शिमला: प्रदेश के शहीद परिवारों के बच्चों और गरीब छात्रों की पढ़ाई का खर्च छात्र संगठन एनएसयूआई उठाएगी. एनएसयूआई ने राजीव गांधी शिक्षा स्कॉलरशिप शुरू की. जिसके तहत सभी कॉलेजों से एक-एक छात्र का पढ़ाई का खर्च एनएसयूआई उठाएगी. शुक्रवार को कांग्रेस कार्यालय राजीव भवन से एनएसयूआई के प्रदेश अध्यक्ष छत्तर सिंह ने इस स्कॉलरशिप को लॉन्च किया. स्कॉलरशिप के लिए छात्रों को 31 अगस्त तक आवेदन करना होगा.
प्रदेश अध्यक्ष छत्तर सिंह ने बताया कि संगठन प्रदेश के जरूरतमंद छात्रों को जो पैसों के अभाव से अपनी पढ़ाई नहीं कर पा रहे उनके लिए राजीव गांधी शिक्षा स्कॉलरशिप के माध्यम से सहायता की जाएगी. करीब 200 छात्रों को छात्रवृत्ति एनएसयूआई ने देने का फैसला लिया है. अगर एक ही कॉलेज में कई छात्र इस छात्रवृत्ति के लिए पात्र होंगे तो जमा दो की मेरिट के आधार पर छात्रों का चयन छात्रवृत्ति के लिए किया जाएगा. वहीं, जो छात्र स्पोर्ट्स में भी अच्छे होंगे उन्हें भी प्रमोट किया जाएगा.
6 लाख आएगा खर्चा
इसके तहत कॉलेज में प्रथम वर्ष में प्रवेश लेने वाले शहीदों के परिवार के छात्रों के साथ उन परिवारों के बच्चों की जिनकी आय बहुत कम हैं, उन्हें स्कॉलरशिप के लिए चयनित किया जाएगा. उन्होंने कहा छात्रों को आवेदन 31 अगस्त तक करना होगा, जिसके बाद छात्रों का चयन किया जाएगा. चयनित छात्रों का पूरा खर्च एनएसयूआई उठाएगी. इस योजना पर छह लाख तक का खर्च आएगा. इसके लिए पूर्व एनएसयूआई के कार्यकर्ताओं के साथ ही स्वयं सेवी संस्थाओं की मदद भी ली जाएगी.
जान जोखिम में डाल रही सरकार
इसके साथ ही एनएसयूआई ने बीए प्रथम और द्वितीय वर्ष की परीक्षाएं करवाने पर सरकार पर निशाना साधा. कहा गया कि सरकार कोरोना को दरकिनार कर छात्रों की जान को जोखिम में डालने का काम कर रही है. सरकार के इस फ़ैसले के खिलाफ हाई कोर्ट में याचिका भी दायर की गई.
यदि सरकार परीक्षाएं कराएगी तो आंदोलन शुरू किया जाएगा. अभी तक सरकार ने यूजी के अंतिम सेमेस्टर के छात्रों की परीक्षाएं कराने को लेकर ही फैसला लिया. पहले और दूसरे वर्ष के छात्रों की परिक्षाओं को लेकर अभी फैसला नहीं लिया गया, लेकिन सरकार ने अभी तक छात्रों को प्रमोट करने की बात भी नहीं कही. इसी कारण एनएसयूआई सरकार के विरोध में ही उतर आई.
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