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हिमाचल में नया पे स्केल मात्र दिखावा, कर्मचारियों को नहीं हो रहा कोई फायदा: राजकीय अध्यापक संघ - राजकीय अध्यापक संघ के प्रदेश अध्यक्ष वीरेंद्र चौहान

हिमाचल प्रदेश सरकार ने 6वां वेतनमान लागू कर दिया है, लेकिन कुछ कर्मचारी संगठन इससे खुश नहीं है. हिमाचल राजकीय अध्यापक संघ नए वेतनमान के लागू करने (6th pay commission Himachal) के ढंग का विरोध कर रही है. संघ ने नए वेतनमान को दिखावा करार देते हुए चेतावनी दी है की अगर सरकार ने पंजाब की तर्ज पर नए वेतनमान को लागू नहीं किया तो, प्रदेश के कर्मचारी सरकार के खिलाफ लड़ाई लड़ने को तैयार हैं.

New pay scale in Himachal
हिमाचल में नया पे स्केल
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Published : Jan 8, 2022, 5:03 PM IST

Updated : Jan 8, 2022, 6:11 PM IST

शिमला: हिमाचल प्रदेश सरकार ने छठा वेतनमान लागू कर दिया है, लेकिन कुछ कर्मचारी संगठन इससे खुश नहीं है. हिमाचल राजकीय अध्यापक संघ नए वेतनमान के लागू करने (6th pay commission Himachal) के ढंग का विरोध कर रही है. संघ ने नए वेतनमान को दिखावा बताते हुए कहा कि जिस तरह से पंजाब ने नए वेतनमान को लागू किया है, हिमाचल सरकार भी उसी तर्ज पर इसे लागू करे. अन्यथा इससे प्रदेश के कर्मचारियों को कोई फायदा (New pay scale in Himachal) नहीं हो रहा है.

राजकीय अध्यापक संघ के प्रदेश अध्यक्ष वीरेंद्र चौहान (Himachal State Government Teachers Association) ने बताया कि हिमाचल सरकार ने पंजाब की तर्ज पर कर्मचारियों को 15% हाइक का विकल्प नहीं दिया है, जिससे कर्मचारियों को फायदा होना था. हिमाचल सरकार न तो पंजाब का वेतनमान दे रही है और न ही केंद्र सरकार का. अगर कर्मचारियों को पूरा फायदा देना ही नहीं था, तो 2016 से लेकर इतना इंतजार क्यों करवाया गया ? उन्होंने कहा कि सरकार पंजाब के समान वेतनमान को लागू करे, अन्यथा कर्मचारी लड़ाई लड़ने को तैयार हैं.

उन्होंने कहा कि हिमाचल में इससे पहले 2006 का वेतनमान 2009 में लागू किया गया था. जिसमें रूल 2009 के तहत जो प्रावधान 2009 में पांचवे वेतन आयोग में किए (Pay scale factor HP government employee) गए थे, बाद में 1-10 -2012 को कुछ खामियों के कारण उस वेतन आयोग में कुछ संशोधन किए गए थे. जिससे बहुत से कर्मचारियों और शिक्षकों का ग्रेड पे बढ़ गया था, लेकिन उसी संशोधन में हिमाचल सरकार ने पंजाब सरकार के संशोधन को पीछे छोड़कर एक अपना नया पैरामीटर तय किया था.

उन्होंने कहा कि उस वक्त के वित्त सचिव श्रीकांत बाल्दी ने हिमाचल प्रदेश के कर्मचारियों की कमर तोड़ने के लिए उस समय जो-जो कटौती या जहां-जहां कैंची चला सकते थे, उन्होंने पूरी मनमानी करते हुए कर्मचारियों के बहुत से लाभ छीनने का काम किया था. जिसमें पंजाब से हटकर हिमाचल में 1-10-2012 को ग्रेड पे के संशोधन में कर्मचारी व शिक्षकों को इनिशियल स्टार्ट बंद कर दिया था.

