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कांग्रेस में पोस्टर फाड़ राजनीति का दौर, भाजपा का होमवर्क पर जोर

आजकल सबके जहन में एक ही सवाल है कि प्रदेश में कांग्रेस के भीतर क्या चल रहा है. बात चाहे पोस्टर फाड़ राजनीति की हो या फिर विधायकों की गाड़ियों में झंडी को लेकर आपसी असहमति. कांग्रेस में अपनी-अपनी ढपली, अपना-अपना राग जैसे आलम है. निगम चुनावों में संजीवनी मिलने के बाद एक साथ चलकर मिशन 2022 फतह करने की जो तस्वीर दिखाने की कोशिश की जा रही है. सही मायनों में अंदर से वो उतनी ही धुंधली है. इस दौर में कांग्रेस की राजनीति को समझने के लिए एरक शायर की ये पंक्तियां 'आ तो गए हैं तेरी महफिल में अब किसको पता किस दिल से आए हैं'. इसे चरितार्थ कर आगे बढ़ रही है. वहीं, भाजपा ने आत्मचिंतन कर स्थिति को भांपा और रणनीति बनाकर काम करना शुरू कर दिया.

Former Minister GS Bali
कांग्रेस में पोस्टर वार
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Published : May 28, 2021, 2:32 PM IST

शिमला: माना जाता है कि कांग्रेस को चुनाव आम जनता नहीं, बल्कि कांग्रेसी ही हरा देते हैं. राजधानी शिमला में पूर्व मंत्री जीएस बाली का पोस्टर फाड़कर स्याही पोतने की बात हो या फिर प्रदेश के सबसे बड़े जिले कांगड़ा से ताल्लुख रखने वाले बाली के यहां पोस्टर फाड़कर कांग्रेस में उनका कद बताने की कोशिश हो. वहीं, अब मंडी में पोस्टर फाड़ तस्वीर का सामने आना यह समझने के लिए काफी है कि इस वक्त कांग्रेस, सत्ताधारी भाजपा से लड़ने की स्थिति में नहीं है. कांग्रेस में वजूद की लड़ाई चरम पर है. जानकारों का मानना है कि कांग्रेस को अगर मिशन 2022 में भाजपा को टक्कर देना है तो उसे जल्द पहले अपने घर की लड़ाई को सुलझाना होगा, क्योंकि जितनी लंबी लड़ाई कांग्रेस के अंदर चलेगी उतना बड़ा नुकसान विधानसभा चुनाव में नजर आएगा.

होर्डिंग से कांग्रेस में बवाल

दरअसल राहत अभियान के तहत लगाए गए होर्डिंग से कांग्रेस में बवाल मच गया है. इससे पहले शिमला में पूर्व कैबिनेट मंत्री जीएस बाली की फोटो फाड़कर स्याही पोतने और फिर कांगड़ा में पोस्टर फाड़ने का मामला सामने आया था. अब मंडी में भी पोस्टर फाड़ने का मामला सामने आ गया. कांग्रेस यहां निगम चुनावों में करारी हार के बाद मजबूत होने की दिशा में काम कर रही है. इस तरह के पोस्टर वार को देखकर कांग्रेस का जल्द मजबूती के साथ खड़ा होना मुश्किल लगता है.

झंडी को लेकर भी एकमत नहीं

विधायकों की गाड़ियों पर झंडी लगाने की बात पर भी कांग्रेस में अतंर्कलह अब किसी से छुपी नहीं है. कुसुम्पटी से कांग्रेस विधायक अनिरुद्ध सिंह ने जहां कोरोना बीमारी में लोगों के मरने को लेकर चिंता जाहिर कर विधायकों की सुख सुविधाओं को बढ़ाने को गलत बताया. वहीं, पूर्व मुख्यमंत्री वीरभद्र के बेटे और विधायक विक्रमादित्य ने झंडी मामले को लेकर तूल नहीं देने की बात कहकर समर्थन किया. वहीं, स्वास्थ्य मंत्री डॉ. राजीव सैजल ने कहा सर्वदलीय बैठक में झंडी को लेकर फैसला हुआ. कांग्रेस का अंदर सहमति देना बाहर विरोध करना उचित नहीं लगता.

