शिमला: निजी विश्वविद्यालयों पर निजी शिक्षण संस्थान नियामक आयोग लगातार कार्रवाई कर रहा है. कई निजी विश्वविद्यालय के कुलपति जांच में आयोग्य पाए गए थे. कई विश्विद्यालयों में कुलपतियों के पास न्यूनतम शैक्षिक योग्यता भी नहीं थी. इसके बाद कुलपतियों को पद से हटाने के आदेश जारी किए गए थे.
एमएमयू और अरनी विश्वविद्यालय के कुलपति पद से हटाए
नियामक आयोग के आदेशों पर अब महर्षि मार्कण्डेश्वर विश्वविद्यालय सोलन और कांगड़ा के अरनी विश्वविद्यालय के कुलपति को भी पद से हटा दिया गया है. इन दोनों विश्वविद्यालय के कुलपतियों पर यह कार्रवाई विश्वविद्यालय के चांसलर की ओर से की गई है. इसकी जानकारी उन्होंने आयोग को भी उपलब्ध करवाई है. बता दें कि नियामक आयोग की ओर से निजी विश्वविद्यालय के कुलपतियों की योग्यता की जांच की गई. दिसंबर माह में आई आयोग की रिपोर्ट के मुताबिक 10 विश्वविद्यालय के कुलपति अयोग्य पाए गए थे.
10 विश्वविद्यालय के कुलपति अयोग्य
निजी शिक्षण संस्थान नियामक आयोग ने प्रदेश के निजी विश्वविद्यालय के कुलपतियों की योग्यता की जांच करवाने के लिए कमेटी का गठन किया गया था. गठित कमेटी ने सभी विश्वविद्यालय से प्राप्त कुलपतियों के रिकॉर्ड को खंगाला. जिसमें यह पाया गया कि 10 विश्वविद्यालयों के कुलपति यूजीसी के नियमों के तहत पद पर रहने की योग्यता को ही पूरा नहीं करते.
अयोग्य कुलपति को पद से हटना होगा
आयोग्य कुलपतियों को पद से हटाने के आदेश आयोग ने जारी किए थे. हालांकि इसके बाद भी सात कुलपतियों ने अपनी योग्यता पर उठे सवालों पर जांच की मांग की थी. इसमें 6 कुलपति दोबारा से अयोग्य पाए गए. आयोग ने यह सपष्ट किया है कि इन कुलपतियों को पद से हटना होगा.
सोमवार को होग सुनवाई
आयोग के अध्यक्ष रिटायर्ड मेजर जनरल अतुल कौशिक ने बताया कि एमएमयू और अरनी विश्वविद्यालय के कुलपतियों के उनके पद से हटा दिया गया है. विश्वविद्यालयों के चासलर ने ई-मेल के माध्यम से यह जानकारी आयोग को दी है. जिन चार विश्वविद्यालय ने अब तक आयोग के आदेशों को लेकर कोई जवाब नहीं दिया है, उन पर सोमवार को सुनवाई के बाद कार्रवाई की जाएगी.
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