हमीरपुर: कोरोना काल में मास्क न पहनने और सोशल डिस्टेंसिंग की अवहेलना पर आम जनता का चालान काटने वाली पुलिस ने ही जिले की जनता को संकट में डाल दिया है. दरअसल कोरोना जांच के लिए सैंपल देने के बाद खुद को आइसोलेट करने के बजाय नौ पुलिस जवान फील्ड में ड्यूटी देते रहें. बुधवार को आई कोरोना रिपोर्ट में 23 कोरोना संक्रमितों में से नौ पुलिस जवान कोरोना संक्रमित पाए गए हैं.
पीड़ित पुलिस जवानों का कहना है कि कोरोना जांच के लिए सैंपल देने की सूचना उन्होंने अपने विभाग के उच्चाधिकारियों को दी थी. एसओपी के मुताबिक सैंपल देने के बाद आइसोलेट एवं क्वारंटाइन होना चाहिए था, लेकिन पुलिस जवान ड्यूटी पर तैनात रहे. ऐसे में जिला पुलिस और स्वास्थ्य विभाग आमने-सामने हैं. स्वास्थ्य विभाग ने स्पष्ट किया है कि एसओपी के मुताबिक सैंपल देने वाले व्यक्ति को रिपोर्ट आने तक आइसोलेट होना पड़ता है लेकिन, पुलिस विभाग के अधिकारियों ने इस तरह की एसओपी की उन्हें कोई सूचना नहीं दी है.
सीएमओ डॉ. अर्चना सोनी ने बताया कि कोरोना जांच के लिए सैंपल देने वाले व्यक्ति को एसओपी के तहत रिपोर्ट आने तक क्वारंटाइन होना पड़ता है ताकि, कम्युनिटी स्प्रेड को रोका जा सके. उन्होंने कहा कि पुलिस जवानों ने सैंपल देने के बाद एसओपी की अवहेलना की, जिससे इस संबंध में उपायुक्त से बात की जाएगी.
पुलिस अधीक्षक कार्तिकेयन गोकुलचंद्रन ने कहा कि पुलिस जवानों के रैंडम सैंपल लिए थे. किसी में कोरोना के कोई लक्षण नहीं थे. सैंपल देने के बाद भी पुलिस जवान ड्यूटी दे सकते हैं, क्योंकि एसओपी में ऐसा कहीं नहीं लिखा है कि सैंपल देने के बाद ड्यूटी नहीं दे सकते हैं.
उपायुक्त हरिकेश मीणा ने कहा कि कोरोना सैंपल देने के बाद एसओपी के मुताबिक सैंपल रिपोर्ट आने तक व्यक्ति को क्वारंटाइन और आइसोलेट होना पड़ता है ताकि, अन्य व्यक्ति कोरोना संक्रमण की चपेट में न आए. उन्होंने कहा कि पुलिस जवानों को क्वारंटाइन ना करने पर, इसकी जांच की जाएगी.
बता दें कि नौ पुलिस कर्मियों में से छह ट्रैफिक पुलिस के जवान और तीन पुलिस थानों से है. वो लोग भी इन पीड़ितों के सपंर्क में आए हैं, जिसके पीड़ितों ने चालान काटे और दस्तावेज चेंक किए हैं. इनके प्राथमिक संपर्क में आए लोगों की सूची लंबी हो सकती है.
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