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Pradosh Vrat March 2023: चार मार्च को होगा शनि प्रदोष व्रत, जानें क्यों मिलता शनि भगवान का आर्शीवाद

मार्च 2023 में प्रदोष व्रत 4 और 19 मार्च को पडे़गा. इस दिन भगवान भोलेनाथ की पूजा-अर्चना करने से हर मनोकामना पूरी हो जाती है. (Pradosh Vrat March 2023)

Pradosh Vrat March 2023
Pradosh Vrat March 2023
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Published : Feb 20, 2023, 10:27 AM IST

प्रदोष व्रत 2023 मार्च महीने में पहला प्रदोष व्रत 2023 चार मार्च को पडे़गा. इस दिन शिव भगवान की पूजा-अर्चना करने से सारी मनोकामनाएं पूरी हो जाती है. महीने में दो बार प्रदोष व्रत पड़ता है. मार्च 2023 का दूसरा प्रदोष व्रत फिर 19 मार्च को आएगा. वैसे तो प्रदोष व्रत में शंकर भगवान की आराधना कभी भी की जा सकती है, लेकिन प्रदोष काल में की गई पूजा सबसे अच्छी मानी जाती है. प्रदोष काल का समय सूर्यास्त से 45 मिनट पहले शुरू होता है और सूर्यास्त के 45 मिनट बाद तक रहता है.

शनिवार को पडे़गी प्रदोष: मार्च महीन की पहली प्रदोष इस बार शनिवार को पड़ेगी. इसलिए इसे शनि प्रदोष के नाम से भी जाना जाता है. पंडितों से मिली जानकारी के मुताबिक प्रदोष व्रत की शुरुआत 4 मार्च 2023 को सुबह 11: 43 बजे होगी. समापन अगले दिन यानी 5 मार्च रविवार को दोपहर को 2 बजकर 7 मिनट पर होगा. वहीं, 19 मार्च को आने वाली प्रदोष रविवार के दिन पड़ेगी.

शिव के साथ शनि भगवान का भी मिलता आर्शीवाद: प्रदोष व्रत पर शिव भगवान की आराधना करने से भगवान शंकर की कृपा और आर्शीवाद तो मिलता ही है,लेकिन शनिवार के दिन प्रदोष पड़ने पर अगर शनि भगवान की भी पूजा-अर्चना भी की जाए तो उनका भी आर्शीवाद मिलता है. माना जाता है कि शनि प्रदोष व्रत रखने से कष्ट दूर हो जाते है.

अप्रैल-मई में प्रदोष का दिन एक ही रहेगा: वहीं, अप्रैल 2023 में पहली प्रदोष 3 अप्रले को पड़ेगी. दूसरी प्रदोष का समय 17 अप्रैल रहेगा. संयोग देखिए की मई 2023 में पहली प्रदोष का दिन 3 मई ही रहेगा और दूसरी प्रदोष का समय 17 मई ही पडे़गा. अप्रैल में पड़ने वाली दोनों प्रदोष सोमवार के दिन आएंगी. वहीं, मई में दोनों प्रदोष पर बुधवार पड़ेगा.

ये भी पढ़ें : Falgun Amavasya 2023: आज फाल्गुन अमावस्या, परिघ योग में लोग न करें कोई शुभ कार्य

प्रदोष व्रत 2023 मार्च महीने में पहला प्रदोष व्रत 2023 चार मार्च को पडे़गा. इस दिन शिव भगवान की पूजा-अर्चना करने से सारी मनोकामनाएं पूरी हो जाती है. महीने में दो बार प्रदोष व्रत पड़ता है. मार्च 2023 का दूसरा प्रदोष व्रत फिर 19 मार्च को आएगा. वैसे तो प्रदोष व्रत में शंकर भगवान की आराधना कभी भी की जा सकती है, लेकिन प्रदोष काल में की गई पूजा सबसे अच्छी मानी जाती है. प्रदोष काल का समय सूर्यास्त से 45 मिनट पहले शुरू होता है और सूर्यास्त के 45 मिनट बाद तक रहता है.

शनिवार को पडे़गी प्रदोष: मार्च महीन की पहली प्रदोष इस बार शनिवार को पड़ेगी. इसलिए इसे शनि प्रदोष के नाम से भी जाना जाता है. पंडितों से मिली जानकारी के मुताबिक प्रदोष व्रत की शुरुआत 4 मार्च 2023 को सुबह 11: 43 बजे होगी. समापन अगले दिन यानी 5 मार्च रविवार को दोपहर को 2 बजकर 7 मिनट पर होगा. वहीं, 19 मार्च को आने वाली प्रदोष रविवार के दिन पड़ेगी.

शिव के साथ शनि भगवान का भी मिलता आर्शीवाद: प्रदोष व्रत पर शिव भगवान की आराधना करने से भगवान शंकर की कृपा और आर्शीवाद तो मिलता ही है,लेकिन शनिवार के दिन प्रदोष पड़ने पर अगर शनि भगवान की भी पूजा-अर्चना भी की जाए तो उनका भी आर्शीवाद मिलता है. माना जाता है कि शनि प्रदोष व्रत रखने से कष्ट दूर हो जाते है.

अप्रैल-मई में प्रदोष का दिन एक ही रहेगा: वहीं, अप्रैल 2023 में पहली प्रदोष 3 अप्रले को पड़ेगी. दूसरी प्रदोष का समय 17 अप्रैल रहेगा. संयोग देखिए की मई 2023 में पहली प्रदोष का दिन 3 मई ही रहेगा और दूसरी प्रदोष का समय 17 मई ही पडे़गा. अप्रैल में पड़ने वाली दोनों प्रदोष सोमवार के दिन आएंगी. वहीं, मई में दोनों प्रदोष पर बुधवार पड़ेगा.

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