शिमला: राजधानी शिमला में सर्दियों और गर्मियों के मौसम में अकेले रहने वाले बुजुर्गों को अब किसी सहारे की जरुरत नहीं पड़ेगी. अब नोफल सामाजिक संस्था शिमला के बुजुर्गों के लिए सहारा बनेगी. संस्था के अध्यक्ष गुरमीत सिंह का दावा है कि संस्था अब शहर में अकेले रहने वाले बुजुर्गों का सहारा बनेगी. संस्था अकेले रहने वाले बुजुर्गों को घर द्वार तक दवाइयों से लेकर खाना मुहैया करवाएगी.
हजारों लोगों को दिया जाता है लंगर
इसके लिए संस्था ने वॉलेंटियर रखे हैं, जो बुजुर्गों को घर जाकर खाना और दवाईयां पहुंचाएंगे. गुरमीत सिंह का दावा है कि अभी शहर में 18 ऐसे बुजुर्ग हैं, जिनके बच्चे विदेश में रहते हैं या फिर बच्चे नहीं है. संस्था ने इनकी सेवा के लिए कदम उठाया है. उन्होंने कहा कि संस्था ने डीडीयू अस्पताल और पीजीआई में लंगर सेवा शुरू की है, जिसमें हजारों लोगों को लंगर दिया जाता है.
कमाई का दसवां हिस्सा संस्था में देते है लोग
सामाजिक संस्था के साथ हजारों लोग जुड़े हुए हैं, जो अपनी कमाई का दसवां हिस्सा यहां देते हैं. इससे गरीब और जरूरतमंद लोगों की मदद की जाती है. उन्होंने बताया कि कोरोना काल के दौरान संस्था ने जरूरतमंदों की सेवा के लिए लंगर और राशन वितरित किया था, जिसमें रिज पर घोड़ों से अपनी रोजी रोटी कमाने वालों की सहायता की गई थी.
सीएम करेंगे रोटी बनाने की मशीन का शुभारंभ
गुरमीत सिंह ने बताया कि शिमला के डीडीयू में लंगर सेवा के लिए रोटी बनाने की मशीन स्थापित की गई है, जिसमें एक समय मे एक हजार रोटी तैयार की जाती है. इससे सेवा में लगे लोगों का समय बचता है. इस मशीन का शुभारंभ 6 जनवरी को मुख्यमंत्री जयराम ठाकुर के जन्मदिवस पर किया जाएगा.
आगजनी से प्रभावित परिवारों की कर रही सेवा
पिछले 5 सालों से नोफल संस्था आगजनी की घटना से प्रभावित परिवारों की निरंतर सेवा कर रही है. संस्था की ओर से अभी तक कई दर्जन लोगों की सहायता कर चुका है. बता दें कि संस्था ने शिलोन बाग गांव में दीवाली की पहली रात आगजनी की घटना से बेघर हुए परिवार को वापिस पहुंचा दिया है.
बच्चों की पढ़ाई का खर्चा भी उठाती है संस्था
संस्था की ओर से पीड़ित परिवार को आरसीसी का एक कमरा तैयार करके दे दिया गया है. इसके अलावा पूरे मकान में छत भी लगा दी गई है. वहीं, बलसन में भी आगजनी की घटना से प्रभावित परिवार को 50 बोरी सीमेंट व 5 हजार इंट उतारकर दी गई है और पीड़ित परिवार के दोनों बच्चों की पढ़ाई का पूरा खर्चा भी उठा रही है.