शिमला: इज ऑफ लिविंग में शिमला शहर ने देशभर में पहला स्थान हासिल किया है. वहीं, अब स्वच्छता रैंकिंग में टॉप 20 में शामिल होने के लिए शिमला नगर निगम ने कमर कस ली है. शहर में सफाई व्यवस्था के साथ ही लोगों को गीला और सूखा कूड़ा अलग देने को लेकर जागरूक किया जा रहा है.
स्वच्छता सर्वेक्षण में लोगों का फीडबैक भी काफी मायने रखता है. ऐसे में नगर निगम के आयुक्त आशीष कोहली ने शिमला वासियों से स्वच्छता ऐप डाउनलोड कर सफाई और कूड़े की समस्या को लेकर अपनी शिकायतें डालने का आह्वान किया. वहीं, लोगों को जागरूक करने के लिए निगम सामाजिक संस्थाओं, स्कूल, कॉलेज के एनएसएस के कैडिट की मदद भी लेने जा रहा है.
नगर निगम शिमला आयुक्त आशीष कोहली ने कहा कि इस वर्ष भी स्वच्छता सर्वेक्षण हो रहा है. इस बार उम्मीद है कि शिमला शहर को अच्छा स्थान मिले. सर्वेक्षण को लेकर नगर निगम शिमला की तैयारी पूरी है और 31 मार्च तक किसी भी समय केंद्र की टीमें आकर यहां सर्वेक्षण कर सकती हैं.
शिमला शहर को मिल चुका है ओडीएफ प्लस प्लस रैंक
शिमला शहर को सार्वजनिक शौचालय के रख रखाव और सीवरेज कनेक्टिविटी को लेकर ओडीएफ में प्लस प्लस रैंक पहले ही मिल चुका है. अब स्वच्छता को लेकर सर्वेक्षण हो रहा है. इसके लिए काफी गतिविधियों की जा रहा है. लोगों को गीला सूखा कूड़ा अलग देने को लेकर जागरूक किया जा रहा है. साथ ही लोगों से बाहर कूड़ा न फेंकने की अपील की जा रही है. इसके अलावा शहर की संस्थाओं, शिक्षण संस्थानों, स्कूल कॉलेज के एनएसएस कैडिट की मदद भी लोगों को जागरूक करने में ली जाएगी, ताकि सर्वेक्षण में अच्छा परफॉर्म कर सकें. आशीष कोहली ने कहा कि लोगों का फीडबैक भी इस सर्वेक्षण के लिए बहुत महत्वपूर्ण है.
इस आधार पर हो रहा स्वच्छता सर्वेक्षण
बता दें कि 31 मार्च तक स्वच्छता सर्वेक्षण चल रहा है और किसी भी समय केंद्र से टीम जायजा लेने आ सकती है. स्वच्छता सर्वेक्षण 2021 की परीक्षा 6000 अंकों की होगी. पहले इन अंकों को चार भागों में बांटा गया था, लेकिन इस बार तीन भागों में बांटा गया है.
सर्विस लेवल प्रोसेस के 2400 अंक होंगे और इसमें कचरा उठाने कचरे का निस्तारण, निरंतर कचरा उठा रहा है या नहीं शामिल किया गया है. 1800 अंक नगर निगम को सफाई के लिए मिले सर्टिफिकेट के मिलेंगे. 2020 में शिमला को स्वच्छता सर्वेक्षण में 65 वां स्थान मिला था और इस बार नगर निगम टॉप 20 में आने की उम्मीद लगाए रहा है.
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