शिमला: हिमाचल में सर्विस वोटर और चुनावी डयूटी में तैनात कर्मचारी राजनीतिक दलों के लिए डिसाइडिंग फैक्टर साबित हो सकते हैं. हिमाचल में सर्विस और चुनावी ड्यूटी में लगे कर्मचारियों की कुल संख्या 1.28 लाख से अधिक है. इनके पोस्टल बैलेट अभी जमा हो रहे हैं. ये पोस्टल बैलेट उनके संबंधित गृह विधानसभा क्षेत्र के संबंधित रिटर्निंग आफिसर (एसडीएम) के पास 8 दिसंबर को मतगणना शुरू होने से पहले पहुंच जाने चाहिए. इन पोस्टल बैलेट की गणना ईवीएम के साथ की जाएगी. ऐसे में ये पोस्टल बैलेट उम्मीदवारों के हार और जीत के समीकरण बदल सकते हैं. (service voter in himachal) (himachal assembly elections 2022)
हिमाचल में अब तक 75.6 फीसदी रहा मतदान: हिमाचल में 12 नवंबर को हुए विधानसभा चुनाव के लिए इस बार रिकॉर्ड मतदान हुआ है. प्रदेश में 75.6 फीसदी मतदान रिकॉर्ड किया गया है. इनमें आम मतदाता के अलावा दिव्यांग और 80 साल से अधिक और आपातकालीन सेवाओं में लगे कर्मचारी शामिल हैं. हालांकि, अभी भी सर्विस वोटर और चुनावी ड्यूटी में लगे कर्मचारियों के पोस्टल बैलेट की गणना की जानी है. सर्विसमैन और चुनावी डयूटी में लगे कर्मचारी आजकल पोस्टल बैलेट जमा करवा रहे हैं. हिमाचल में 69,559 सर्विस वोटर के अलावा 59,000 कर्मचारी चुनावी डयूटी में तैनात हैं. इन सभी के पोस्टल बैलेट 8 दिसंबर तक सुबह आठ बजे तक मिलेंगे. इनसे वोटिंग का प्रतिशत बढ़ने के आसार हैं.
पांच कैटगेरी के कर्मचारियों जारी किए गए हैं पोस्टल बैलेट: हिमाचल में चुनाव आयोग ने अबकी बार पांच कैटेगरी को बैलेट पेपर जारी किए. इनमें दिव्यांग, 80 साल से अधिक के मतदाता, आवश्यक सेवाओं में तैनात कर्मचारी, मतदान प्रक्रिया में शामिल कर्मचारियों के अलावा सर्विस वोटर (सर्विसमैन) शामिल हैं. चुनावी डयूटी में शामिल कर्मचारियों और सर्विस मैन को छोड़कर बाकी सभी वर्गों को पहली से 10 नवंबर तक मतदान करने का मौका पोस्टल बैलेट के माध्यम से मिला. इन वर्गों के 36 हजार से ज्यादा लोगों ने पोस्ट बैलेट से मतदान किया है. इनके बैलेट पेपरों की गणना के बाद वोटर प्रतिशत एक फीसदी मतदान बढ़कर 75.6 फीसदी पहुंचा है.
सर्विस वोटरों को इलैक्ट्रानिकल ट्रांसमिट किए गए हैं पोस्टल बैलेट: देश की सुरक्षा में तैनात सेना के जवानों को इलेक्ट्रॉनिक ट्रांसमिटेड पोस्टल बैलेट (ईटीपीबी) जारी किए गए हैं. इन पोस्टल बैलेट को भरकर वे अपने गृह विधानसभा क्षेत्र के एसडीएम कार्यालय तक आठ दिसंबर सुबह मतगणना से पहले अपने पोस्टल बैलेट पहुंचा सकते हैं. हिमाचल में 69 हजार से ज्यादा सर्विस वोटर है, यह वोटर मतदान प्रतिशत के साथ ही प्रत्याशियों के भविष्य को भी तय करेगा.
चुनावी डयूटी में तैनात कर्मचारी ऐसे जमा करवा सकते हैं पोस्टल बैलेट: हिमाचल में चुनावी डयूटी में तैनात 59 हजार कर्मचारी है. ये कर्मचारी जहां वे तैनात है, वहां के एसडीएम के माध्यम से 12 डी फार्म भरकर इसको अपने गृह विधानसभा क्षेत्र के एसडीएम को भरकर भेजते हैं. वहां से इनको पोस्टल बैलेट जारी कर भेजा जाता है. इसको भरकर वे तीन तरीकों से पोस्टल बैलेट जमा करवा सकते हैं. वे या तो खुद आकर अपने गृह क्षेत्र के एसडीएम आफिस में जमा करवा सकते हैं.
वहीं इनके लिए एक फेसिसिटेशन बाक्स भी लगाए गए हैं, जहां वे बैलेट जमा करवा सकते हैं. तीसरे वे पोस्टल बैलेट को डाक से माध्यम से एसडीएम यानि रिटर्निंग अधिकारी के पास आठ दिसंबर को सुबह मतगढ़ना से पहले जमा करवा सकते हैं. इस तरह अब चुनावी ड्यूटी में तैनात 59 हजार कर्मचारी वोट कर रहे हैं. इसमें कितने कर्मचारियों ने अभी तक वोट किया है, यह मतगणना के दिन ही साफ हो पाएगा.
राजनीतिक दलों के समीकरण को बदल सकते हैं कर्मचारी: सर्विस वोटर और चुनावी डयूटी में तैनात कुल 1.28 लाख से अधिक वोटर हिमाचल में राजनीतिक समीकरण को बदल सकते हैं. राजनीतिक पार्टियों और इनके प्रत्याशियों की धड़कनें बढ़ी हुई हैं. हिमाचल में अबकी बार कई विधानसभा क्षेत्रों में कड़ा मुकबला है, जहां पोस्टल बैलेट किसी भी प्रत्याशी की जीत और हार के समीकरण को बदल सकते हैं.
तो टूट जाएगा मत प्रतिशत का रिकॉर्ड: यही नहीं, इससे हिमाचल में मतदान प्रतिशत भी एक फीसदी से अधिक बढ़ने के आसार हैं. इससे हिमाचल का वोट प्रतिशत 76 प्रतिशत से पार हो पाएगा. यह पहली बाहर होगा जब हिमाचल प्रदेश में इतनी मतदान चुनाव में होगा.