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अदालती आदेश की अवमानना पर गृह सचिव व 1 अन्य को नोटिस, हाईकोर्ट ने इसलिए दिखाई सख्ती

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Published : May 5, 2023, 7:05 AM IST

हिमाचल हाईकोर्ट ने आदेश की अवमानना पर सख्ती दिखाई है. हाईकोर्ट ने जिला उप न्यायवादी व सहायक जिला न्यायवादी की ज्वाइनिंग पर भी फिलहाल रोक लगा दी और गृह सचिव सहित सहायक व जिला उप न्यायवादी को नोटिस जारी किया है.

notice to home secretary on contempt of court order
notice to home secretary on contempt of court order

शिमला: हिमाचल प्रदेश हाईकोर्ट ने अदालती आदेश की अवमानना पर सख्ती दिखाई है. अदालत ने राज्य सरकार के गृह सचिव सहित सहायक व जिला उप न्यायवादी को नोटिस जारी किया है. यही नहीं, हाईकोर्ट ने जिला उप न्यायवादी व सहायक जिला न्यायवादी की ज्वाइनिंग पर भी फिलहाल रोक लगा दी है. हाईकोर्ट ने अपने आदेश में साफ कहा है कि यदि उपरोक्त अधिकारियों ने ज्वाइन कर लिया है तो उनके कर्तव्य निर्वहन यानी पद पर किसी भी तरह के कामकाज पर रोक रहेगी.

24 अप्रैल को दी गई थी जानकारी: हिमाचल हाईकोर्ट के कार्यवाहक मुख्य न्यायाधीश न्यायमूर्ति तरलोक सिंह चौहान व न्यायमूर्ति वीरेंद्र सिंह की खंडपीठ ने मामले की सुनवाई के बाद ये सारे निर्देश जारी किए हैं. खंडपीठ ने कहा कि अदालत की तरफ से 24 अप्रैल को डीए यानी जिला न्यायवादी और डीडीए जिला उप न्यायवादी के ट्रांसफर को लेकर आदेश पारित होने तक किसी भी उप एवं सहायक जिला न्यायवादी का तबादला रद्द या संशोधित नहीं किया गया था. यह जानकारी 24 अप्रैल को मामले पर सुनवाई के दौरान अदालत में उपस्थित संयुक्त निदेशक व निदेशक अभियोजन की ओर से दी गई थी.

अदालत ने हैरानी जताई: अदालत ने हैरानी जताते हुए कहा कि प्रधान सचिव गृह ने स्पष्ट आदेशों के बावजूद भी उप जिला न्यायवादी और सहायक जिला न्यायवादी को समायोजित करने के लिए 24 अप्रैल को ही अधिसूचना जारी की है. इस अधिसूचना के तहत राज्य सरकार ने दो न्यायवादियों के तबादला आदेश रद्द कर दिए थे. हालांकि ,अभियोजन विभाग की मौजूदगी में 24 अप्रैल को ही अदालत ने उन सहायक या उप जिला न्यायवादी को 48 घंटे के भीतर ज्वाइन करने के आदेश दिए थे, जिन्होंने तबादला आदेशों के बावजूद अपना कार्यभार नहीं संभाला था.

स्थानांतरित स्थानों पर ज्वाइनिंग नहीं दी: एक मामले में उप जिला न्यायवादी का तबादला 13 मार्च 2023 को आबकारी एवं कराधान कार्यालय शिमला से जिला न्यायवादी कार्यालय सिरमौर किया गया था. इसी तरह दूसरे मामले में सहायक जिला न्यायवादी को भी डीसी ऑफिस शिमला से जिला न्यायवादी कार्यालय मंडी स्थानांतरित किया गया था. सचिव गृह ने उप जिला न्यायवादी का तबादला रद्द कर दिया और सहायक जिला न्यायवादी को एचपीपीसीएल शिमला में समायोजित किया गया. हाईकोर्ट ने अपने 24 अप्रैल के आदेशों में कहा था कि कुछ अधिकारियों ने 13 मार्च और 31 मार्च की अधिसूचना के अनुसार केवल इसलिए अपने स्थानांतरित स्थानों पर ज्वाइनिंग नहीं दी ,क्योंकि वे अपने मनपसंद स्थानों पर तैनाती की कोशिश में थे.

9 मई को फिर सुनवाई: इनके ऐसा करने से अदालतों की कार्यवाही प्रभावित हो रही है. कोर्ट ने कहा कि अभियोजन निदेशालय राजनीतिक हस्तक्षेप और अन्य दबाव से मुक्त होना चाहिए. इसलिए कोर्ट ने फिर से अपने आदेशों को दोहराते हुए कहा था कि उक्त अधिकारियों के तबादले करने के लिए केवल गृह सचिव और अभियोजन निदेशक ही सक्षम होंगे. अब हाईकोर्ट में मामले की सुनवाई 9 मई को होगी.

