शिमला: प्रदेश की सुखविंदर सरकार ने ट्रांसफर हुए कर्मचारियों को रिलीव करने के लिए अधिकतम पांच दिन तय कर दिए हैं. सरकार ने साफ किया है कि इस समय तक अगर संबधित अधिकारी कर्मचारी को रीलिव नहीं करते तो ऐसे कर्मचारियों को डीम्ड रीलिव माना जाएगा. यही नहीं इस तरह लेट लतीफी करने वाले अधिकारी पर अनुशासनात्मक कार्रवाई भी की जाएगी. प्रदेश की सुखविंदर सिंह सुक्खू सरकार ने कर्मचारियों के तबादले को लेकर सीसीएस रूल्स में ज्वाइनिंग को लेकर बदलाव किया है और इस बारे में बीते 24 मई को अधिसूचना भी जारी कर दी गई थी. इसी तरह अनुबंध कर्मचारियों को लेकर भी 31 जुलाई को इस तरह की अधिसूचना जारी की गई थी.
दरअसल, नए नियम के तहत प्रदेश में अब 30 किलोमीटर से ज्यादा की दूरी पर तबादला होने पर संबंधित कर्मचारी को पांच दिन में ही ज्वाइनिंग देनी पड़ती है. हालांकि पहले आठ किलोमीटर से ज्यादा दूरी पर ज्वाइनिंग के लिए दस दिन मिलते थे, मगर अब इस नियम को बदल कर पांच दिन किया गया है. इस तरह अगर ज्वाइनिंग वाले स्टेशन की दूरी 30 किलोमीटर से ज्यादा होगी तो पांच दिन में ही ज्वाइन करना होता है. वहीं, 30 किलोमीटर से कम दूरी होगी तो एक दिन में ही ज्वाइन करना होता है, लेकिन देखने में आया है कि ट्रांसफर होने वाले कई कर्मचारियों को समय पर रीलिव नहीं किया जा रहा. इसके चलते इन कर्मचारियों की ज्वाईनिंग में देरी हो रही है. सरकार ने इसे गंभीरता से लिया है. सरकार ने अब रीलीव करने के बारे में भी आदेश जारी किए हैं.
अधिततम पांच दिनों के भीतर करना होगा रिलीव: सरकार ने आदेश जारी किए हैं कि जिन कर्मचारियों को चार्ज देने की जरूरत नहीं है, उनको दो कार्य दिवस के भीतर संबंधित अधिकारी को रीलिव करना होगा. वहीं, जिन कर्मचारियों और अधिकारियों को चार्ज देने की जरूरत है उनको पांच दिनों के भीतर रीलीव करना जरूरी होगा. अगर ऐसा नहीं किया जाता तो उस कर्मचारियों की डीम्ड रीलीव माना जाएगा. यही नहीं सरकार ऐसे लेट लतीफी करने वाले अधिकारियों पर कार्रवाई करेगी. कार्मिक विभाग की ओर से इस बारे में सभी प्रशासनिक सचिवों, सभी विभागध्यक्षों, मंडलायुक्तों, डजीसी और बोर्डों और निगमों के एमडी और सीईओ को आदेश जारी किए गए हैं.