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कोरोना इफैक्ट: महामारी के दौर में डेंटल कॉलेज में पहुंच रहे इक्का-दुक्का मरीज

कोरोना वायरस के चलते मरीज अब अस्पताल आने से भी कतराने लगे हैं. पहले डेंटल कॉलेज शिमला में सभी ओपीडी भरी रहती थी, अब सभी जगह सनाटा छाया रहता है और डॉक्टर भी खाली बैठे रहते हैं.

dental college shimla
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Published : Sep 30, 2020, 4:01 PM IST

Updated : Oct 5, 2020, 8:03 PM IST

शिमला: हिमाचल प्रदेश में तेजी से फेल रहे कोरोना वायरस के चलते मरीज अब अस्पताल आने से भी कतराने लगे हैं. डेंटल अस्प्ताल शिमला की बात करें तो इक्का दुक्का मरीज ही पहुंच रहे हैं. डेंटल अस्पताल में जहां कोरोना संकट से पहले मरीजों की भीड़ लगी रहती थी, वहीं अब गिने चुने मरीज ही अस्पताल आ रहे हैं.

डेंटल अस्प्ताल शिमला के प्रिंसिपल डॉ. आशु गुप्ता से बात की तो उन्होंने बताया कि कोरोना का सबसे ज्यादा खतरा डेंटल अस्पताल में रहता है. कोरोना से बचने के जो नियम हैं, उनकी पालना करते हुए मरीजों का इलाज करना मुश्किल है.

वीडियो.

डॉ. गुप्ता ने कहा कि दांतो के इलाज के दौरान मूहं से लारवा निलता है, जिससे संक्रमण का सबसे ज्यादा खतरा रहता है. पहले सिर्फ इमरजेंसी मरीज ही देखे जाते थे, लेकिन अब सभी का इलाज किया जा रहा है.

ईलाज के दौरान पीपीई किट, मास्क, सेनिटाइजर का इस्तेमाल कर पूरी सावधानी बरती जा रही है, लेकिन बावजूद इसके लोग अभी कम संख्या में अस्पताल आ रहे हैं. गौरतलब है कि पहले डेंटल कॉलेज शिमला में सभी ओपीडी भरी रहती थी, अब सभी जगह सन्नाटा छाया रहता है और डॉक्टर भी खाली बैठे रहते हैं.

पढ़ें: बंदरों ने बुजुर्ग महिला पर किया हमला, सिर-कान में लगे 21 टांके

शिमला: हिमाचल प्रदेश में तेजी से फेल रहे कोरोना वायरस के चलते मरीज अब अस्पताल आने से भी कतराने लगे हैं. डेंटल अस्प्ताल शिमला की बात करें तो इक्का दुक्का मरीज ही पहुंच रहे हैं. डेंटल अस्पताल में जहां कोरोना संकट से पहले मरीजों की भीड़ लगी रहती थी, वहीं अब गिने चुने मरीज ही अस्पताल आ रहे हैं.

डेंटल अस्प्ताल शिमला के प्रिंसिपल डॉ. आशु गुप्ता से बात की तो उन्होंने बताया कि कोरोना का सबसे ज्यादा खतरा डेंटल अस्पताल में रहता है. कोरोना से बचने के जो नियम हैं, उनकी पालना करते हुए मरीजों का इलाज करना मुश्किल है.

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डॉ. गुप्ता ने कहा कि दांतो के इलाज के दौरान मूहं से लारवा निलता है, जिससे संक्रमण का सबसे ज्यादा खतरा रहता है. पहले सिर्फ इमरजेंसी मरीज ही देखे जाते थे, लेकिन अब सभी का इलाज किया जा रहा है.

ईलाज के दौरान पीपीई किट, मास्क, सेनिटाइजर का इस्तेमाल कर पूरी सावधानी बरती जा रही है, लेकिन बावजूद इसके लोग अभी कम संख्या में अस्पताल आ रहे हैं. गौरतलब है कि पहले डेंटल कॉलेज शिमला में सभी ओपीडी भरी रहती थी, अब सभी जगह सन्नाटा छाया रहता है और डॉक्टर भी खाली बैठे रहते हैं.

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Last Updated : Oct 5, 2020, 8:03 PM IST
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