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'जमातियों' से मुस्लिम अधिकारियों की अपील, बिना डरे सरकार से साझा करें जानकारी

दिल्ली निजामुदीन मरकज से कोरोना के मरीजों के मामले सामने आने के बाद देश भर में हड़कम मचा हुआ है। निजामुदीन मरकज से हिमाचल में भी काफी लोग पहुचे है ओर कोरोना वायरस के मामले सामने आ गए है.

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Published : Apr 7, 2020, 8:46 PM IST

tablighi jamatis to reveal their identity
tablighi jamatis to reveal their identity

शिमला: निजामुद्दीन मरकज में शामिल हुए तबलीगी जमात के लोगों में कोरोना वायरस के मामले पॉजिटिव आने के बाद देश भर में हड़कंप मचा हुआ है. निजामुद्दीन मरकज से हिमाचल में भी काफी संख्या में लोग लौटे हैं जो कोरोना पॉजिटिव निकले हैं.

मौजूदा समय में प्रदेश में कुल 18 मामले कोरोना वायरस के सामने आ चुके हैं, जिसमें से 11 कोरोना संक्रमण के मरीजों का इलाज में हिमाचल में ही चल रहा है. हिमाचल में एक्टिव ये सभी मरीज जमाती हैं.

कोरोना के संक्रमण को और अधिक फैलने से रोकने के लिए सरकार हर संभव प्रयास कर रही है और मुख्यमंत्री जयराम ठाकुर ने मरकज से लौटे सभी लोगों से सामने आने का आग्रह किया है, बावजूद इसके कई लोग ऐसे हैं जो अपनी जानकारी छुपा रहे हैं.

वहीं, अब ऐसे लोग जो निजामुद्दीन मरकज से वापिस लौटे हैं या फिर उन लोगों के संपर्क में आए हैं, उनसे मुस्लिम अधिकारी और डॉक्टर जो कि प्रदेश के नामचीन पदों पर आसीन हैं उन्होंने सामने की अपील की है.

वीडियो.

प्रदेश के जाने माने आईएएस अधिकारी यूनुस, आईपीएस आसिफ जलाल और आईजीएमसी के चिकित्सक डॉ. रिजवी ने निजामुद्दीन से लौटे लोगों या उनके संपर्क में आए लोगों से सामने आने और अपनी जानकारी सरकार को देने की अपील की है.

आईएएस अफसर यूनुस की अपील

आईएएस यूनुस हिमाचल पर्यटन निगम के निदेशक हैं. इससे पहले वह कुल्लू के उपायुक्त थे. आईएएस यूनुस ने अपील करते हुए कहा, कोरोना वायरस आज पूरी दुनिया मे फैला है हिमाचल में कई मामले सामने आए हैं. एक जिम्मेदार नागरिक होने के नाते हमारा फर्ज बनता है कि यदि हम कहीं बाहर गए हैं तो हमें ट्रेवल हिस्ट्री प्रशासन के साथ सांझा करनी है, उसे छुपाना नहीं है.

पढ़ेंः जयराम कैबिनेट का बड़ा फैसला: एक साल तक मंत्री, विधायकों की सैलरी में 30 प्रतिशत की कटौती

यह हमारे लिए ही नहीं अपने परिवार और समाज के लिए बहुत जरूरी है. उन्होंने मुस्लिम समाज से घरों में ही नमाज पढ़ने की अपील की. उन्होंने ये भी कहा कि अगर वह लोग नमाज घर में रह रहे किसी निजामुद्दीन मरकज या जमात के किसी व्यक्ति के संपर्क में आए हैं तो इसकी जानकारी दें और सभी लोग सरकार के निर्देशों का पालन करें.

अपनी जानकारी पुलिस या प्रशासन को दें- आसिफ जलाल

वहीं, आईपीएस अधिकारी आसिफ जलाल हिमाचल में डीआईजी हैं और जेएनयू के छात्र रहे हैं उन्होंने निजामुद्दीन मकरज से लौटे लोगों से बाहर आ कर अपनी जानकारी प्रशासन या पुलिस को देने का आग्रह किया है.

उन्होंने कहा कि ऐसा देखने मे आ रहा है कि जमात से वापिस आए लोग अपनी जानकारी नहीं दे रहे हैं. इसमें डरने की बात नहीं है और लोगों को बिना डर के अपनी जानकारी सांझा करनी चाहिए. उन्होंने कहा कि जमात के जो लोग सामने नहीं आ रहे है उससे उनके परिवार को भी खतरा है. इससे ना सिर्फ उनका समाज बल्कि उनका धर्म भी बदनाम हो रहा है.

आईपीएस अधिकारी आसिफ जलाल ने कहा कि मुस्लिम समाज के लोग एक जिम्मेदार नागरिक होने का फर्ज निभाएं और अपनी जानकारी सरकार के साथ सांझा करें, अन्यथा ऐसा करने वालों के खिलाफ कानूनी कार्रवाई की जाएगी.

किसी की जान खतरे में डालना गलत- डॉ. रिजवी

वहीं, प्रदेश के सबसे बड़े अस्पताल और शिक्षण संस्थान आईजीएमसी में कार्यरत, डॉक्टर साद रिजवी ने कहा कि हमारा मजहब ये कतई नहीं कहता है कि हम किसी की जान को खतरे में डालें. ये कुरान और हदीस में भी कहा गया है कि जहां बीमारी फैली हो उससे अपने आप को अलग कर लें और वहां न जाएं.

