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शिमला के कैंसर अस्पताल में मरीजों-तीमारदारों को नहीं मिल रही बेहतर सुविधा, जमीन पर बैठने को मजबूर

शिमला के कैंसर अस्पताल में मरीजों और उनके साथ आए तीमारदारों को परेशनियों का सामना करना पड़ रहा है. दरअसल मरीजों और तीमारदारों को अस्पताल में बैठने की सुविधा नहीं मिल पा रही है. उन्होंने अब सरकार से अस्पताल में पर्याप्त सुविधाएं देने की मांग कर रहे हैं.

शिमला कैंसर अस्पताल
शिमला कैंसर अस्पताल
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Published : Jul 21, 2021, 6:00 PM IST

शिमला: राजधानी शिमला स्थित कैंसर अस्पताल में सुविधाएं तो सरकार ने दी हैं, लेकिन व्यवस्था पर अव्यवस्था भारी पड़ रही है. यहां दूर-दराज से आने वाले कैंसर के मरीजों को परेशानी का सामना करना पड़ता है. यहां मरीजों को कीमो लगवाने के लिए कई दिनों तक अस्पताल के बाहर बने रेन बसेरे में इंतजार करना पड़ता है.


बरसात में समस्या और बढ़ जाती है क्योंकि सोने की जगह पर पानी भर जाता है. कोरोना महामारी के समय में जहां समाजिक दूरी बनाए रखने के लिए कहा जाता है, ऐसे में जगह छोटी होने के कारण मरीजों की भीड़ लग जाती है. वहीं, कैंसर अस्पताल में इलाज करवाने आये मरीजों से जब बात की गई तो उन्होंने बताया कि एसआरएल लैब में केवल एक ही काउंटर है, ऐसे में भीड़ लगी रहती है. उन्होंने बताया कि रिपोर्ट आने में 2 से 3 दिन लग जाते हैं. जब रिपोर्ट आती है, उसके बाद ही कीमो थेरेपी की जाती है.

कैंसर अस्पताल शिमला में दूर दराज से मरीज आते हैं क्योंकि यहां पर स्पेशलिस्ट डॉक्टर उपलब्ध रहते हैं. लेकिन अस्पताल में बैठने की जगह कम होने के कारण मरीजों को जमीन पर ही बैठकर अपनी बारी का इंतजार करना पड़ता है.

वीडियो.

वहीं, मरीजों के तीमारदार अब अस्पताल में बेहतर सुविधाओं की मांग कर रहे हैं. कैंसर अस्पताल में बड़सर से मरीज के साथ आए उनके तीमारदार पवन पाल का कहना है कि अस्पताल में इलाज तो बेहतर होता है, लेकिन सुविधा नहीं है. उन्होंने कहा कि अस्पताल में सबसे बड़ी समस्या बैठने की है, जगह कम है और बरसात में तो हालत और खराब हो जाती है. अगर और मरीज यहां रहने के लिए आ जाएं तो परेशानी उठानी पड़ती है. वहीं, काउंटर एक ही है जिससे टेस्ट करवाने में परेशानी होती है. उनकी मांग है कि सरकार को कैंसर अस्पताल में मरीजों के लिए बैठने की व्यवस्था करनी चाहिए.

वहीं, बिलासपुर से अपने पति के इलाज के लिए आई वीना देवी ने बताया कि अस्पताल में इलाज तो ठीक है, लेकिन यहां कई दिन इंताजर करना पड़ता है, ऊपर से रहने की व्यवस्था न होने के कारण एक रेन शेल्टर के नीचे रहना पड़ता है. उन्होंने कहा कि सरकार को कुछ व्यवस्था करनी चाहिए. इतना ही नहीं घुमारवीं से आए तीमारदार ने बताया कि उनकी यही मांग है कि सरकार यहां पर ऐसी व्यवस्था करे जिससे दूर-दराज से आने वाले मरीजों को भटकना न पड़े और उनका बेहतर इलाज हो जाए.

ये भी पढ़ें- लाहौल घाटी के युवाओं को 'एग्रो टूरिज्म' से जोड़ेगी थॉट्स तोद हब एंड एग्रो सोसाइटी

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शिमला: राजधानी शिमला स्थित कैंसर अस्पताल में सुविधाएं तो सरकार ने दी हैं, लेकिन व्यवस्था पर अव्यवस्था भारी पड़ रही है. यहां दूर-दराज से आने वाले कैंसर के मरीजों को परेशानी का सामना करना पड़ता है. यहां मरीजों को कीमो लगवाने के लिए कई दिनों तक अस्पताल के बाहर बने रेन बसेरे में इंतजार करना पड़ता है.


बरसात में समस्या और बढ़ जाती है क्योंकि सोने की जगह पर पानी भर जाता है. कोरोना महामारी के समय में जहां समाजिक दूरी बनाए रखने के लिए कहा जाता है, ऐसे में जगह छोटी होने के कारण मरीजों की भीड़ लग जाती है. वहीं, कैंसर अस्पताल में इलाज करवाने आये मरीजों से जब बात की गई तो उन्होंने बताया कि एसआरएल लैब में केवल एक ही काउंटर है, ऐसे में भीड़ लगी रहती है. उन्होंने बताया कि रिपोर्ट आने में 2 से 3 दिन लग जाते हैं. जब रिपोर्ट आती है, उसके बाद ही कीमो थेरेपी की जाती है.

कैंसर अस्पताल शिमला में दूर दराज से मरीज आते हैं क्योंकि यहां पर स्पेशलिस्ट डॉक्टर उपलब्ध रहते हैं. लेकिन अस्पताल में बैठने की जगह कम होने के कारण मरीजों को जमीन पर ही बैठकर अपनी बारी का इंतजार करना पड़ता है.

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वहीं, मरीजों के तीमारदार अब अस्पताल में बेहतर सुविधाओं की मांग कर रहे हैं. कैंसर अस्पताल में बड़सर से मरीज के साथ आए उनके तीमारदार पवन पाल का कहना है कि अस्पताल में इलाज तो बेहतर होता है, लेकिन सुविधा नहीं है. उन्होंने कहा कि अस्पताल में सबसे बड़ी समस्या बैठने की है, जगह कम है और बरसात में तो हालत और खराब हो जाती है. अगर और मरीज यहां रहने के लिए आ जाएं तो परेशानी उठानी पड़ती है. वहीं, काउंटर एक ही है जिससे टेस्ट करवाने में परेशानी होती है. उनकी मांग है कि सरकार को कैंसर अस्पताल में मरीजों के लिए बैठने की व्यवस्था करनी चाहिए.

वहीं, बिलासपुर से अपने पति के इलाज के लिए आई वीना देवी ने बताया कि अस्पताल में इलाज तो ठीक है, लेकिन यहां कई दिन इंताजर करना पड़ता है, ऊपर से रहने की व्यवस्था न होने के कारण एक रेन शेल्टर के नीचे रहना पड़ता है. उन्होंने कहा कि सरकार को कुछ व्यवस्था करनी चाहिए. इतना ही नहीं घुमारवीं से आए तीमारदार ने बताया कि उनकी यही मांग है कि सरकार यहां पर ऐसी व्यवस्था करे जिससे दूर-दराज से आने वाले मरीजों को भटकना न पड़े और उनका बेहतर इलाज हो जाए.

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