शिमलाः सतलुज जल विद्युत निगम लिमिटेड (SJVNL) और नेपाल के निवेश बोर्ड (Investment Board of Nepal) के बीच 679 मेगावाट लोअर अरुण जल विद्युत परियोजना (Hydroelectric Project) के विकास के लिए समझौता ज्ञापन पर काठमांडू में साइन हुए. इस दौरान नेपाल के उप-प्रधानमंत्री विष्णु प्रसाद पौडेल और नेपाल में भारत के राजदूत विनय मोहन क्वात्रा भी मौजूद रहे. समझौते पर एसजेवीएनएल के अध्यक्ष नंदलाल शर्मा और आईबीएन के सीईओ सुशील भट्टा ने हस्ताक्षर किए.
सतलुज जल विद्युत निगम लिमिटेड ने अंतरराष्ट्रीय प्रतिस्पर्धी बोली के माध्यम से आईसीबी 679 मेगावाट लोअर अरुण जल विद्युत परियोजना को हासिल किया. इस परियोजना नेपाल के संखुवासभा और भोजपुर जिले में स्थित है. इस परियोजना में कोई जलाशय बांध नहीं होगा. यह 900 मेगावाट अरुण 3 जल विद्युत परियोजना का टेल रेस विकास होगा.
इस परियोजना में 4 साल से इस प्रकार के टर्बाइन होंगे. परियोजना पूरे होने पर प्रति वर्ष 2 हजार 970 मिलन यूनिट बिजली का उत्पादन होगा. निर्माण गतिविधियां शुरू होने के बाद परियोजना को 4 साल में पूरा करने का लक्ष्य रखा गया है. यह परियोजना एसजेवीएन को बूट (BOOT) आधार पर 25 वर्षों के लिए आवंटित की गई है.
एसजेवीएन की वर्तमान स्थापित क्षमता 2016.51 मेगावाट है. साल 2023 तक 5 हजार मेगावाट, साल 2030 तक 12 हजार मेगावाट और 2040 तक 25 हजार मेगावाट कंपनी बनने का लक्ष्य है. एसजेवीएन की विद्युत उत्पादन के विभिन्न क्षेत्रों में उपस्थिति दर्ज है. इसमें जल विद्युत, पवन, सौर, ताप और विद्युत शामिल हैं. कंपनी की मौजूदगी ऊर्जा ट्रांसमिशन के क्षेत्र में भी है.
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