भाजपा का होमवर्क पर जोर

निगम चुनावों में सोलन और पालमपुर में हार की बात हो या फिर कोविड-19 में कामकाज को लेकर विपक्ष के हमलावर होने के बाद लगता है, बीजेपी ने आत्मचिंतन किया है. बाजी अपने हाथ से निकलता देख भाजपा ने मैदान में उतरकर लोगों तक पहुंचने की रणनीति बनाई और होमवर्क पर काम करना शुरू किया. भाजपा सूत्रों की मानें तो हाल ही में धर्मशाला दौरे के दौरान सीएम जयराम ठाकुर की संघ के साथ बैठक हुई. इसमे संघ की ओर से कोरोना काल में जनता के बीच जाकर उनकी समस्याओं का निदान करने की बात प्रमुखता से कही गई.

ये भी पढ़ें:कांग्रेस का बवाली पोस्टर! खुद अपने 'घर की लड़ाई' दुनिया को दिखा रही कांग्रेस

शिमला: माना जाता है कि कांग्रेस को चुनाव आम जनता नहीं, बल्कि कांग्रेसी ही हरा देते हैं. राजधानी शिमला में पूर्व मंत्री जीएस बाली का पोस्टर फाड़कर स्याही पोतने की बात हो या फिर प्रदेश के सबसे बड़े जिले कांगड़ा से ताल्लुख रखने वाले बाली के यहां पोस्टर फाड़कर कांग्रेस में उनका कद बताने की कोशिश हो. वहीं, अब मंडी में पोस्टर फाड़ तस्वीर का सामने आना यह समझने के लिए काफी है कि इस वक्त कांग्रेस, सत्ताधारी भाजपा से लड़ने की स्थिति में नहीं है. कांग्रेस में वजूद की लड़ाई चरम पर है. जानकारों का मानना है कि कांग्रेस को अगर मिशन 2022 में भाजपा को टक्कर देना है तो उसे जल्द पहले अपने घर की लड़ाई को सुलझाना होगा, क्योंकि जितनी लंबी लड़ाई कांग्रेस के अंदर चलेगी उतना बड़ा नुकसान विधानसभा चुनाव में नजर आएगा.

होर्डिंग से कांग्रेस में बवाल

दरअसल राहत अभियान के तहत लगाए गए होर्डिंग से कांग्रेस में बवाल मच गया है. इससे पहले शिमला में पूर्व कैबिनेट मंत्री जीएस बाली की फोटो फाड़कर स्याही पोतने और फिर कांगड़ा में पोस्टर फाड़ने का मामला सामने आया था. अब मंडी में भी पोस्टर फाड़ने का मामला सामने आ गया. कांग्रेस यहां निगम चुनावों में करारी हार के बाद मजबूत होने की दिशा में काम कर रही है. इस तरह के पोस्टर वार को देखकर कांग्रेस का जल्द मजबूती के साथ खड़ा होना मुश्किल लगता है.

झंडी को लेकर भी एकमत नहीं

विधायकों की गाड़ियों पर झंडी लगाने की बात पर भी कांग्रेस में अतंर्कलह अब किसी से छुपी नहीं है. कुसुम्पटी से कांग्रेस विधायक अनिरुद्ध सिंह ने जहां कोरोना बीमारी में लोगों के मरने को लेकर चिंता जाहिर कर विधायकों की सुख सुविधाओं को बढ़ाने को गलत बताया. वहीं, पूर्व मुख्यमंत्री वीरभद्र के बेटे और विधायक विक्रमादित्य ने झंडी मामले को लेकर तूल नहीं देने की बात कहकर समर्थन किया. वहीं, स्वास्थ्य मंत्री डॉ. राजीव सैजल ने कहा सर्वदलीय बैठक में झंडी को लेकर फैसला हुआ. कांग्रेस का अंदर सहमति देना बाहर विरोध करना उचित नहीं लगता.

भाजपा का होमवर्क पर जोर

निगम चुनावों में सोलन और पालमपुर में हार की बात हो या फिर कोविड-19 में कामकाज को लेकर विपक्ष के हमलावर होने के बाद लगता है, बीजेपी ने आत्मचिंतन किया है. बाजी अपने हाथ से निकलता देख भाजपा ने मैदान में उतरकर लोगों तक पहुंचने की रणनीति बनाई और होमवर्क पर काम करना शुरू किया. भाजपा सूत्रों की मानें तो हाल ही में धर्मशाला दौरे के दौरान सीएम जयराम ठाकुर की संघ के साथ बैठक हुई. इसमे संघ की ओर से कोरोना काल में जनता के बीच जाकर उनकी समस्याओं का निदान करने की बात प्रमुखता से कही गई.

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