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पीपीई खरीद घोटाला: BJP पर हमलावर हुई कांग्रेस, सीएम के इस्तीफे की मांग

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Published : Jun 7, 2020, 10:32 PM IST

घोटालों और भ्रष्टाचार के लिए कांग्रेस की छीछालेदर करती आई बीजेपी अब खुद कांग्रेस पार्टी के नेताओं के निशाने पर है. कोरोना इक्वीपमेंट यानी पीपीई किट खरीद घोटाले में नाम आने के बाद बीजेपी के प्रदेश अध्यक्ष डॉ. राजीव बिंदल को अपनी कुर्सी गंवानी पड़ी. डॉ. राजीव बिंदल ने इस्तीफा देते हुए कहा है कि वह नैतिकता के आधार पर इस्तीफा दे रहे हैं.

himachal pradesh news, हिमाचल प्रदेश न्यूज
डिजाइन फोटो.

शिमला: हिमाचल प्रदेश में कोरोना इक्वीपमेंट यानी पीपीई किट खरीद घोटाले में नाम आने के बाद बीजेपी के प्रदेश अध्यक्ष डॉ. राजीव बिंदल को अपनी कुर्सी गंवानी पड़ी. डॉ. राजीव बिंदल ने इस्तीफा देते हुए कहा है कि वह नैतिकता के आधार पर इस्तीफा दे रहे हैं.

पीपीई किट खरीद घोटाला सामने आने के बाद से कांग्रेस भी बीजेपी पर लगातार हमलावर हो रही है. पूर्व परिवहन मंत्री जीएस बाली ने आरोप लगाया कि सरकार को इस घोटाले को लेकर पारदर्शिता बरतनी चाहिए थी, लेकिन सरकार लगातार इस मामले को दबाने में लगी हुई है.

वहीं, पूर्व की कांग्रेस सरकार में स्वास्थ्य मंत्री रहे और कांग्रेस के दिग्गज नेता कौल सिंह ठाकुर ने आरोप लगाया कि स्वास्थ्य विभाग में हुए घोटाले के लिए सीधे तौर पर सीएम जयराम ठाकुर जिम्मेदार हैं, इसलिए उन्हें भी पार्टी अध्यक्ष की तरह नैतिकता के आधार पर इस्तीफा दे देना चाहिए.

सोलन के विधायक कर्नल धनीराम शांडिल ने पीपीई किट मामले पर प्रदेश सरकार पर निशाना साधते हुए कहा कि इल्जाम किसी पर था, लेकिन नैतिकता भाजपा के प्रदेश अध्यक्ष राजीव बिंदल ने दिखाई. धनीराम शांडिल ने कहा कि स्वास्थ्य मंत्रालय जिनके अधीन हैं उन्हें नैतिकता के आधार पर इस्तीफा देना चाहिए.

कोविड फंड को लेकर भी कांग्रेस ने घेरा

कांग्रेस के विधायक विक्रमादित्य सिंह ने भी विपक्ष पर हमला किया है. विक्रमादित्य सिंह ने आरोप लगाया कि कोविड फंड में कोई गड़बड़ी नहीं है तो सीएम को श्वेत पत्र जारी करना चाहिए. विक्रमादित्य सिंह ने कहा कि मुख्यमंत्री प्रदेश की जनता को बताए कि कितने पैसे कोविड फंड में आये हैं और किन लोगों ने दिए हैं और ये कहां खर्च किए हैं.

घोटालों और भ्रष्टाचार के लिए कांग्रेस की छीछालेदर करती आई बीजेपी अब खुद कांग्रेस पार्टी के नेताओं के निशाने पर है. हिमाचल प्रदेश की प्रमुख विपक्षी पार्टी कांग्रेस ने इसे पाप करार देते हुए कहा है कि बीजेपी नेताओं के नाम घोटालों में उजागर होने से यह किसी देशद्रोह से कम नहीं है, क्योंकि लोग अपनी जमा की गई पाई-पाई से मुख्यमंत्री राहत कोष में दान कर रहे हैं और भ्रष्ट अधिकारी और बीजेपी नेता उससे अपनी जेब भर रहे हैं.

ये भी पढ़ें- ऑडियो लीक मामला: कोर्ट ने आरोपी को 5 दिन के पुलिस रिमांड पर भेजा

शिमला: हिमाचल प्रदेश में कोरोना इक्वीपमेंट यानी पीपीई किट खरीद घोटाले में नाम आने के बाद बीजेपी के प्रदेश अध्यक्ष डॉ. राजीव बिंदल को अपनी कुर्सी गंवानी पड़ी. डॉ. राजीव बिंदल ने इस्तीफा देते हुए कहा है कि वह नैतिकता के आधार पर इस्तीफा दे रहे हैं.

पीपीई किट खरीद घोटाला सामने आने के बाद से कांग्रेस भी बीजेपी पर लगातार हमलावर हो रही है. पूर्व परिवहन मंत्री जीएस बाली ने आरोप लगाया कि सरकार को इस घोटाले को लेकर पारदर्शिता बरतनी चाहिए थी, लेकिन सरकार लगातार इस मामले को दबाने में लगी हुई है.

वहीं, पूर्व की कांग्रेस सरकार में स्वास्थ्य मंत्री रहे और कांग्रेस के दिग्गज नेता कौल सिंह ठाकुर ने आरोप लगाया कि स्वास्थ्य विभाग में हुए घोटाले के लिए सीधे तौर पर सीएम जयराम ठाकुर जिम्मेदार हैं, इसलिए उन्हें भी पार्टी अध्यक्ष की तरह नैतिकता के आधार पर इस्तीफा दे देना चाहिए.

सोलन के विधायक कर्नल धनीराम शांडिल ने पीपीई किट मामले पर प्रदेश सरकार पर निशाना साधते हुए कहा कि इल्जाम किसी पर था, लेकिन नैतिकता भाजपा के प्रदेश अध्यक्ष राजीव बिंदल ने दिखाई. धनीराम शांडिल ने कहा कि स्वास्थ्य मंत्रालय जिनके अधीन हैं उन्हें नैतिकता के आधार पर इस्तीफा देना चाहिए.

कोविड फंड को लेकर भी कांग्रेस ने घेरा

कांग्रेस के विधायक विक्रमादित्य सिंह ने भी विपक्ष पर हमला किया है. विक्रमादित्य सिंह ने आरोप लगाया कि कोविड फंड में कोई गड़बड़ी नहीं है तो सीएम को श्वेत पत्र जारी करना चाहिए. विक्रमादित्य सिंह ने कहा कि मुख्यमंत्री प्रदेश की जनता को बताए कि कितने पैसे कोविड फंड में आये हैं और किन लोगों ने दिए हैं और ये कहां खर्च किए हैं.

घोटालों और भ्रष्टाचार के लिए कांग्रेस की छीछालेदर करती आई बीजेपी अब खुद कांग्रेस पार्टी के नेताओं के निशाने पर है. हिमाचल प्रदेश की प्रमुख विपक्षी पार्टी कांग्रेस ने इसे पाप करार देते हुए कहा है कि बीजेपी नेताओं के नाम घोटालों में उजागर होने से यह किसी देशद्रोह से कम नहीं है, क्योंकि लोग अपनी जमा की गई पाई-पाई से मुख्यमंत्री राहत कोष में दान कर रहे हैं और भ्रष्ट अधिकारी और बीजेपी नेता उससे अपनी जेब भर रहे हैं.

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