शिमला: प्रदेश में 21 सितंबर से कंटेनमेंट जोन में आने वाले 300 स्कूलों को छोड़कर अन्य सभी स्कूलों में 50 फीसदी स्टाफ के साथ गाइडेंस लेने के लिए छात्रों को स्कूल आने की अनुमति दे दी गई है. इसे लेकर अधिसूचना भी शिक्षा सचिव राजीव शर्मा की ओर से जारी कर दी गई है.
अधिसूचना के अनुसार प्रदेश के स्कूल और कॉलेजों में 50 फीसदी स्टाफ जिसमें शिक्षक और गैर शिक्षक शामिल है वह 21 सितंबर से स्कूल कॉलेजों में आएंगे. इस व्यवस्था को सही तरिके से बना कर रखा जा सके इसके लिए ड्यूटी रोस्टर बनाया जाएगा.
इस ड्यूटी रोस्टर को बनाने की जिम्मेवारी स्कूल प्रभारियों की होगी. उसी रोस्टर के अनुसार पहले दिन 50 फीसदी स्टाफ और दूसरे दिन अन्य 50 फीसदी स्टाफ को स्कूल बुलाया जाएगा. अधिसूचना में स्पष्ट किया गया है कि स्कूलों को खोलने के दौरान एसओपी का सख्ती से पालन किया जाएगा.
जो नियम एसओपी में तय किए गए हैं, उन्हीं नियमों के अनुसार पूरी प्रक्रिया को अमल में लाया जाएगा. इसके साथ ही जो भी छात्र गाइडेंस लेने के लिए स्कूल आएंगे उन्हें अपने अभिभावकों की लिखित में अनुमति पत्र साथ लाना अनिवार्य किया गया है.
किसी भी छात्र को बिना अनुमति पत्र के स्कूल के अंदर प्रवेश नहीं दिया जाएगा. जो भी छात्र स्कूल में आएंगे उनकी थर्मल स्केनिंग करने के बाद ही प्रवेश स्कूलों में देने के निर्देश जारी किए गए हैं. जो शिक्षक स्कूलों में पहुंचेंगे वह स्कूलों से ही छात्रों के ऑनलाइन कक्षाएं लगाएंगे और ऑनलाइन पढ़ाई की मॉनिटरिंग भी करेंगे.
ऑनलाइन माध्यम से ही स्कूलों से ही शिक्षक छात्रों की काउंसलिंग करेंगे. समय-समय पर शिक्षक बच्चों और अभिभावकों से भी बात करेंगे शिक्षा सचिव की ओर से यह भी स्पष्ट किया गया है कि कंटेनमेंट जोन के दायरे में जो 300 स्कूल आ रहे हैं वह फिलहाल बंद रहेंगें.
इन स्कूलों में ना तो शिक्षक आएंगे और ना ही छात्र परामर्श लेने के लिए आ पाएंगे. जिला प्रशासन जब इन स्कूलों को ग्रीन जोन बनाएगा तभी इन स्कूलों में शिक्षकों को बुलाया जाएगा और छात्र भी उसी के बाद परामर्श लेने के लिए इन स्कूलों में आ पाएंगे.