ऐसे में जो लोग भी मरकज से लौटे हैं और अपने आप को छुपा रहे हैं वे बाहर आकर खुद अपनी जानकारी दें. ये समाज के लिए भी जरूरी है और मुस्लिम धर्म के लिए भी बहुत जरूरी है.

ये भी पढ़ेंः कोविड-19 ट्रैकर: कुल 18 पॉजिटिव, 11 का हिमाचल में चल रहा इलाज

शिमला: निजामुद्दीन मरकज में शामिल हुए तबलीगी जमात के लोगों में कोरोना वायरस के मामले पॉजिटिव आने के बाद देश भर में हड़कंप मचा हुआ है. निजामुद्दीन मरकज से हिमाचल में भी काफी संख्या में लोग लौटे हैं जो कोरोना पॉजिटिव निकले हैं.

मौजूदा समय में प्रदेश में कुल 18 मामले कोरोना वायरस के सामने आ चुके हैं, जिसमें से 11 कोरोना संक्रमण के मरीजों का इलाज में हिमाचल में ही चल रहा है. हिमाचल में एक्टिव ये सभी मरीज जमाती हैं.

कोरोना के संक्रमण को और अधिक फैलने से रोकने के लिए सरकार हर संभव प्रयास कर रही है और मुख्यमंत्री जयराम ठाकुर ने मरकज से लौटे सभी लोगों से सामने आने का आग्रह किया है, बावजूद इसके कई लोग ऐसे हैं जो अपनी जानकारी छुपा रहे हैं.

वहीं, अब ऐसे लोग जो निजामुद्दीन मरकज से वापिस लौटे हैं या फिर उन लोगों के संपर्क में आए हैं, उनसे मुस्लिम अधिकारी और डॉक्टर जो कि प्रदेश के नामचीन पदों पर आसीन हैं उन्होंने सामने की अपील की है.

वीडियो.

प्रदेश के जाने माने आईएएस अधिकारी यूनुस, आईपीएस आसिफ जलाल और आईजीएमसी के चिकित्सक डॉ. रिजवी ने निजामुद्दीन से लौटे लोगों या उनके संपर्क में आए लोगों से सामने आने और अपनी जानकारी सरकार को देने की अपील की है.

आईएएस अफसर यूनुस की अपील

आईएएस यूनुस हिमाचल पर्यटन निगम के निदेशक हैं. इससे पहले वह कुल्लू के उपायुक्त थे. आईएएस यूनुस ने अपील करते हुए कहा, कोरोना वायरस आज पूरी दुनिया मे फैला है हिमाचल में कई मामले सामने आए हैं. एक जिम्मेदार नागरिक होने के नाते हमारा फर्ज बनता है कि यदि हम कहीं बाहर गए हैं तो हमें ट्रेवल हिस्ट्री प्रशासन के साथ सांझा करनी है, उसे छुपाना नहीं है.

पढ़ेंः जयराम कैबिनेट का बड़ा फैसला: एक साल तक मंत्री, विधायकों की सैलरी में 30 प्रतिशत की कटौती

यह हमारे लिए ही नहीं अपने परिवार और समाज के लिए बहुत जरूरी है. उन्होंने मुस्लिम समाज से घरों में ही नमाज पढ़ने की अपील की. उन्होंने ये भी कहा कि अगर वह लोग नमाज घर में रह रहे किसी निजामुद्दीन मरकज या जमात के किसी व्यक्ति के संपर्क में आए हैं तो इसकी जानकारी दें और सभी लोग सरकार के निर्देशों का पालन करें.

अपनी जानकारी पुलिस या प्रशासन को दें- आसिफ जलाल

वहीं, आईपीएस अधिकारी आसिफ जलाल हिमाचल में डीआईजी हैं और जेएनयू के छात्र रहे हैं उन्होंने निजामुद्दीन मकरज से लौटे लोगों से बाहर आ कर अपनी जानकारी प्रशासन या पुलिस को देने का आग्रह किया है.

उन्होंने कहा कि ऐसा देखने मे आ रहा है कि जमात से वापिस आए लोग अपनी जानकारी नहीं दे रहे हैं. इसमें डरने की बात नहीं है और लोगों को बिना डर के अपनी जानकारी सांझा करनी चाहिए. उन्होंने कहा कि जमात के जो लोग सामने नहीं आ रहे है उससे उनके परिवार को भी खतरा है. इससे ना सिर्फ उनका समाज बल्कि उनका धर्म भी बदनाम हो रहा है.

आईपीएस अधिकारी आसिफ जलाल ने कहा कि मुस्लिम समाज के लोग एक जिम्मेदार नागरिक होने का फर्ज निभाएं और अपनी जानकारी सरकार के साथ सांझा करें, अन्यथा ऐसा करने वालों के खिलाफ कानूनी कार्रवाई की जाएगी.

किसी की जान खतरे में डालना गलत- डॉ. रिजवी

वहीं, प्रदेश के सबसे बड़े अस्पताल और शिक्षण संस्थान आईजीएमसी में कार्यरत, डॉक्टर साद रिजवी ने कहा कि हमारा मजहब ये कतई नहीं कहता है कि हम किसी की जान को खतरे में डालें. ये कुरान और हदीस में भी कहा गया है कि जहां बीमारी फैली हो उससे अपने आप को अलग कर लें और वहां न जाएं.

ऐसे में जो लोग भी मरकज से लौटे हैं और अपने आप को छुपा रहे हैं वे बाहर आकर खुद अपनी जानकारी दें. ये समाज के लिए भी जरूरी है और मुस्लिम धर्म के लिए भी बहुत जरूरी है.

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