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Natural Farming Products: शिमला में लोगों को घरों के पास मिलेंगे प्राकृतिक खेती उत्पाद, इन 3 जगहों पर मोबाइल वैन से मिलेंगे प्रोडक्ट्स

हिमाचल में प्राकृतिक खेती खुशहाल किसान योजना के तहत अब सरकार उपभोक्ताओं को घर के आसपास ही रसायन रहित फल-सब्जी एवं अन्य उत्पाद मुहैया कराएगी. शिमला शहर में कुछ चुनिंदा जगहों पर मोबाइल वैन के जरिए इन प्राकृतिक खेती के उत्पादों को मुहैया करवाया जाएगा. (Natural Farming Products in Shimla)

Prakritik Kheti Khushal Kisan Yojana in Himachal
प्राकृतिक खेती खुशहाल किसान योजना
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By ETV Bharat Himachal Pradesh Team

Published : Sep 14, 2023, 9:20 AM IST

शिमला: शिमला शहर के लोगों को अब प्राकृतिक खेती उत्पाद उपलब्ध करवाएं जाएंगे. ‘प्राकृतिक खेती खुशहाल किसान योजना’ के अंतगर्त उपभोक्ताओं को उनके घरों के पास ही नॉन केमिकल फल-सब्जी और प्राकृतिक खेती के अन्य उत्पाद मिल सकें, इसके लिए पायलट आधार पर मोबाइल वैन की व्यवस्था की गई है. शुक्रवार 15 सितंबर को इसकी सप्लाई शुरू कर दी जाएगी. इस वैन के माध्यम से प्रत्येक शुक्रवार को हिमाचल प्रदेश सचिवालय, हिमाचल प्रदेश विश्वविद्यालय परिसर और कृषि भवन में प्राकृतिक खेती उत्पाद उपलब्ध करवाए जाएंगे.

मोबाइल वैन से बिकेंगे उत्पाद: प्राकृतिक खेती खुशहाल किसान योजना के राज्य परियोजना निदेशक हेमिस नेगी ने बताया कि इस पहल से शहर के लोगों को रसायन रहित उत्पाद उनके आसपास ही मिल सकेंगे. फिलहाल शुरू में कुछ स्थानों पर ही प्राकृतिक खेती के उत्पाद बिक्री के लिए मुहैया होंगे. उपभोक्ताओं की तादाद बढ़ने पर और जगहों पर भी इस वैन के जरिए उत्पाद बेचे जाएंगे.

शिमला में इन स्थानों पर मिलेंगे प्राकृतिक उत्पाद: पायलट आधार पर शहर से सटे तीन विकासखंड बसंतपुर, टूटू और मशोबरा के किसानों द्वारा प्राकृतिक खेती तकनीक से तैयार फल-सब्जी व अन्य उत्पाद इस वैन के जरिए मुहैया करवाए जाएंगे. उपभोक्ता हर शुक्रवार मोबाइल वैन के जरिए सचिवालय में एक से 2.30 बजे तक, प्रदेश विश्वविद्यालय समरहिल में 3 से 4 बजे तक एवं कृषि भवन में शाम 4.15 से 5.30 प्राकृतिक खेती तकनीक से उत्पादित रसायन रहित उत्पाद खरीद सकेंगे.

प्राकृतिक खेती में प्रमाणित किसानों के उत्पाद बेचे जाएंगे: कृषि विभाग की इस पहल के जरिए प्राकृतिक खेती में प्रमाणित किसानों के उत्पाद बेचे जाएंगे. शिमला जिले के 3 विकास खंडों के 200 से ज्यादा किसान इस पहल से सीधे तौर पर जुड़े हैं. बिना किसी बिचौलिए के, सप्लाई चेन से जुड़े इन किसानों के उत्पाद सीधे उपभोक्ता तक पहुंचाए जाएंगे.

