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क्लीनिकल एस्टेब्लिशमेंट एक्ट: HC ने स्वास्थ्य विभाग से मांगा शपथ पत्र - himachal news

बेट्रस फोर्स फॉर ट्रांस्फेंसी इन पब्लिक लाइफ संस्था द्वारा क्लीनिकल एस्टेब्लिशमेंटएक्ट 2010 लागू करवाने को लेकर याचिका दायर की थी, सुनवाई के दौरान कोर्ट ने स्वास्थ्य विभाग के सचिव को शपथ पत्र देने को कहा है.

HC ने स्वास्थ्य विभाग से मांगा शपथ पत्र
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Published : Aug 6, 2019, 6:56 PM IST

Updated : Aug 6, 2019, 8:06 PM IST

शिमला: प्रदेश में क्लीनिकल एस्टेब्लिशमेंट एक्ट 2010 को लागू न करने पर हाईकोर्ट ने सरकार से शपथ पत्र देने के निर्देश जारी किये हैं. बता दें कि बेट्रस फोर्स फॉर ट्रांस्फेंसी इन पब्लिक लाइफ संस्था द्वारा क्लीनिकल एस्टेब्लिशमेंटएक्ट 2010 लागू करवाने को लेकर याचिका दायर की थी, सुनवाई के दौरान कोर्ट ने स्वास्थ्य विभाग के सचिव को शपथ पत्र देने को कहा है.

क्लीनिकल एस्टेब्लिशमेंट एक्ट

बेट्रस फॉर्म फॉर ट्रांस्फेंसी इन पब्लिक लाइफ संस्था के अध्यक्ष विधि चंद लगवाल ने कहा कि क्लीनिकल एस्टेब्लिशमेंटएक्ट को 2012 में लागू करने के निर्देश दिए थे, लेकिन 9 साल बीत जाने के बाद भी राज्य सरकार इसे लागू नहीं कर रही हैं.

विधि चंद लगवाल ने कहा कि हिमाचल में इसे लागू करवाने के लिए 2016 में हाई कोर्ट में याचिका दायर की थी और आज कोर्ट ने संस्था के हक में फैसला देते हुए सरकार को सख्ती से इसे लागू करने के निर्देश दिए और जल्द शपथ पत्र देने को कहा है.

अध्यक्ष ने बताया कि मामले में अगली सुनवाई 4 सितम्बर को होगी. उन्होंने कहा कि क्लीनिकल एस्टेब्लिशमेंटएक्ट 2010 लागू होने से जहा अस्पतालों में रेट लिस्ट दर्शानी होगी, वहीं सरकारी निजी अस्पतालों और क्लीनिक में उचित स्टाफ और भवन की व्यवस्था होगी. उन्होंने कहा कि प्रदेश में क्लीनिक और अस्पताल चलाकर लोगों से मनमर्जी के पैसे वसूले जा रहे हैं, लेकिन इस एक्ट के लागू होने से लोगों को ज्यादा पैसे नहीं देने पड़ेंगे और अस्पतालों में रेट लिस्ट को भी लगाना पड़ेगा.

ये भी पढ़े:अंधेरी रात में नशे का काला कारोबार करने वाला चढ़ा पुलिस के हत्थे, 780 ग्राम चरस बरामद

शिमला: प्रदेश में क्लीनिकल एस्टेब्लिशमेंट एक्ट 2010 को लागू न करने पर हाईकोर्ट ने सरकार से शपथ पत्र देने के निर्देश जारी किये हैं. बता दें कि बेट्रस फोर्स फॉर ट्रांस्फेंसी इन पब्लिक लाइफ संस्था द्वारा क्लीनिकल एस्टेब्लिशमेंटएक्ट 2010 लागू करवाने को लेकर याचिका दायर की थी, सुनवाई के दौरान कोर्ट ने स्वास्थ्य विभाग के सचिव को शपथ पत्र देने को कहा है.

