शिमला: प्रदेश के स्कूलों में तैनात पैट शिक्षकों ने सरकार के खिलाफ मोर्चा खोलने का फैसला कर लिया है. सरकार से निराश पैट शिक्षक शुक्रवार को सचिवालय के बाहर रोष रैली निकाल कर सरकार के खिलाफ अपना रोष जताएंगे.
पैट टीचर्स को कैबिनेट में राहत ना दिए जाने के विरोध में अब पैट शिक्षक सरकार के खिलाफ मोर्चा खोलेंगे. शुक्रवार को सचिवालय के बाहर निकाले जाने वाली रैली में पैट शिक्षक यूनियन के साढ़े तीन हजार शिक्षक सरकार के खिलाफ विरोध प्रदर्शन करेंगे. पैट शिक्षकों का ये प्रदर्शन कैबिनेट में पीटीए शिक्षकों को नियमित शिक्षकों की तर्ज पर वित्तीय लाभ देने और प्राथमिक अध्यापकों को लेकर कोई भी फैसला ना होने के विरोध में किया जा रहा है.
प्राथमिक शिक्षक अध्यापक संघ के अध्यक्ष गुरुचरण वेदी ने बताया कि सरकार पैट शिक्षकों के साथ भेदभाव कर रही है. उनका कहना है कि प्रदेश के सरकारी स्कूलों में पैट शिक्षक 15-20 सालों से सेवाएं दे रहे हैं. ऐसे में सरकार ने पीटीए और पैरा शिक्षकों को तो नियमित शिक्षक की तरह की वित्तीय लाभ देने का फैसला लिया है, लेकिन पैट शिक्षकों को ये लाभ नहीं दिया जा रहा.
बता दें कि प्रदेश के प्राथमिक स्कूलों में वर्तमान में 3417 पैट शिक्षक और 146 के करीब ग्रामीण विद्या उपासक हैं. ऐसे में पैट और पीटीए शिक्षकों की नियुक्ति साल 2006 में जब हुई तो उस समय उन्हें अनुबंध या फिर नियमित करने के लिए कोई नीति नहीं बनाई गई थी. सरकार ने अपनी चुनावी घोषणा को पूरा करते हुए पीटीए शिक्षकों को तो नियमित शिक्षकों के बराबर वित्तीय लाभ देने को मंजूरी दे दी, लेकिन पैट शिक्षकों के नियमितीकरण का मामला सुप्रीम कोर्ट में होने की वजह से इन्हें कोई लाभ सरकार नहीं दे रही है.
पैरा टीचर्स की मांग है कि जब तक उनके नियमितीकरण का मामला कोर्ट में विचाराधीन है, तब तक उन्हें भी जेबीटी शिक्षकों की तर्ज पर वित्तीय लाभ दिया जाए. सरकार संघ की इस मांग को पूरा नहीं कर रही है. जिसके चलते अब संघ सरकार के खिलाफ अपना मोर्चा खोल कर इस मांग को पूरा करने का दबाव बनाएगी और इसी के चलते शुक्रवार को पैट शिक्षक अध्यापक संघ सचिवालय के बाहर विरोध रैली करेंगे.