ये भी पढ़ें : चंबा में 14 की जगह ठेकेदार ने काट दिए 57 देवदार के पेड़, हाईकोर्ट ने सरकार से पूछा मामला दर्ज क्यों नहीं किया

शिमला: हिमाचल प्रदेश हाईकोर्ट ने अदालती आदेश की अवमानना पर सख्ती दिखाई है. अदालत ने राज्य सरकार के गृह सचिव सहित सहायक व जिला उप न्यायवादी को नोटिस जारी किया है. यही नहीं, हाईकोर्ट ने जिला उप न्यायवादी व सहायक जिला न्यायवादी की ज्वाइनिंग पर भी फिलहाल रोक लगा दी है. हाईकोर्ट ने अपने आदेश में साफ कहा है कि यदि उपरोक्त अधिकारियों ने ज्वाइन कर लिया है तो उनके कर्तव्य निर्वहन यानी पद पर किसी भी तरह के कामकाज पर रोक रहेगी.

24 अप्रैल को दी गई थी जानकारी: हिमाचल हाईकोर्ट के कार्यवाहक मुख्य न्यायाधीश न्यायमूर्ति तरलोक सिंह चौहान व न्यायमूर्ति वीरेंद्र सिंह की खंडपीठ ने मामले की सुनवाई के बाद ये सारे निर्देश जारी किए हैं. खंडपीठ ने कहा कि अदालत की तरफ से 24 अप्रैल को डीए यानी जिला न्यायवादी और डीडीए जिला उप न्यायवादी के ट्रांसफर को लेकर आदेश पारित होने तक किसी भी उप एवं सहायक जिला न्यायवादी का तबादला रद्द या संशोधित नहीं किया गया था. यह जानकारी 24 अप्रैल को मामले पर सुनवाई के दौरान अदालत में उपस्थित संयुक्त निदेशक व निदेशक अभियोजन की ओर से दी गई थी.

अदालत ने हैरानी जताई: अदालत ने हैरानी जताते हुए कहा कि प्रधान सचिव गृह ने स्पष्ट आदेशों के बावजूद भी उप जिला न्यायवादी और सहायक जिला न्यायवादी को समायोजित करने के लिए 24 अप्रैल को ही अधिसूचना जारी की है. इस अधिसूचना के तहत राज्य सरकार ने दो न्यायवादियों के तबादला आदेश रद्द कर दिए थे. हालांकि ,अभियोजन विभाग की मौजूदगी में 24 अप्रैल को ही अदालत ने उन सहायक या उप जिला न्यायवादी को 48 घंटे के भीतर ज्वाइन करने के आदेश दिए थे, जिन्होंने तबादला आदेशों के बावजूद अपना कार्यभार नहीं संभाला था.

स्थानांतरित स्थानों पर ज्वाइनिंग नहीं दी: एक मामले में उप जिला न्यायवादी का तबादला 13 मार्च 2023 को आबकारी एवं कराधान कार्यालय शिमला से जिला न्यायवादी कार्यालय सिरमौर किया गया था. इसी तरह दूसरे मामले में सहायक जिला न्यायवादी को भी डीसी ऑफिस शिमला से जिला न्यायवादी कार्यालय मंडी स्थानांतरित किया गया था. सचिव गृह ने उप जिला न्यायवादी का तबादला रद्द कर दिया और सहायक जिला न्यायवादी को एचपीपीसीएल शिमला में समायोजित किया गया. हाईकोर्ट ने अपने 24 अप्रैल के आदेशों में कहा था कि कुछ अधिकारियों ने 13 मार्च और 31 मार्च की अधिसूचना के अनुसार केवल इसलिए अपने स्थानांतरित स्थानों पर ज्वाइनिंग नहीं दी ,क्योंकि वे अपने मनपसंद स्थानों पर तैनाती की कोशिश में थे.

9 मई को फिर सुनवाई: इनके ऐसा करने से अदालतों की कार्यवाही प्रभावित हो रही है. कोर्ट ने कहा कि अभियोजन निदेशालय राजनीतिक हस्तक्षेप और अन्य दबाव से मुक्त होना चाहिए. इसलिए कोर्ट ने फिर से अपने आदेशों को दोहराते हुए कहा था कि उक्त अधिकारियों के तबादले करने के लिए केवल गृह सचिव और अभियोजन निदेशक ही सक्षम होंगे. अब हाईकोर्ट में मामले की सुनवाई 9 मई को होगी.

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