लाखों किसानों ने अपनाई प्राकृतिक खेती: हेमिस नेगी ने बताया कि प्राकृतिक खेती खुशहाल किसान योजना के तहत राज्य सरकार प्राकृतिक खेती के उत्पादों को बाजार मुहैया करवाने एवं किसानों के कल्याण के लिए काम कर रही है. प्रदेश में 1.71 लाख से अधिक किसान प्राकृतिक खेती अपना चुके हैं और 24,000 हेक्टेयर से अधिक भूमि पर इस विधि से कृषि-बागवानी कर रहे हैं. किसानों के उत्पाद बेचने के लिए, प्रदेश के अलग-अलग जिलों में 7 किसान-उत्पादक कंपनियां भी खोली गई है.

ये भी पढ़ें: सोलन में किसानों की पंसद बनी प्राकृतिक खेती, 1394 हेक्टेयर भूमि पर की जा रही जहर मुक्त खेती

शिमला: शिमला शहर के लोगों को अब प्राकृतिक खेती उत्पाद उपलब्ध करवाएं जाएंगे. ‘प्राकृतिक खेती खुशहाल किसान योजना’ के अंतगर्त उपभोक्ताओं को उनके घरों के पास ही नॉन केमिकल फल-सब्जी और प्राकृतिक खेती के अन्य उत्पाद मिल सकें, इसके लिए पायलट आधार पर मोबाइल वैन की व्यवस्था की गई है. शुक्रवार 15 सितंबर को इसकी सप्लाई शुरू कर दी जाएगी. इस वैन के माध्यम से प्रत्येक शुक्रवार को हिमाचल प्रदेश सचिवालय, हिमाचल प्रदेश विश्वविद्यालय परिसर और कृषि भवन में प्राकृतिक खेती उत्पाद उपलब्ध करवाए जाएंगे.

मोबाइल वैन से बिकेंगे उत्पाद: प्राकृतिक खेती खुशहाल किसान योजना के राज्य परियोजना निदेशक हेमिस नेगी ने बताया कि इस पहल से शहर के लोगों को रसायन रहित उत्पाद उनके आसपास ही मिल सकेंगे. फिलहाल शुरू में कुछ स्थानों पर ही प्राकृतिक खेती के उत्पाद बिक्री के लिए मुहैया होंगे. उपभोक्ताओं की तादाद बढ़ने पर और जगहों पर भी इस वैन के जरिए उत्पाद बेचे जाएंगे.

शिमला में इन स्थानों पर मिलेंगे प्राकृतिक उत्पाद: पायलट आधार पर शहर से सटे तीन विकासखंड बसंतपुर, टूटू और मशोबरा के किसानों द्वारा प्राकृतिक खेती तकनीक से तैयार फल-सब्जी व अन्य उत्पाद इस वैन के जरिए मुहैया करवाए जाएंगे. उपभोक्ता हर शुक्रवार मोबाइल वैन के जरिए सचिवालय में एक से 2.30 बजे तक, प्रदेश विश्वविद्यालय समरहिल में 3 से 4 बजे तक एवं कृषि भवन में शाम 4.15 से 5.30 प्राकृतिक खेती तकनीक से उत्पादित रसायन रहित उत्पाद खरीद सकेंगे.

प्राकृतिक खेती में प्रमाणित किसानों के उत्पाद बेचे जाएंगे: कृषि विभाग की इस पहल के जरिए प्राकृतिक खेती में प्रमाणित किसानों के उत्पाद बेचे जाएंगे. शिमला जिले के 3 विकास खंडों के 200 से ज्यादा किसान इस पहल से सीधे तौर पर जुड़े हैं. बिना किसी बिचौलिए के, सप्लाई चेन से जुड़े इन किसानों के उत्पाद सीधे उपभोक्ता तक पहुंचाए जाएंगे.

लाखों किसानों ने अपनाई प्राकृतिक खेती: हेमिस नेगी ने बताया कि प्राकृतिक खेती खुशहाल किसान योजना के तहत राज्य सरकार प्राकृतिक खेती के उत्पादों को बाजार मुहैया करवाने एवं किसानों के कल्याण के लिए काम कर रही है. प्रदेश में 1.71 लाख से अधिक किसान प्राकृतिक खेती अपना चुके हैं और 24,000 हेक्टेयर से अधिक भूमि पर इस विधि से कृषि-बागवानी कर रहे हैं. किसानों के उत्पाद बेचने के लिए, प्रदेश के अलग-अलग जिलों में 7 किसान-उत्पादक कंपनियां भी खोली गई है.

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