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हिमाचल में पहली बार ऑनलाइन पढ़ाई, शिक्षा विभाग का दावा 70 फीसदी छात्रों को लाभ

कोरोना संकट के चलते देश भर में शिक्षण संस्थान बंद हैं, लेकिन हिमाचल प्रदेश शिक्षा विभाग पहली बार ऑनलाइन छात्रों को शिक्षा दे रहा है. शिक्षा विभाग का दावा है कि 70 फीसदी छात्रों को इसका लाभ मिल रहा है.

Online studies successful in Himachal Pradesh
हिमाचल में ऑनलाइन शिक्षा
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Published : May 16, 2020, 4:21 PM IST

शिमला: कोरोना संकट के समय में जब प्रदेश के सभी सरकारी स्कूल बंद हैं, तो ऐसे में छात्रों की पढ़ाई को घर से ही जारी रखने के लिए शिक्षा विभाग ने पहली बार ऑनलाइन माध्यम से छात्रों की पढ़ाई शुरू की. यह पहली बार हुआ जब शिक्षा विभाग ने प्रदेश के सरकारी स्कूलों में पढ़ने वाले छात्रों तक ऑनलाइन पहुंच बनाई. इसके उनकी पढ़ाई प्रभावित ना हो और इस संकट के समय में छात्र ऑनलाइन माध्यम से ही घर बैठे अपनी पढ़ाई कर सकें.

बड़ी बात यह है कि शिक्षा विभाग का यह प्रयास पहली बार में ही सफल होता नजर आ रहा है. बात की जाए प्रदेश में पहली से आठवीं कक्षा तक के छात्रों की तो इसमें 70 फीसदी छात्र ऑनलाइन माध्यम से ही अपने घरों में बैठकर अपनी पढ़ाई कर रहे हैं.

व्हाट्सएप बना सहारा

छात्रों को व्हाट्सएप के माध्यम से उनके अभिभावकों के नंबर पर स्टडी मटेरियल और वीडियो भेजे जा रहे हैं. जिन्हें देखकर छात्र घर पर अपनी पढ़ाई को जारी रख पा रहे हैं. छात्र अपना रिटन वर्क भी घर पर कर रहे हैं. पूरी प्रक्रिया के तहत ऑनलाइन पढ़ाई को शिक्षा विभाग जारी रखे हुए हैं. यही वजह भी है कि लॉकडाउन और कर्फ्यू के समय में जब छात्र अपने घरों पर ही हैं और स्कूल बंद है तो ऐसे में घरों पर भी छात्र पढ़ाई को समय दे रहे हैं.

वीडियो
लक्ष्य बड़ा था

समग्र शिक्षा अभियान के परियोजना निदेशक आशीष कोहली ने बताया कि शिक्षा विभाग के पास बड़ा लक्ष्य था, कि किस तरह से कोविड-19 के संकट के समय में छात्रों तक ऑनलाइन पहुंच बनाई जा सके. यह पहली बार ही है कि जब प्रदेश के सरकारी स्कूलों के बच्चों को ऑनलाइन माध्यम से घरों पर बैठे पढ़ाया जा रहा है. इससे पहले इस तरह का प्रयास शिक्षा विभाग की ओर से नहीं किया गया था, लेकिन यह जानकर हैरानी होती है कि प्रदेश में 70 फीसदी छात्र इस ऑनलाइन माध्यम से अपनी पढ़ाई को जारी रख पा रहे हैं.

उन्होंने बताया कि ऑनलाइन पढ़ाई की पूरी प्रक्रिया को इस तरह से तैयार किया गया है कि छात्रों तक सही स्टडी मटेरियल और कंटेंट पहुंच सके. समग्र शिक्षा की ओर से सरकार के निर्देशों पर छात्रों के लिए ऑनलाइन स्टडी का कंटेंट तैयार किया गया. कंटेंट पहले से ही समग्र शिक्षा के पास था, लेकिन इसमें सुधार करने के लिए स्टेट अवार्डी टीचर्स का एक स्टेट रिसोर्स ग्रुप बनाया गया. जिसमें 50 शिक्षकों को शामिल किया गया. उन्होंने इस उपलब्ध कंटेंट को और बेहतर बनाया है जिसे छात्र अपने घरों पर बैठकर पढ़ पा रहे हैं.

ऐसे होती है ऑनलाइन पढ़ाई

छात्रों की ऑनलाइन स्टडी को जारी रखने के लिए समग्र शिक्षा की ओर से कंटेंट प्रदेश के सभी डीपीओ के साथ ही डिप्टी डायरेक्टर को भेजा जाता है. इसके बाद इसे आगे बीआरसीज को भेजा जाता है. इस ऑनलाइन स्टडी मटेरियल को जो शिक्षकों के व्हाट्सएप ग्रुप्स बनाए गए हैं वहां भेजा जाता है. शिक्षक इस मटेरियल को आगे अभिभावकों को भेजते हैं.

