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पटवारी भर्ती परीक्षा में धांधली को लेकर दाखिल याचिका खारिज, परिणाम घोषित करने का रास्ता साफ - प्रदेश हाईकोर्ट

प्रदेश हाईकोर्ट ने पटवारी परीक्षा में हुई कथित धांधली को लेकर दायर याचिका खारिज कर दी. याचिका खारिज होने पर सरकार अब इस भर्ती परीक्षा परिणाम को घोषित कर सकती है.

State high court
प्रदेश हाईकोर्ट
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Published : Jun 3, 2020, 4:34 PM IST

Updated : Jun 28, 2020, 12:55 PM IST

शिमला: प्रदेश हाईकोर्ट ने पटवारी परीक्षा में हुई कथित धांधली को लेकर दायर याचिका खारिज कर दी. न्यायाधीश तरलोक सिंह चौहान व न्यायाधीश ज्योत्स्ना रिवाल दुआ की खंडपीठ ने सीबीआई की जांच रिपोर्ट का अवलोकन करने व सभी पक्षों की बहस सुनने के बाद यह याचिका खारिज कर दी.

इस मामले में निदेशक लैंड रिकॉर्ड की ओर से दायर शपथपत्र के अवलोकन के पश्चात मामले की जांच सीबीआई को सौंप दी थी, हालांकि कोर्ट ने प्रारंभिक सुनवाई के दौरान इस बात की संभावना जताई थी कि यह परीक्षा कुछ अधिकारियों की ओर से अपने चहेतों को फायदा पहुचाने के लिये ली गयी थी.

सीबीआई की रिपोर्ट आने पर हाईकोर्ट में सुनवाई के दौरान सामने आया कि सरकार की ओर से इस परीक्षा के संचालन में कोई अपराधिता यानी क्रिमनैलिटी नहीं थी. याचिकाकर्ताओं का आरोप था कि परीक्षा केंद्रों में बदइंतजामी के चलते सैंकड़ों परीक्षार्थी परीक्षा देने से वंचित रह गए.

कई परीक्षार्थियों को गलत परीक्षा केंद्र देने, दो-दो परीक्षार्थियों को एक ही रोलनंबर देने, प्रश्न पत्र बांटने में देरी जैसी घटनाएं होने से परीक्षा में बड़े स्तर पर गड़बड़ियां हुई हैं, जिस कारण सैंकड़ों परीक्षार्थी परीक्षा देने से वंचित रह गए. विज्ञापन के मुताबिक 1194 पदों पर यह भर्ती होनी थी. याचिका खारिज होने पर सरकार अब इस भर्ती परीक्षा परिणाम को घोषित कर सकती है.

शिमला: प्रदेश हाईकोर्ट ने पटवारी परीक्षा में हुई कथित धांधली को लेकर दायर याचिका खारिज कर दी. न्यायाधीश तरलोक सिंह चौहान व न्यायाधीश ज्योत्स्ना रिवाल दुआ की खंडपीठ ने सीबीआई की जांच रिपोर्ट का अवलोकन करने व सभी पक्षों की बहस सुनने के बाद यह याचिका खारिज कर दी.

इस मामले में निदेशक लैंड रिकॉर्ड की ओर से दायर शपथपत्र के अवलोकन के पश्चात मामले की जांच सीबीआई को सौंप दी थी, हालांकि कोर्ट ने प्रारंभिक सुनवाई के दौरान इस बात की संभावना जताई थी कि यह परीक्षा कुछ अधिकारियों की ओर से अपने चहेतों को फायदा पहुचाने के लिये ली गयी थी.

सीबीआई की रिपोर्ट आने पर हाईकोर्ट में सुनवाई के दौरान सामने आया कि सरकार की ओर से इस परीक्षा के संचालन में कोई अपराधिता यानी क्रिमनैलिटी नहीं थी. याचिकाकर्ताओं का आरोप था कि परीक्षा केंद्रों में बदइंतजामी के चलते सैंकड़ों परीक्षार्थी परीक्षा देने से वंचित रह गए.

कई परीक्षार्थियों को गलत परीक्षा केंद्र देने, दो-दो परीक्षार्थियों को एक ही रोलनंबर देने, प्रश्न पत्र बांटने में देरी जैसी घटनाएं होने से परीक्षा में बड़े स्तर पर गड़बड़ियां हुई हैं, जिस कारण सैंकड़ों परीक्षार्थी परीक्षा देने से वंचित रह गए. विज्ञापन के मुताबिक 1194 पदों पर यह भर्ती होनी थी. याचिका खारिज होने पर सरकार अब इस भर्ती परीक्षा परिणाम को घोषित कर सकती है.

Last Updated : Jun 28, 2020, 12:55 PM IST
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