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नागरिक सभा ने MC शिमला के खिलाफ खोला मोर्चा, 'भारी भरकम बिल और टैक्स थोप रहा नगर निगम'

शिमला में नागरिक सभा ने नगर निगम की मनमानी के खिलाफ मोर्चा खोल दिया है. शिमला नागरिक सभा का आरोप है कि एमसी शिमला कोरोना जैसे संकट काल में शहर की जनता पर भारी भरकम बिल और टैक्स थोप रहा है.

Nagrik sabha protested against MC shimla
नागरिक सभा का प्रदर्शन
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Published : Jun 29, 2020, 1:53 PM IST

Updated : Jun 29, 2020, 8:12 PM IST

शिमला: राजधानी शिमला में नगर निगम की तरफ से कोरोना संकट काल में लोगों से वसूले जा रहे पानी, बिजली, कूड़े और प्रॉपर्टी टैक्स के खिलाफ शिमला नागरिक सभा ने मोर्चा खोल दिया है. नागरिक सभा ने नगर निगम कार्यालय के बाहर धरना प्रदर्शन किया और निगम आयुक्त को ज्ञापन देकर बिजली, पानी, कूड़े और प्रॉपर्टी टैक्स को माफ करने की मांग की है.

नागरिक सभा ने आरोप लगाया कि एक तरह कोरोना संकट में लोगों का कारोबार ठप हो गया है और रोजगार छीन गया है. वहीं, नगर निगम शहर की जनता को भारी भरकम पानी, कूड़ा और प्रॉपर्टी टैक्स के बिल थमा रहा है.

वीडियो रिपोर्ट

नागरिक सभा के संयोजक विजेंद्र मेहरा का कहना है कि सरकार पूंजीपतियों को लोन दे रही और उन्हें राहत देने के लिए योजना बना रही है, लेकिन जो बेरोजगार हो गए हैं उन्हें कोई राहत नहीं दी जा रही. जनता को इस मुश्किल दौर में राहत देने के बजाय नगर निगम लोगों की परेशानियों को और बढ़ा रहा है. एमसी शिमला लोगों को एक साथ 3 महीने के बिल थमा रहा है. जिन्हें देने में लोग असमर्थ हैं.

विजेंद्र मेहरा ने कहा कि नगर निगम को इस मुसीबत की घड़ी में शहर के लोगों को राहत देनी चाहिए थी, लेकिन निगम के हाउस में इसे लेकर कोई चर्चा नहीं की गई. वहीं, लोगों को भारी भरकम बिल और टैक्स जारी कर दिए गए हैं. विजेंद्र मेहरा ने सरकार से शहर के लोगों के बिजली, पानी और प्रॉपर्टी टैक्स माफ करने की मांग की है.

बता दें कि कोरोना संक्रमण के चलते तीन महीने तक शहर में कारोबार पूरी तरह से ठप रहा. नगर निगम ने पार्किंग, कैंटीन, दूकान संचालकों को तो राहत दी है, लेकिन आम लोगों को कोई राहत नहीं दी गई.

शिमला: राजधानी शिमला में नगर निगम की तरफ से कोरोना संकट काल में लोगों से वसूले जा रहे पानी, बिजली, कूड़े और प्रॉपर्टी टैक्स के खिलाफ शिमला नागरिक सभा ने मोर्चा खोल दिया है. नागरिक सभा ने नगर निगम कार्यालय के बाहर धरना प्रदर्शन किया और निगम आयुक्त को ज्ञापन देकर बिजली, पानी, कूड़े और प्रॉपर्टी टैक्स को माफ करने की मांग की है.

नागरिक सभा ने आरोप लगाया कि एक तरह कोरोना संकट में लोगों का कारोबार ठप हो गया है और रोजगार छीन गया है. वहीं, नगर निगम शहर की जनता को भारी भरकम पानी, कूड़ा और प्रॉपर्टी टैक्स के बिल थमा रहा है.

वीडियो रिपोर्ट

नागरिक सभा के संयोजक विजेंद्र मेहरा का कहना है कि सरकार पूंजीपतियों को लोन दे रही और उन्हें राहत देने के लिए योजना बना रही है, लेकिन जो बेरोजगार हो गए हैं उन्हें कोई राहत नहीं दी जा रही. जनता को इस मुश्किल दौर में राहत देने के बजाय नगर निगम लोगों की परेशानियों को और बढ़ा रहा है. एमसी शिमला लोगों को एक साथ 3 महीने के बिल थमा रहा है. जिन्हें देने में लोग असमर्थ हैं.

विजेंद्र मेहरा ने कहा कि नगर निगम को इस मुसीबत की घड़ी में शहर के लोगों को राहत देनी चाहिए थी, लेकिन निगम के हाउस में इसे लेकर कोई चर्चा नहीं की गई. वहीं, लोगों को भारी भरकम बिल और टैक्स जारी कर दिए गए हैं. विजेंद्र मेहरा ने सरकार से शहर के लोगों के बिजली, पानी और प्रॉपर्टी टैक्स माफ करने की मांग की है.

बता दें कि कोरोना संक्रमण के चलते तीन महीने तक शहर में कारोबार पूरी तरह से ठप रहा. नगर निगम ने पार्किंग, कैंटीन, दूकान संचालकों को तो राहत दी है, लेकिन आम लोगों को कोई राहत नहीं दी गई.

Last Updated : Jun 29, 2020, 8:12 PM IST
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