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रूसा को लागू करने की लापरवाही युवाओं पर भारी, जानें पूरी खबर - एचपीयू से रूसा

एचपीयू से रूसा के तहत जिन छात्रों ने यूजी डिग्री की है, उन्हें इस तरह के कॉम्बिनेशन पढ़ा दिए गए हैं कि अब इन युवाओं के हाथों में डिग्री होने के बाद भी शिक्षक बनने का अवसर छीन गया है.

Negligence to implement RUSA  creating problem for youth
शिक्षा विभाग
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Published : Dec 20, 2019, 10:05 AM IST

शिमला: राष्ट्रीय उच्चतर शिक्षा अभियान के प्रदेश में सही तरीके से लागू ना किए जाने का खामियाजा अब प्रदेश के युवाओं को भुगतना पड़ रहा है. एचपीयू से रूसा के तहत जिन छात्रों ने यूजी डिग्री की है, उन्हें इस तरह के कॉम्बिनेशन पढ़ा दिए गए है कि अब इन युवाओं के हाथों में डिग्री होने के बाद भी शिक्षक बनने का अवसर छीन गया है.

बता दें कि दो अभ्यर्थियों ने हाल ही में टीजीटी नॉन मेडिकल की लिखित परीक्षा पास कि है. उन्हें सिर्फ इस वजह से शिक्षक नहीं बनने दिया जा रहा क्योंकि उन्होंने रूसा के तहत वह सब्जेक्ट ही नहीं पढ़े हैं, जो उन्हें नियमों के तहत पढ़ने चाहिए थे. ऐसे में टीजीटी नॉन मेडिकल के पदों के लिए हमीपुर चयन आयोग ने इन दो अभ्यर्थियों को भर्ती से बाहर कर दिया है.

वीडियो रिपोर्ट

यह परेशानी उन अभ्यर्थियों को आ रही है जिन्होंने वर्ष 2015 के बैच में अपनी यूजी की डिग्री पूरी की है. शिक्षा विभाग के तहत आरएंडपी रूल्स के तहत टीजीटी मेडिकल बनने के लिए यूजी में बॉयो के साथ केमिस्ट्री पढ़ना जरूरी है. उसी तरह से नॉन मेडिकल में भी फिजिक्स, कैमिस्ट्री और मैथ तीनों विषयों को पढ़ना जरूरी है, लेकिन जब रूसा को यूजी में लागू किया गया तो छात्रों को च्वाइस बेस्ड क्रेडिट सिस्टम के तहत सब्जेक्ट कॉम्बिनेशन में भी च्वाइस दी गई. यही वजह है की छात्रों ने रूसा में अन्य संकायों से भी सब्जेक्ट पढ़ लिए हैं और अब यह अभ्यर्थी शिक्षक बनने की पात्रता ही पूरी नहीं कर पा रहे हैं.

शिक्षा विभाग की इस गलती का खामियाजा छात्रों को भुगतना पड़ रहा है और 4 साल में एचपीयू से ग्रेजुएशन करने वाले ढाई लाख के छात्र टीजीटी पढ़ने के लिए एलिजिबल नहीं हो पाए हैं.

Negligence to implement RUSA  creating problem for youth
हिमाचल प्रदेश विश्वविद्यालय

यह मामला प्रारंभिक शिक्षा निदेशालय के पास पहुंचा है. शिक्षा विभाग में एचपीयू से इक्विवेलेंस कमेटी की बैठक बुलाए जाने की मांग की है ताकि रूसा के सब्जेक्ट कॉम्बिनेशन की समस्या का समाधान निकल सके. हालांकि अपनी गलती का एहसास होने पर वर्ष 2016 में सब्जेक्ट कॉम्बिनेशन में बदलाव किया गया था और इसके बाद मेडिकल आर्ट्स और नॉन मेडिकल के छात्रों को आर एंड पी रूल्स के तहत सभी आवश्यक विषय पढ़ाए गए थे. ऐसे में जिन छात्रों ने 2016 के बाद यूजी डिग्री हासिल की है उनके सामने इस तरह की समस्या नहीं आएगी.

2019 में सरकार ने किया था इक्वीलेंस कमेटी का गठन

रूसा की इस तरह की समस्याओं को लेकर सरकार ने समाधान के लिए 2019 में विधानसभा सत्र के दौरान रूसा के सब्जेक्ट कॉम्बिनेशन को लेकर एक इक्वीलेंस कमेटी का गठन किया था. कमेटी में विश्वविद्यालय के कुलपति और प्रारंभिक शिक्षा निदेशक को भी सदस्य बनाया गया है, लेकिन अभी तक बैठक नहीं हो पाई है. अब इस मामले के आने के बाद प्रारंभिक शिक्षा विभाग में एचपीयू को इस मसले पर जल्द बैठक करने के लिए समय तय करने को कहा है. इस बैठक में सब्जेक्ट कॉम्बिनेशन को लेकर चर्चा करेंगे.