ये भी पढ़ें: यहां सड़क के लिए वर्षों से तरस रहे ग्रामीण, मरीजों को चारपाई पर लेकर जाना पड़ता है अस्पताल

शिमला: कोरोना संकट के समय में जब प्रदेश के सभी सरकारी स्कूल बंद हैं, तो ऐसे में छात्रों की पढ़ाई को घर से ही जारी रखने के लिए शिक्षा विभाग ने पहली बार ऑनलाइन माध्यम से छात्रों की पढ़ाई शुरू की. यह पहली बार हुआ जब शिक्षा विभाग ने प्रदेश के सरकारी स्कूलों में पढ़ने वाले छात्रों तक ऑनलाइन पहुंच बनाई. इसके उनकी पढ़ाई प्रभावित ना हो और इस संकट के समय में छात्र ऑनलाइन माध्यम से ही घर बैठे अपनी पढ़ाई कर सकें.

बड़ी बात यह है कि शिक्षा विभाग का यह प्रयास पहली बार में ही सफल होता नजर आ रहा है. बात की जाए प्रदेश में पहली से आठवीं कक्षा तक के छात्रों की तो इसमें 70 फीसदी छात्र ऑनलाइन माध्यम से ही अपने घरों में बैठकर अपनी पढ़ाई कर रहे हैं.

व्हाट्सएप बना सहारा

छात्रों को व्हाट्सएप के माध्यम से उनके अभिभावकों के नंबर पर स्टडी मटेरियल और वीडियो भेजे जा रहे हैं. जिन्हें देखकर छात्र घर पर अपनी पढ़ाई को जारी रख पा रहे हैं. छात्र अपना रिटन वर्क भी घर पर कर रहे हैं. पूरी प्रक्रिया के तहत ऑनलाइन पढ़ाई को शिक्षा विभाग जारी रखे हुए हैं. यही वजह भी है कि लॉकडाउन और कर्फ्यू के समय में जब छात्र अपने घरों पर ही हैं और स्कूल बंद है तो ऐसे में घरों पर भी छात्र पढ़ाई को समय दे रहे हैं.

वीडियो
लक्ष्य बड़ा था

समग्र शिक्षा अभियान के परियोजना निदेशक आशीष कोहली ने बताया कि शिक्षा विभाग के पास बड़ा लक्ष्य था, कि किस तरह से कोविड-19 के संकट के समय में छात्रों तक ऑनलाइन पहुंच बनाई जा सके. यह पहली बार ही है कि जब प्रदेश के सरकारी स्कूलों के बच्चों को ऑनलाइन माध्यम से घरों पर बैठे पढ़ाया जा रहा है. इससे पहले इस तरह का प्रयास शिक्षा विभाग की ओर से नहीं किया गया था, लेकिन यह जानकर हैरानी होती है कि प्रदेश में 70 फीसदी छात्र इस ऑनलाइन माध्यम से अपनी पढ़ाई को जारी रख पा रहे हैं.

उन्होंने बताया कि ऑनलाइन पढ़ाई की पूरी प्रक्रिया को इस तरह से तैयार किया गया है कि छात्रों तक सही स्टडी मटेरियल और कंटेंट पहुंच सके. समग्र शिक्षा की ओर से सरकार के निर्देशों पर छात्रों के लिए ऑनलाइन स्टडी का कंटेंट तैयार किया गया. कंटेंट पहले से ही समग्र शिक्षा के पास था, लेकिन इसमें सुधार करने के लिए स्टेट अवार्डी टीचर्स का एक स्टेट रिसोर्स ग्रुप बनाया गया. जिसमें 50 शिक्षकों को शामिल किया गया. उन्होंने इस उपलब्ध कंटेंट को और बेहतर बनाया है जिसे छात्र अपने घरों पर बैठकर पढ़ पा रहे हैं.

ऐसे होती है ऑनलाइन पढ़ाई

छात्रों की ऑनलाइन स्टडी को जारी रखने के लिए समग्र शिक्षा की ओर से कंटेंट प्रदेश के सभी डीपीओ के साथ ही डिप्टी डायरेक्टर को भेजा जाता है. इसके बाद इसे आगे बीआरसीज को भेजा जाता है. इस ऑनलाइन स्टडी मटेरियल को जो शिक्षकों के व्हाट्सएप ग्रुप्स बनाए गए हैं वहां भेजा जाता है. शिक्षक इस मटेरियल को आगे अभिभावकों को भेजते हैं.

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