ETV Bharat / state

सरकार के दावों पर सवाल, सरठी गांव के लोग आज भी सड़क सुविधा से महरूम - सरठी गांव के लोग

आजादी के इतने साल गुजर जाने के बाद भी सरठी गांव के लोग सड़क सुविधा से महरूम हैं. सरठी गांव में आज भी कोई बीमार हो जाए तो, उसे अस्पताल पहुंचाने के लिए कई किलोमीटर पैदल चलकर लाना पड़ता है. मरीजों को डंडों और कंबल का स्ट्रेचर पर अस्पताल पहुंचाना पड़ता है.

MLA rakesh singha
विधायक राकेश सिंघा
author img

By

Published : Jun 8, 2020, 8:59 PM IST

शिमला: प्रदेश सरकार यूं तो विकास के बड़े-बड़े दावे करती है, पर जब लोग आजादी के इतने साल गुजर जाने के बाद भी मूलभूत सुविधाओं से वंचित रहें, तो सरकारों की कार्यप्रणाली पर सवाल उठना लाजमी हैं. शिमला जिला के तहत कुमारसैन तहसील का सरठी गांव आज भी सड़क सुविधा से वंचित है. इस गांव की आबादी 150 के करीब है.

सरठी गांव में आज भी कोई बीमार हो जाए तो, उसे अस्पताल पहुंचाने के लिए कई किलोमीटर पैदल चलकर लाना पड़ता है. मरीजों को डंडों और कंबल का स्ट्रेचर पर अस्पताल पहुंचाना पड़ता है. सबसे अधिक परेशानी मरीजों को पैदल अस्पताल पहुंचाने में है तंग रास्तों में मरीजों को उठाकर लाना किसी चुनौती से कम नहीं है. एक एक घंटा पैदल सफर करने को लोग मजबूर हैं.

वीडियो रिपोर्ट

स्थानीय लोगों का कहना है की उन्होंने कई बार सड़क सुविधा न होने के कारण आ रही समस्याओं से अपने क्षेत्र के चुने हुए जन प्रतिनिधियों को अवगत करवाया है, पर उन्हें हर बार आश्वासन ही मिलते रहे हैं. ऐसे में कुमारसैन का सरठी गांव की समस्याएं सेब सीजन नजदीक आते ही दोगुनी हो जाती है क्यूोंकि बिना सड़क के पेटियों को सड़क तक पहुंचाने में काफी पैसे खर्च हो जाते हैं और कई बार लेबर भी समस्या पेश आती है.

ऐसे में जब गांव के लोगों की आर्थिकी सेब की फसल पर ही निर्भर है और गांव अभी तक सड़क सुविधा से वंचित है, तो लोगों को भारी दिक्कतों का सामना करना पड़ रहा है. अब ग्रामीणों ने सरकार और ठियोग हल्के के विधायक राकेश सिंघा से मदद की गुहार लगाई है, जिससे उन्हें भी सड़क जैसी मूलभूत सुविधा मिल सकें.

वहीं, स्थानीय विधायक राकेश सिंघा ने ग्रामीणों की समस्याएं सुनने के बाद उनकी समस्यायों का जल्द समाधान करने की बात कही.

पढ़ें: ऊना में मधुमक्खी पालन की तरफ बढ़ा लोगों का रुझान, बीटेक पास युवा कमा रहे लाखों रुपया

शिमला: प्रदेश सरकार यूं तो विकास के बड़े-बड़े दावे करती है, पर जब लोग आजादी के इतने साल गुजर जाने के बाद भी मूलभूत सुविधाओं से वंचित रहें, तो सरकारों की कार्यप्रणाली पर सवाल उठना लाजमी हैं. शिमला जिला के तहत कुमारसैन तहसील का सरठी गांव आज भी सड़क सुविधा से वंचित है. इस गांव की आबादी 150 के करीब है.

सरठी गांव में आज भी कोई बीमार हो जाए तो, उसे अस्पताल पहुंचाने के लिए कई किलोमीटर पैदल चलकर लाना पड़ता है. मरीजों को डंडों और कंबल का स्ट्रेचर पर अस्पताल पहुंचाना पड़ता है. सबसे अधिक परेशानी मरीजों को पैदल अस्पताल पहुंचाने में है तंग रास्तों में मरीजों को उठाकर लाना किसी चुनौती से कम नहीं है. एक एक घंटा पैदल सफर करने को लोग मजबूर हैं.

वीडियो रिपोर्ट

स्थानीय लोगों का कहना है की उन्होंने कई बार सड़क सुविधा न होने के कारण आ रही समस्याओं से अपने क्षेत्र के चुने हुए जन प्रतिनिधियों को अवगत करवाया है, पर उन्हें हर बार आश्वासन ही मिलते रहे हैं. ऐसे में कुमारसैन का सरठी गांव की समस्याएं सेब सीजन नजदीक आते ही दोगुनी हो जाती है क्यूोंकि बिना सड़क के पेटियों को सड़क तक पहुंचाने में काफी पैसे खर्च हो जाते हैं और कई बार लेबर भी समस्या पेश आती है.

ऐसे में जब गांव के लोगों की आर्थिकी सेब की फसल पर ही निर्भर है और गांव अभी तक सड़क सुविधा से वंचित है, तो लोगों को भारी दिक्कतों का सामना करना पड़ रहा है. अब ग्रामीणों ने सरकार और ठियोग हल्के के विधायक राकेश सिंघा से मदद की गुहार लगाई है, जिससे उन्हें भी सड़क जैसी मूलभूत सुविधा मिल सकें.

वहीं, स्थानीय विधायक राकेश सिंघा ने ग्रामीणों की समस्याएं सुनने के बाद उनकी समस्यायों का जल्द समाधान करने की बात कही.

पढ़ें: ऊना में मधुमक्खी पालन की तरफ बढ़ा लोगों का रुझान, बीटेक पास युवा कमा रहे लाखों रुपया

ETV Bharat Logo

Copyright © 2024 Ushodaya Enterprises Pvt. Ltd., All Rights Reserved.