शिमला: नगर निगम शिमला के महापौर उप महापौर बनते ही विवाद हो गया है. सोमवार को पार्षदों की शपथ में सुरेंद्र चौहान को महापौर और उमा कौशल को उप महापौर बनाया गया. बचत भवन से जब महापौर और उप महापौर टाउन हाल में कार्यभार संभालने पहुंचे तो पता चला कि महापौर का कार्यालय तो टाउन हॉल में ही बना था, लेकिन उप महापौर के कार्यालय को सब्जी मंडी शिफ्ट कर दिया गया है. ऐसे में उप महापौर ने कार्यालय को शिफ्ट करने का विरोध किया.
उप महापौर ने नाराजगी के चलते अपना पदभार नहीं संभाला. वे अपने समर्थकों के साथ पहले नगर निगम के आयुक्त के पास पहुंची. जिसके बाद भी कोई रास्ता नहीं मिला तो इसके बाद शहरी विकास विभाग के अधिकारियों के पास जाकर विरोध जताया. इसके साथ ही मौके पर मुख्यमंत्री कार्यालय जाने का फैसला लिया. शाम तक ये मामला चलता रहा. उमा कौशल अपने समर्थकों के साथ ज्वाइन न करने का फैसला लिया है.
टाउन हाल हाई कोर्ट के आदेशों में भी नगर निगम के मेयर और डिप्टी मेयर के लिए ही आवंटित किया है. इनके अलावा किसी अन्य का कार्यालय यहां पर नहीं होना चाहिए. हाई कोर्ट के आदेशों में साफ है कि इनके अलावा किसी अन्य का कार्यालय यहां नहीं हो सकता है. इस तरह का विवाद कांग्रेस में निगम में सत्ता में आते ही पहले दिन से आपस में तनातनी की आशंका पैदा होती दिख रही है. डिप्टी मेयर उमा कौशल ने कहा कि जब तक उनका कार्यालय टाउन हाल में शिफ्ट नहीं किया जाएगा. उस समय तक वे अपने पद का कार्यभार नहीं संभालेंगी.
वहीं, पंचायती राज मंत्री अनिरुद्ध सिंह ने कहा कि इसके बारे में उन्हें कोई जानकारी नही है. उन्होंने कहा कि टाउन हाल में हाई कोर्ट द्वारा ही महापौर और उप महापौर को बैठने की अनुमति दी है. सब्जी मंडी में क्यों उप महापौर का कार्यकाल शिफ्ट किया गया है इसकी वे जानकारी लेंगे.
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