क्लीनिकल एस्टेब्लिशमेंट एक्ट

बेट्रस फॉर्म फॉर ट्रांस्फेंसी इन पब्लिक लाइफ संस्था के अध्यक्ष विधि चंद लगवाल ने कहा कि क्लीनिकल एस्टेब्लिशमेंटएक्ट को 2012 में लागू करने के निर्देश दिए थे, लेकिन 9 साल बीत जाने के बाद भी राज्य सरकार इसे लागू नहीं कर रही हैं.

विधि चंद लगवाल ने कहा कि हिमाचल में इसे लागू करवाने के लिए 2016 में हाई कोर्ट में याचिका दायर की थी और आज कोर्ट ने संस्था के हक में फैसला देते हुए सरकार को सख्ती से इसे लागू करने के निर्देश दिए और जल्द शपथ पत्र देने को कहा है.

अध्यक्ष ने बताया कि मामले में अगली सुनवाई 4 सितम्बर को होगी. उन्होंने कहा कि क्लीनिकल एस्टेब्लिशमेंटएक्ट 2010 लागू होने से जहा अस्पतालों में रेट लिस्ट दर्शानी होगी, वहीं सरकारी निजी अस्पतालों और क्लीनिक में उचित स्टाफ और भवन की व्यवस्था होगी. उन्होंने कहा कि प्रदेश में क्लीनिक और अस्पताल चलाकर लोगों से मनमर्जी के पैसे वसूले जा रहे हैं, लेकिन इस एक्ट के लागू होने से लोगों को ज्यादा पैसे नहीं देने पड़ेंगे और अस्पतालों में रेट लिस्ट को भी लगाना पड़ेगा.

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Intro: प्रदेश में क्लिनिकल स्टेब्लिशमेन्ट एक्ट 2010 को लागु न करने पर हाईकोर्ट ने सरकार से शपथ पत्र देने के निर्देश जारी किये है ! बेट्रस फ़ोर्स फॉर ट्रांस्फेंसी इन पब्लिक लाइफ संस्था द्वारा क्लिनिकल स्टेब्लिशमेन्ट एक्ट 2010 लागु करवाने को लेकर याचिका दायर की थी ! मंगलवार को सुनवाई के दौरान कोर्ट ने स्वास्थ्य विभाग के सचिव से इसको लेकर शपथ पत्र देने को कहा है ! बेट्रस फॉर्म फॉर ट्रांस्फेंसी इन पब्लिक लाइफ संस्था के अध्यक्ष निधि चंद लगवाल ने कहा कि क्लिनिकल स्टेब्लिशमेन्ट एक्ट 2010 लाया था और 2012 में इसे लागु करने के निर्देश दिए थे लेकिन 9 साल बीत जाने के बाद भी राज्य सरकारे इसे लागू नही कर रही है ! Body:हिमाचल में इसे लागू करवाने के लिए 2016 में हाई कोर्ट में याचिका दायर की थी और आज कोर्ट ने संस्था के हक में फेसला देते हुए सरकार को सख्ती से इसे लागू करने के निर्देश दिए और जल्द शपथपत्र देने को कहा है ! मामले में अगली सुनवाई 4 सितम्बर को होगी ! उन्होंने कहा कि क्लिनिकल स्टेब्लिशमेन्ट एक्ट 2010 लागु होने से जहा अस्पतालों में रेट लिस्ट दरशनी होगी वही सरकारी निजी अस्पतालों और क्लिनिक में उचित स्टाफ और भवन की व्यवस्था करनी होती ! उन्होंने कहा कि प्रदेश में अभी एक दो कमरों में क्लिनिक और अस्पताल चलाये जा रहे है और लोगो से मनमर्जी के पैसे वसूले जा रहे है ! लेकिन इस एक्ट के लागू होने से लोगो को ज्यादा पैसे नही देने पड़ेगे और अस्पतालों में बाकयदा रेट लिस्ट को लगाना होगा !Conclusion:
Last Updated : Aug 6, 2019, 8:06 PM IST
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