शिमला: जिला शिमला के ठियोग उपमंडल के देहा से गायब हुए जुब्बल के शुभम के गायब होने का मामला दिन प्रतिदिन प्रदेश सरकार के लिए उलझनें पैदा कर रहा है. 30 नवम्बर की रात से गायब शुभम हर किसी के लिए एक पहेली से कम नहीं है. जिस तरीके से शुभम गुम हुआ है वो अपने आप में एक रहस्य बना हुआ है.
अपने दोस्तों के साथ देहा के जंगलों में घूमने निकला शुभम यूं गुम हुआ कि उसके साथ कि दोस्तों को भी पता नहीं चला. दो महीने की जद्दोजहद के बाद रविवार को शिमला के एसपी ओमापति जम्वाल ने खुद मोर्चा संभाला. शुभम की तलाश के लिए रविवार को 5 उच्च अधिकारी और 100 पुलिस के जवानों सहित 10 एसडीआरएफ के जवान भी शुभम की तलाश में जुटे.
शुभम की तलाशी के लिये चलाये गए इस अभियान में स्थानीय लोगों की भी मदद ली गई, लेकिन सब खाली हाथ शाम को वापस लौट आये. एसपी शिमला ने इस दौरान स्थानीय लोगों से बातचीत की और शुभम के दोस्तों से भी पूछताछ की, लेकिन कोई सुराग हाथ नही लगा. तलाशी अभियान में पुलिस के जवानों ने पहाड़, जंगल, नालों और खंडहर रास्तों पर शुभम को तलाशा, लेकिन सब निराश होकर शाम को वापस लौट आये.
बता दें कि शुभम के गुम होने का मामला पुलिस के गले की फांस बनता जा रहा है. खुद मुख्यमंत्री जयराम ठाकुर ने इस मामले का संज्ञान लिया, लेकिन अभी तक कुछ भी पता नहीं चल पा रहा है. शुभम के परिजनों ने मुख्यमंत्री से सीबीआई जांच की मांग की है.
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