उन्होंने का कि नए वेतनमान को लागू करने के लिए (contract period of employees in Himachal) नई नियुक्तियों एवं पदोन्नति पर 2 साल की बेवजह शर्त थोप दी गई थी और दिनांक 7-7- 2014 को 4-9-14 टाइम स्केल के रूल 2009 के तहत निर्धारित किए गए टाइम स्केल को भी तहस-नहस कर दिया गया था. जिसका खामियाजा छठे वेतन आयोग में आज हिमाचल प्रदेश के ढाई लाख कर्मचारियों को झेलना पड़ रहा है.

ये भी पढ़ें: ऊना में बेटी से दुष्कर्म, पत्नी ने पति के खिलाफ दर्ज करवाई FIR

शिमला: हिमाचल प्रदेश सरकार ने छठा वेतनमान लागू कर दिया है, लेकिन कुछ कर्मचारी संगठन इससे खुश नहीं है. हिमाचल राजकीय अध्यापक संघ नए वेतनमान के लागू करने (6th pay commission Himachal) के ढंग का विरोध कर रही है. संघ ने नए वेतनमान को दिखावा बताते हुए कहा कि जिस तरह से पंजाब ने नए वेतनमान को लागू किया है, हिमाचल सरकार भी उसी तर्ज पर इसे लागू करे. अन्यथा इससे प्रदेश के कर्मचारियों को कोई फायदा (New pay scale in Himachal) नहीं हो रहा है.

राजकीय अध्यापक संघ के प्रदेश अध्यक्ष वीरेंद्र चौहान (Himachal State Government Teachers Association) ने बताया कि हिमाचल सरकार ने पंजाब की तर्ज पर कर्मचारियों को 15% हाइक का विकल्प नहीं दिया है, जिससे कर्मचारियों को फायदा होना था. हिमाचल सरकार न तो पंजाब का वेतनमान दे रही है और न ही केंद्र सरकार का. अगर कर्मचारियों को पूरा फायदा देना ही नहीं था, तो 2016 से लेकर इतना इंतजार क्यों करवाया गया ? उन्होंने कहा कि सरकार पंजाब के समान वेतनमान को लागू करे, अन्यथा कर्मचारी लड़ाई लड़ने को तैयार हैं.

उन्होंने कहा कि हिमाचल में इससे पहले 2006 का वेतनमान 2009 में लागू किया गया था. जिसमें रूल 2009 के तहत जो प्रावधान 2009 में पांचवे वेतन आयोग में किए (Pay scale factor HP government employee) गए थे, बाद में 1-10 -2012 को कुछ खामियों के कारण उस वेतन आयोग में कुछ संशोधन किए गए थे. जिससे बहुत से कर्मचारियों और शिक्षकों का ग्रेड पे बढ़ गया था, लेकिन उसी संशोधन में हिमाचल सरकार ने पंजाब सरकार के संशोधन को पीछे छोड़कर एक अपना नया पैरामीटर तय किया था.

उन्होंने कहा कि उस वक्त के वित्त सचिव श्रीकांत बाल्दी ने हिमाचल प्रदेश के कर्मचारियों की कमर तोड़ने के लिए उस समय जो-जो कटौती या जहां-जहां कैंची चला सकते थे, उन्होंने पूरी मनमानी करते हुए कर्मचारियों के बहुत से लाभ छीनने का काम किया था. जिसमें पंजाब से हटकर हिमाचल में 1-10-2012 को ग्रेड पे के संशोधन में कर्मचारी व शिक्षकों को इनिशियल स्टार्ट बंद कर दिया था.

उन्होंने का कि नए वेतनमान को लागू करने के लिए (contract period of employees in Himachal) नई नियुक्तियों एवं पदोन्नति पर 2 साल की बेवजह शर्त थोप दी गई थी और दिनांक 7-7- 2014 को 4-9-14 टाइम स्केल के रूल 2009 के तहत निर्धारित किए गए टाइम स्केल को भी तहस-नहस कर दिया गया था. जिसका खामियाजा छठे वेतन आयोग में आज हिमाचल प्रदेश के ढाई लाख कर्मचारियों को झेलना पड़ रहा है.

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Last Updated : Jan 8, 2022, 6:11 PM IST
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