शिमला: हाइड्रो पावर सेक्टर के जीनियस माने जाने वाले नंदलाल शर्मा अब हरियाणा इलेक्ट्रिसिटी रेगुलेटरी कमीशन के चेयरमैन होंगे. इस संदर्भ में हरियाणा सरकार ने 21 नवंबर को आदेश जारी कर दिए हैं. पदभार संभालने के बाद नंदलाल शर्मा का कार्यकाल पांच साल और उनके 65 साल की आयु पूरी होने तक की अवधि का होगा. मंगलवार को हरियाणा सरकार के अतिरिक्त मुख्य सचिव एके सिंह की तरफ से आदेश जारी किए गए हैं.
उल्लेखनीय है की नंदलाल शर्मा सात साल से केंद्र सरकार की मिनी नवरत्न कंपनी सतलुज जलविद्युत निगम लिमिटेड के सीएमडी का कार्यभार संभाल रहे हैं. इस अवधि में नंदलाल शर्मा ने एसजेवीएनएल का उल्लेखनीय विस्तार किया है. एसजेवीएनएल को कई प्रोजेक्ट मिले हैं और उनमें नंदलाल शर्मा की अहम भूमिका है. फिलहाल, उन्हें हरियाणा सरकार ने बड़ी जिम्मेदारी सौंपने का आदेश जारी किया है. हालांकि नंदलाल शर्मा का एसजेवीएनएल के सीएमडी के तौर पर कार्यकाल फरवरी 2024 तक का है, लेकिन अब ये देखना है कि वे हरियाणा सरकार की तरफ से दिए जा रहे कार्यभार को कब संभालेंगे. उन्हें इसके लिए एसजेवीएनएल से रिलीव होना होगा. कारण ये है कि एसजेवीएनएल केंद्र सरकार की मिनी नवरत्न कंपनी है और हरियाणा सरकार की तरफ से दिया जा रहा पद राज्य सरकार के तहत आता है.
एसजेवीएनएल से 12 साल से जुड़े: फैकल्टी ऑफ इकोनॉमिक्स यूनिवर्सिटी ऑफ स्लोवेनिया यूरोप से एमबीए की डिग्री हासिल करने वाले नंदलाल शर्मा मूल रूप से बिलासपुर व ऊना जिला की सीमा पर स्थित गांव डोहक से संबंध रखते हैं. उनका जन्म 12 फरवरी 1964 को हुआ है. नंदलाल शर्मा ने नौणी स्थित डॉ. वाईएस परमार बागवानी एवं वानिकी यूनिवर्सिटी से बीएससी एग्रीकल्चर की शिक्षा हासिल की है. एग्रीकल्चर इकोनॉमी में ही उनके पास एमएससी ऑनर्स की डिग्री है. नंदलाल शर्मा वर्ष 2011 से एसजेवीएनएल में सेवाएं दे रहे हैं. एसजेवीएनएल की साख बढ़ाने में उनका महत्वपूर्ण योगदान है.
नंदलाल शर्मा की कार्यक्षमता व अनुभव को देखते हुए केंद्र व राज्य सरकार उन्हें पावर सेक्टर में निरंतर सेवाएं देने के लिए उत्सुक रही हैं. नंदलाल शर्मा 22 मार्च, 2011 से एसजेवीएनएल में निदेशक (कार्मिक) कार्यरत थे. हालांकि नंदलाल शर्मा एसजेवीएनएल में जुलाई 2008 से प्रतिनियुक्ति पर कार्यकारी निदेशक के तौर पर भी सेवाएं देते रहे हैं. नंदलाल शर्मा पहली दिसंबर 2017 से एसजेवीएनएल के सीएमडी के तौर पर कार्य कर रहे हैं. उनके पास कार्मिक एवं प्रशासनिक सेवाओं का तीन दशक का अनुभव है.
एसजेवीएनएल एक सूचीबद्ध कंपनी है. इसमें केंद्र सरकार की 64.46 प्रतिशत व हिमाचल सरकार की 25.51 प्रतिशत शेयर होल्डिंग है. इसके अलावा नियमों के अनुसार जनता की 10.03 फीसदी की शेयर होल्डिंग है. एसजेवीएनएल हिमाचल प्रदेश, उत्तराखंड, बिहार, गुजरात, राजस्थान व अरुणाचल प्रदेश के अलावा पड़ोसी देशों नेपाल व भूटान में विद्युत परियोजनाएं चला रहा है.
ये भी पढ़ें: हिमाचल में सियासी वार-पलटवार, बीजेपी को आई युवाओं की याद तो कांग्रेस कर रही OPS की बात