा रहा है.

कार्यरत शिक्षक को ट्रेनिंग करवाने से बेहतर है कि वहां संस्कृत विषय से जुड़े शिक्षक की ही नियुक्ति की जाए जिससे कि वह सही शिक्षा छात्रों को दे. संघ ने कहा है कि अगर उनकी मांगों और सरकार संज्ञान नहीं लेती है तो आगामी समय में सचिवालय के बाहर प्रदर्शन किया जाएगा.

ये भी पढ़ें- शिमला नगर निगम चुनाव: बीजेपी की सत्या कौंडल मेयर, शैलेन्द्र चाहौन बने डिप्टी मेयर

शिमला: देश भर में हर राज्य के जिला मुख्यालय में बुधवार को राजकीय प्राथमिक अध्यापक संघ से जुड़े शिक्षकों ने अपनी मांगों को लेकर प्रदर्शन किया. इसी कड़ी में प्रदेश के जिला मुख्यालयों के साथ ही शिमला डीसी कार्यालय के बाहर हिमाचल प्रदेश राजकीय प्राथमिक शिक्षक संघ शिमला ने भी अपना प्रदर्शन किया.

इस प्रदर्शन में काफी संख्या में प्राथमिक टीचर्स ने भाग लिया और अपनी मांगों को लेकर नारेबाजी की. यह प्रदर्शन मुख्य रूप से पुरानी पेंशन बहाली की मांग को लेकर किया गया. जिसमें शिक्षकों ने एक ही मांग उठाई की वह नई पेंशन योजना का विरोध करते हैं और मांग करते हैं कि पुरानी पेंशन योजना को बहाल किया जाए.

हिमाचल प्रदेश राजकीय प्राथमिक शिक्षक संघ जिला शिमला के महासचिव कुलदीप सिंह मेहता ने कहा कि हमारा आज का धरना हिमाचल प्रदेश राजकीय प्राथमिक शिक्षक संघ जिला शिमला की ओर से अखिल भारतीय प्राथमिक शिक्षक संघ जिसका मुख्यालय दिल्ली और हिमाचल राजकीय प्राथमिक शिक्षक संघ के आवाहन पर सभी जिला मुख्यालयों यहां तक कि देश भर के राज्य के जिला मुख्यालयों के अंदर किया जा रहा है.

वीडियो.

कुलदीप सिंह मेहता ने कहा कि जिला शिमला में 3 हजार के करीब प्राथमिक शिक्षक हैं जो अपनी सेवाएं दे रहे हैं वहीं, व्यवस्तताओं के बीच भी इस प्रदर्शन में काफी संख्या में शिक्षक शामिल हुए हैं. उन्होंने कहा कि यह धरना प्रदर्शन मुख्य रूप से पुरानी पेंशन योजना की बहाली की मांग को लेकर और राष्ट्रीय शिक्षा नीति में किए जा रहे कुछ ऐसे प्रवधानों के विरोध में है जो शिक्षकों को मंजूर नहीं है.

कुलदीप सिंह मेहता ने कहा कि हमारी जो मांगे हैं उसमें यह भी शामिल है कि अध्यापक पात्रता परीक्षा को व्यवसायिक प्रशिक्षण से पहले करवाया जाए. वहीं, प्री नर्सरी कक्षाएं जो स्कूलों में शिक्षा की गुणवत्ता को बढ़ाने के शुरू कर दी गईं है उनके लिए अलग से शिक्षकों का प्रावधान किया जाए. अभी तक स्कूलों में तैनात प्राथमिक शिक्षक जो कई कक्षाओं को पढ़ा रहा है वहीं, प्री प्राइमरी कक्षाओं को भी पढ़ा रहा है जिससे कि शिक्षा की गुणवत्ता से खिलवाड़ किया जा रहा है.

