शिमला: केंद्र सरकार की ओर से पेश किए गए बजट से प्रदेश के युवा खुश नजर नहीं आ रहे हैं. युवाओं का कहना है कि बजट में युवाओं को रोजगार देने के लिए कोई भी प्रावधान नहीं किया गया है. देश और प्रदेश में इस समय सबसे बड़ी परेशानी बेरोजगारी ही है. ऐसे में इस बेरोजगारी से युवाओं को बाहर निकालने के लिए किसी तरह का कोई प्रावधान बजट में किया जाता तो इससे राहत युवाओं को जरूर मिलती.
वहीं, युवाओं का कहना है कि शिक्षा पर सरकार की ओर से 99,300 करोड़ का बजट खर्च किया जाना है, लेकिन यह बजट कम है और इसमें बढ़ोतरी की जानी चाहिए थी. वहीं, कौशल विकास के लिए 3 हजार करोड़ का प्रावधान रखा गया है. इसमें हिमाचल के युवाओं को क्या प्रावधान होगा ओर किस तरह से युवा अपने लिए रोजगार के अवसर जुटा पाएंगे इस पर भी स्थिति स्पष्ट नहीं हो पाई है.
युवाओं का कहना है कि सरकार को शिक्षा और रोजगार पर सबसे ज्यादा इन्वेस्टमेंट करनी चाहिए थी. युवा ही भारत का भविष्य है और ऐसे में इनके हित की बात बजट में की जानी चाहिए थी. युवाओं ने कहा कि पब्लिक प्राइवेट पार्टनरशिप मॉडल पर सरकार ने मेडिकल कॉलेज बनाए जाने की बात बजट में की गई है तो ऐसे में प्राइवेट इन्वेस्टमेंट को बढ़ा कर ही शिक्षा को युवाओं से दूर करने का काम सरकार कर रही है, क्योंकि महंगी शिक्षा ले पाना छात्रों के लिए संभव नहीं हो पाएगा.
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