ये भी पढ़ें: सरकार की बेहतर स्वास्थ्य सेवाओं पर सवाल, बिलासपुर के पंचकर्म अस्पताल में स्टाफ का टोटा

शिमला: राष्ट्रीय उच्चतर शिक्षा अभियान के प्रदेश में सही तरीके से लागू ना किए जाने का खामियाजा अब प्रदेश के युवाओं को भुगतना पड़ रहा है. एचपीयू से रूसा के तहत जिन छात्रों ने यूजी डिग्री की है, उन्हें इस तरह के कॉम्बिनेशन पढ़ा दिए गए है कि अब इन युवाओं के हाथों में डिग्री होने के बाद भी शिक्षक बनने का अवसर छीन गया है.

बता दें कि दो अभ्यर्थियों ने हाल ही में टीजीटी नॉन मेडिकल की लिखित परीक्षा पास कि है. उन्हें सिर्फ इस वजह से शिक्षक नहीं बनने दिया जा रहा क्योंकि उन्होंने रूसा के तहत वह सब्जेक्ट ही नहीं पढ़े हैं, जो उन्हें नियमों के तहत पढ़ने चाहिए थे. ऐसे में टीजीटी नॉन मेडिकल के पदों के लिए हमीपुर चयन आयोग ने इन दो अभ्यर्थियों को भर्ती से बाहर कर दिया है.

वीडियो रिपोर्ट

यह परेशानी उन अभ्यर्थियों को आ रही है जिन्होंने वर्ष 2015 के बैच में अपनी यूजी की डिग्री पूरी की है. शिक्षा विभाग के तहत आरएंडपी रूल्स के तहत टीजीटी मेडिकल बनने के लिए यूजी में बॉयो के साथ केमिस्ट्री पढ़ना जरूरी है. उसी तरह से नॉन मेडिकल में भी फिजिक्स, कैमिस्ट्री और मैथ तीनों विषयों को पढ़ना जरूरी है, लेकिन जब रूसा को यूजी में लागू किया गया तो छात्रों को च्वाइस बेस्ड क्रेडिट सिस्टम के तहत सब्जेक्ट कॉम्बिनेशन में भी च्वाइस दी गई. यही वजह है की छात्रों ने रूसा में अन्य संकायों से भी सब्जेक्ट पढ़ लिए हैं और अब यह अभ्यर्थी शिक्षक बनने की पात्रता ही पूरी नहीं कर पा रहे हैं.

शिक्षा विभाग की इस गलती का खामियाजा छात्रों को भुगतना पड़ रहा है और 4 साल में एचपीयू से ग्रेजुएशन करने वाले ढाई लाख के छात्र टीजीटी पढ़ने के लिए एलिजिबल नहीं हो पाए हैं.

Negligence to implement RUSA  creating problem for youth
हिमाचल प्रदेश विश्वविद्यालय

यह मामला प्रारंभिक शिक्षा निदेशालय के पास पहुंचा है. शिक्षा विभाग में एचपीयू से इक्विवेलेंस कमेटी की बैठक बुलाए जाने की मांग की है ताकि रूसा के सब्जेक्ट कॉम्बिनेशन की समस्या का समाधान निकल सके. हालांकि अपनी गलती का एहसास होने पर वर्ष 2016 में सब्जेक्ट कॉम्बिनेशन में बदलाव किया गया था और इसके बाद मेडिकल आर्ट्स और नॉन मेडिकल के छात्रों को आर एंड पी रूल्स के तहत सभी आवश्यक विषय पढ़ाए गए थे. ऐसे में जिन छात्रों ने 2016 के बाद यूजी डिग्री हासिल की है उनके सामने इस तरह की समस्या नहीं आएगी.

2019 में सरकार ने किया था इक्वीलेंस कमेटी का गठन

रूसा की इस तरह की समस्याओं को लेकर सरकार ने समाधान के लिए 2019 में विधानसभा सत्र के दौरान रूसा के सब्जेक्ट कॉम्बिनेशन को लेकर एक इक्वीलेंस कमेटी का गठन किया था. कमेटी में विश्वविद्यालय के कुलपति और प्रारंभिक शिक्षा निदेशक को भी सदस्य बनाया गया है, लेकिन अभी तक बैठक नहीं हो पाई है. अब इस मामले के आने के बाद प्रारंभिक शिक्षा विभाग में एचपीयू को इस मसले पर जल्द बैठक करने के लिए समय तय करने को कहा है. इस बैठक में सब्जेक्ट कॉम्बिनेशन को लेकर चर्चा करेंगे.