कार्यरत शिक्षक को ट्रेनिंग करवाने से बेहतर है कि वहां संस्कृत विषय से जुड़े शिक्षक की ही नियुक्ति की जाए जिससे कि वह सही शिक्षा छात्रों को दे. संघ ने कहा है कि अगर उनकी मांगों और सरकार संज्ञान नहीं लेती है तो आगामी समय में सचिवालय के बाहर प्रदर्शन किया जाएगा.

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देश भर में हर राज्य के जिला मुख्यालय में आज राजकीय प्राथमिक अध्यापक संघ से जुड़े शिक्षकों ने अपनी मांगों को लेकर प्रदर्शन किया है। उसी कड़ी में प्रदेश के जिला मुख्यालयों के साथ ही शिमला उपायुक्त कार्यालय के बाहर भी हिमाचल प्रदेश राजकीय प्राथमिक शिक्षक संघ जिला शिमला ने भी अपना प्रदर्शन किया। इस प्रदर्शन में काफी संख्या में प्राथमिक टीचर्स ने भाग लिया ओर अपनी मांगों को लेकर नारेबाज़ी की। यह प्रदर्शन मुख्य रूप से पुरानी पेंशन बहाली की मांग को लेकर किया गया जिसमें शिक्षकों ने एक ही मांग उठाई की वह नई पेंशन योजना का विरोध करते है और मांग करते है कि पुरानी पेंशन योजना को बहाल किया जाए।



Body:हिमाचल प्रदेश राजकीय प्राथमिक शिक्षक संघ जिला शिमला के महासचिव कुलदीप सिंह मेहता ने कहा कि हमारा आज का धरना हिमाचल प्रदेश राजकीय प्राथमिक शिक्षक संघ जिला शिमला की ओर से अखिल भारतीय प्राथमिक शिक्षक संघ जिसका मुख्यालय दिल्ली और हिमाचल राजकीय प्राथमिक शिक्षक संघ के आवाहन पर सभी जिला मुख्यालयों यहां तक कि देश भर के राज्य के जिला मुख्यालयों के अंदर किया जा रहा है। जिला शिमला में 3 हज़ार के करीब प्राथमिक शिक्षक है जो अपनी सेवाएं दे रहे है वहीं व्यवस्तताओं के बीच भी इस प्रदर्शन में काफी संख्या में शिक्षक शामिल हुए है। उन्होंने कहा कि यह धरना प्रदर्शन मुख्य रूप से पुरानी पेंशन योजना की बहाली की मांग को लेकर ओर राष्ट्रीय शिक्षा नीति में किए जा रहे कुछ ऐसे प्रवधानों के विरोध में है जो शिक्षकों को मंजूर नहीं है।


Conclusion:उन्होंने कहा कि हमारी जो मांगे है उसमें यह भी शामिल है कि अध्यापक पात्रता परीक्षा को व्यवसायिक प्रशिक्षण से पहले करवाया जाए। वहीं प्री नर्सरी कक्षाएं जो स्कूलों में शिक्षा की गुणवत्ता को बढ़ाने के शुरू कर दी गईं है उनके लिए अलग से शिक्षकों का प्रावधान किया जाए। अभी तक स्कूलों में तैनात प्राथमिक शिक्षक जो क़ई कक्षाओं को पढ़ा रहा है वहीं प्री प्राइमरी कक्षाओं को भी पढ़ा रहा है जिससे कि शिक्षा की गुणवत्ता से खिलवाड़ किया जा रहा है। उन्होंने कहा है कि सरकार ने तय किया है आगामी शैक्षणिक सत्र से संस्कृत भाषा स्कूलों में शुरू कर दी जाएगी ऐसे में हमारी मांग है कि वहां क
कार्यरत शिक्षक को ट्रेनिंग करवाने से बेहतर है कि वहां संस्कृत विषय से जुड़े शिक्षक की ही नियुक्ति की जाए जिससे कि वह सही शिक्षा छात्रों को दे। संघ ने कहा है कि अगर उनकी मांगों ओर सरकार संज्ञान नहीं लेती है तो आगामी समय में यह प्रदर्शन सचिवालय के बाहर होगा।
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