शिमला: हिमाचल प्रदेश में पीपीई किट खरीद घोटाले में नाम आने के बाद बीजेपी के प्रदेश अध्यक्ष डॉ. राजीव बिंदल को अपनी कुर्सी गंवानी पड़ी. डॉ. राजीव बिंदल ने इस्तीफा देते हुए कहा है कि वह नैतिकता के आधार पर इस्तीफा दे रहे हैं.
पीपीई किट खरीद घोटाला सामने आने के बाद से कांग्रेस भी बीजेपी पर लगातार हमलावर हो रही है. विपक्ष ने आरोप लगाया कि सरकार को इस घोटाले को लेकर पारदर्शिता बरतनी चाहिए थी, लेकिन सरकार लगातार इस मामले को दबाने में लगी हुई है. विपक्ष का आरोप है कि स्वास्थ्य विभाग में हुए घोटाले के लिए सीधे तौर पर सीएम जयराम ठाकुर जिम्मेदार हैं, इसलिए उन्हें भी पार्टी अध्यक्ष की तरह नैतिकता के आधार पर इस्तीफा दे देना चाहिए.
विपक्ष का कहना है कि इल्जाम किसी पर था, लेकिन नैतिकता भाजपा के प्रदेश अध्यक्ष राजीव बिंदल ने दिखाई. धनीराम शांडिल ने कहा कि स्वास्थ्य मंत्रालय जिनके अधीन हैं उन्हें नैतिकता के आधार पर इस्तीफा दे देना चाहिए. विपक्ष का आरोप है कि मुख्यमंत्री के विभाग में ही भ्रष्टाचार हुआ है ऐसे में जांच निष्पक्ष नहीं हो सकती. मुख्यमंत्री जब तक पद पर बने हुए हैं जांच में निष्पक्षता नामुमकिन है.
डल्हौजी की विधायक आशा कुमारी ने बीजेपी पर हमला बोलते हुए कहा कि हिमाचल प्रदेश में आनन-फानन में प्रदेश बीजेपी के अध्यक्ष डॉ. राजीव बिंदल का इस्तीफा हास्य प्रद है, क्योंकि जो लोग बात कर रहे हैं जिसमें भारतीय जनता पार्टी के प्रदेश अध्यक्ष का क्या रोल हो सकता है यही जांच का विषय है.
घोटालों और भ्रष्टाचार के लिए कांग्रेस की छीछालेदर करती आई बीजेपी अब खुद कांग्रेस पार्टी के नेताओं के निशाने पर है. बता दें कि राजीव बिंदल को इस साल के जनवरी में ही प्रदेश बीजेपी अध्यक्ष बनाया गया था. इससे पहले वह विधानसभा अध्यक्ष के संवैधानिक पद पर काम कर रहे थे.
ऐसे समय में जब देश कोरोना वायरस संकट से जूझ रहा है, ऐसे में बीजेपी शासित प्रदेश में कोरोना वायरस इक्विपमेंट खरीद घोटाले में खुद पार्टी के अध्यक्ष का नाम सामने आने से पार्टी की साख को बट्टा लगा है.
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