ये भी पढ़ें: सरकार की बेहतर स्वास्थ्य सेवाओं पर सवाल, बिलासपुर के पंचकर्म अस्पताल में स्टाफ का टोटा

Intro:राष्ट्रीय उच्चतर शिक्षा अभियान के प्रदेश में सही तरीके से लागू ना किए जाने का खामियाजा अब प्रदेश के युवाओं को भुगतना पड़ रहा है। हालात यह है कि एचपीयू से रूसा के तहत जिन छात्रों ने यूजी डिग्री की है उन्हें इस तरह के कॉम्बिनेशन पढ़ा दिए गए है कि अब इन युवाओं के हाथों में डिग्री होने के बाद भी शिक्षक बनने का अवसर छीन गया है। इस तरह के दो अभ्यर्थियों को अभी हाल ही में टीजीटी नॉन मेडिकल की लिखित परीक्षा जिन्होंने पास कि हैं उन्हें मात्र इस वजह से शिक्षक नहीं बनने दिया जा रहा कियूंकि उन्होंने रूसा के तहत वह सब्जेक्ट ही नहीं पढ़े हैं जो उन्हें नियमों के तहत पढ़ने चाहिए थे।ऐसे में टीजीटी नॉन मेडिकल के पद हमीपुर चयन आयोग ने इन दो अभ्यर्थियों को भर्ती से बाहर कर दिया है।


Body:यह परेशानी उन अभ्यर्थियों को आ रही हैं जिन्होंने वर्ष 2015 के बैच में अपनी यूजी की डिग्री पूरी की हैं। शिक्षा विभाग के तहत आर एंड पी रूल्स जो हैं उसमें टीजीटी मेडिकल बनने के लिए यूजी में बॉयो के साथ केमिस्ट्री पढ़ना जरूरी है। उसी तरह से नॉन मेडिकल में भी फिजिक्स,कैमिस्ट्री ओर मैथ तीनो विषयों को पढ़ना जरूरी है,लेकिन जब रूसा को यूजी में लागू किया गया तो छात्रों को च्वाइस बेस्ड क्रेडिट सिस्टम के तहत सब्जेक्ट कॉम्बिनेशन में भी च्वाइस दी गई। यही वजह है की छात्रों ने रूसा में अन्य संकायों से भी सब्जेक्ट पढ़ लिए हैं ओर अब यह अभ्यर्थी शिक्षक बनने की पात्रता ही पूरी नहीं कर पा रहे है। यही वजह है कि अब इसका खामियाजा छात्रों को भुगतना पड़ रहा है और 4 साल में एचपीयू से ग्रेजुएशन करने वाले ढाई लाख के छात्र टीजीटी पढ़ने के लिए एलिजिबल नहीं हो पाए।


Conclusion:अब जैसे यह मामला प्रारंभिक शिक्षा निदेशालय के पास पहुंचा है तो इस मामले में शिक्षा विभाग में एचपीयू से इक्विवेलेंस कमेटी की बैठक बुलाए जाने की मांग की है ताकि रूसा के सब्जेक्ट कॉमिनेशन की समस्या का समाधान निकल सके। हालांकि अपनी गलती का एहसास होने पर वर्ष 2016 में सब्जेक्ट कॉमिनेशन में बदलाव किया गया था और इसके बाद मेडिकल आर्ट्स और नॉन मेडिकल के छात्रों को आर एंड पी रूल्स के तहत सभी आवश्यक विषय पढ़ाए गए थे। ऐसे में जिन छात्रों ने 2016 के बाद यूजी डिग्री हासिल की है उनके सामने इस तरह की समस्या नहीं आएगी। वहीं इस मामले पर हमीरपुर सिलेक्शन बोर्ड ने भी शिक्षा विभाग से स्पष्टीकरण मांगा है। जब तक शिक्षा विभाग यह स्पष्टीकरण नहीं देता है तब तक नई भर्तियां नहीं निकाली जाएंगी।

बॉक्स:

रूसा की इस तरह की समस्याओं को लेकर सरकार ने समाधान के लिए 2019 में विधानसभा सत्र के दौरान रूसा के सब्जेक्ट कॉमिनेशन को लेकर एक इक्वीलेंस कमेटी का गठन किया था। कमेटी में विश्वविद्यालय के कुलपति और प्रारंभिक शिक्षा निदेशक को भी सदस्य बनाया गया है लेकिन अभी तक बैठक नहीं हो पाई है। अब इस मामले के आने के बाद प्रारंभिक शिक्षा विभाग में एचपीयू को इस मसले पर जल्द बैठक करने के लिए समय तय करने को कहा है। इस बैठक में सब्जेक्ट कंबीनेशन को लेकर चर्चा करेंगे।
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