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कोविड सेंटर के आसपास नहीं फोड़ सकेंगे पटाखे, प्रदूषण बोर्ड ने बनाए साइलेंट जोन

हिमाचल में कोविड सेंटर्स के आसपास दिवाली पर पटाखे फोड़ने पर प्रतिबंध लगाया गया है. साइलेंट जोन में पटाखे ना फोड़े जाएं इसके लिए राज्य प्रदूषण बोर्ड ने सभी जिला उपायुक्तों को पत्र लिखा है.

कोविड केयर सेंटर, पटाखों पर वैन
कॉन्सेप्ट फोटो
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Published : Nov 7, 2020, 6:51 PM IST

शिमला: हिमाचल में कोविड सेंटर्स के आसपास दिवाली पर पटाखे फोड़ने पर प्रतिबंध लगाया गया है. कोरोना महामारी के बढ़ते प्रकोप को देखते हुए राज्य प्रदूषण नियंत्रण बोर्ड ने इस पर प्रतिबंध लगा दिया है. इसके अलावा स्कूल-कॉलेज और अस्पतालों के आसपास के साइलेंट जोन में पटाखे नहीं फोड़े जा सकेंगे.

साइलेंट जोन में पटाखे ना फोड़े जाएं इसके लिए राज्य प्रदूषण बोर्ड ने सभी जिला उपायुक्तों को पत्र लिखा है. प्रदूषण बोर्ड के सदस्य सचिव डॉ. निपुण जिंदल ने कहा कि कोरोना महामारी को देखते हुए इस बार कोविड केयर सेंटर भी बनाए गए हैं, जहां कोविड मरीजों को रखा जा रहा है. कोविड सेंटर्स को भी इस बार साइलेंट जोन में शामिल किया गया है.

वीडियो

इसके अलावा कोविड मरीज घरों में भी आइसालेट हैं. ऐसे मरीजों को पटाखों से होने वाले प्रदूषण की वजह से सांस लेने की तकलीफ हो सकती है. इसलिए बोर्ड इस बार आम लोगों से पटाखों के कम इस्तेमाल की अपील कर रहा है. खास कर अस्पतालों के आसपास लोग पटाखों का कम इस्तेमाल करें.

बता दे कि प्रदूषण में कोरोना का खतरा ज्यादा है. प्रदूषण वाले क्षेत्रों में कोरोना से ज्यादा मौतें सामने आई हैं. पटाखों के विस्फोट से होने वाला प्रदूषण खासकर सांस के मरीजों के लिए गंभीर खतरा पैदा करते हैं. इससे अस्थमा व सांस के मरीज बढ़ते हैं. हिमाचल की हवा काफी साफ है, लेकिन दिवाली पर लोग जम कर पटाखे फोड़ते हैं, जिससे प्रदूषण का स्तर एकाएक बढ़ जाता है .

शिमला: हिमाचल में कोविड सेंटर्स के आसपास दिवाली पर पटाखे फोड़ने पर प्रतिबंध लगाया गया है. कोरोना महामारी के बढ़ते प्रकोप को देखते हुए राज्य प्रदूषण नियंत्रण बोर्ड ने इस पर प्रतिबंध लगा दिया है. इसके अलावा स्कूल-कॉलेज और अस्पतालों के आसपास के साइलेंट जोन में पटाखे नहीं फोड़े जा सकेंगे.

साइलेंट जोन में पटाखे ना फोड़े जाएं इसके लिए राज्य प्रदूषण बोर्ड ने सभी जिला उपायुक्तों को पत्र लिखा है. प्रदूषण बोर्ड के सदस्य सचिव डॉ. निपुण जिंदल ने कहा कि कोरोना महामारी को देखते हुए इस बार कोविड केयर सेंटर भी बनाए गए हैं, जहां कोविड मरीजों को रखा जा रहा है. कोविड सेंटर्स को भी इस बार साइलेंट जोन में शामिल किया गया है.

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इसके अलावा कोविड मरीज घरों में भी आइसालेट हैं. ऐसे मरीजों को पटाखों से होने वाले प्रदूषण की वजह से सांस लेने की तकलीफ हो सकती है. इसलिए बोर्ड इस बार आम लोगों से पटाखों के कम इस्तेमाल की अपील कर रहा है. खास कर अस्पतालों के आसपास लोग पटाखों का कम इस्तेमाल करें.

बता दे कि प्रदूषण में कोरोना का खतरा ज्यादा है. प्रदूषण वाले क्षेत्रों में कोरोना से ज्यादा मौतें सामने आई हैं. पटाखों के विस्फोट से होने वाला प्रदूषण खासकर सांस के मरीजों के लिए गंभीर खतरा पैदा करते हैं. इससे अस्थमा व सांस के मरीज बढ़ते हैं. हिमाचल की हवा काफी साफ है, लेकिन दिवाली पर लोग जम कर पटाखे फोड़ते हैं, जिससे प्रदूषण का स्तर एकाएक बढ़ जाता है .

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