शिमला: मुख्यमंत्री के प्रधान मीडिया सलाहकार नरेश चौहान ने कहा भाजपा भीतरी कलह से ग्रस्त है. भाजपा में नेतृत्व और वर्चस्व की लड़ाई चल रही है. उन्होंने कहा भाजपा में जयराम ठाकुर अपनी लीडरशिप को बचाने में लगे हैं. जबकि दूसरी ओर जगत प्रकाश नड्डा और अनुराग ठाकुर राष्ट्रीय स्तर के बड़े नेता हैं. राजीव बिंदल की जिस परिस्थितियों में वापसी हुई है, वो यह दर्शाता है कि पार्टी में सब कुछ ठीक नहीं है. यही वजह है कि भाजपा के नेता अपना वर्चस्व बनाए रखने के लिए आधारहीन बयानबाजी कर प्रदेश का माहौल खराब करने का प्रयास कर रहे हैं.
भाजपा नेताओं द्वारा कांग्रेस की गारंटियों के सवाल करने पर नरेश चौहान ने कहा भाजपा नेता बताएं कि उनकी सरकार ने अपने पिछले पांच वर्षों के कार्यकाल में प्रदेश के लिए क्या किया ? खुद को डबल इंजन की सरकार का दावा करने वाली सरकार ने लोगों से बड़े-बड़े वायदे किए थे, लेकिन जयराम सरकार का कार्यकाल बहुत ही निराशाजनक रहा है और विकास की दृष्टि से जनता से किए गए सारे वायदे खोखले साबित हुए.
नरेश चौहान ने कहा कि मुख्यमंत्री सुखविंद्र सिंह सुक्खू के 6 महीने के कार्यकाल में ऐतिहासिक फैसले लिए गए हैं. पूर्व सरकार ने कर्मचारियों के साथ छल किया. जबकि वर्तमान सरकार से सत्तासीन होते ही 1.36 लाख कर्मचारियों के लिए पुरानी पेंशन बहाल करने का महत्वपूर्ण फैसला लिया, जो एक बड़ी उपलब्धि है. सरकार राजीव गांधी डे-बोर्डिंग स्कूल बनाने की गारंटी को पूरा कर रही है, जिसके लिए जमीन का अधिग्रहण किया जा रहा है. उन्होंने कहा कि प्रदेश की जनता से किए गए सभी वादों को अगले चार सालों में भीतर पूरा किया जाएगा.
मीडिया सलाहकार ने कहा मुख्यमंत्री सुखविंदर सिंह सुक्खू प्रदेश की आर्थिक स्थिति को पटरी पर लाने और कर्ज से बाहर निकालने के लिए पूरी तरह प्रयासरत हैं. वह फ्रंट लाईन पर आकर प्रदेश के हितों की लड़ाई लड़ रहे हैं. सीएम भाखड़ा बांध प्रबंध बोर्ड और चंडीगढ़ में हिमाचल के शेयर की मांग कर रहे है. यहां तक कि पड़ोसी राज्यों के मुख्यमंत्रियों और केंद्रीय मंत्रियों से बातचीत कर प्रदेश के मसलों को सुलझाने के लिए कार्य किया जा रहा है. हिमाचल में जितने भी पॉवर प्रोजेक्ट्स हैं, उनके जरिए हिमाचल की आर्थिक स्थिति को ठीक करना सरकार की प्राथमिकता है.
बागवानों के मसले पर नरेश चौहान ने कहा मुख्यमंत्री बागवानों की समस्याओं से परिचित हैं और इसका हल निकालने के लिए बागवानी मंत्री और अधिकारियों को निर्देश दिए गए हैं. उन्होंने कहा मंडियों में किलो के हिसाब से सेब बेचने की व्यवस्था की गई है. बागवानों को 24 किलो सेब की पेटी में से 2 किलो पैकिंग मैटिरियल काटकर 22 किलो के हिसाब से भुगतान हो, यह सुनिश्चित करने के लिए बागवानी मंत्री ने स्वंय पराला मंडी का दौरा भी हाल में किया है. उन्होंने कहा कि सेब सीजन के लिए सभी लोगों से बातचीत करके बीच का रास्ता निकाला जाएगा.