ETV Bharat / state

दीनदयाल हॉस्पिटल की हालत पर सदन में भड़के विक्रमादित्य, बोले- 'दयनीय अस्पताल' नाम रखे सरकार - शिमला अस्पताल पर विक्रमादित्य के बोल

विधानसभा के बजट सत्र के दौरान शिमला ग्रामीण के विधायक विक्रमादित्य सिंह ने प्रश्नकाल के बाद सदन में दीनदयाल अस्पताल में सुविधायों की कमी का मुद्दा उठाया. विक्रमादित्य सिंह ने कहा कि अस्पताल ने न तो ऑपरेशन थियेटर है और न डिजिटल एक्सरे की सुविधा. न तो अस्पताल में उचित स्टाफ है और न ही डॉक्टर हैं. जबकि आइजीएमसी के शिमला के बाद ये सबसे बड़ा अस्पताल है.

mla vikramaditya singh himachal assmebly
mla vikramaditya singh himachal assmebly
author img

By

Published : Mar 3, 2020, 6:17 PM IST

शिमलाः राजधानी शिमला के क्षेत्रीय अस्पताल की खस्ताहालत का मुद्दा मंगलवार को विधानसभा के बजट सत्र में गरमाया रहा. शिमला ग्रामीण के विधायक विक्रमादित्य सिंह ने प्रश्नकाल के बाद सदन में स्वास्थय सेवाओं का मुद्दा उठाया और सरकार से इस अस्पताल का नाम दीनदयाल उपाध्याय अस्पताल से बदल कर 'दयनीय अस्पताल' रखने की मांग की.

शिक्षा मंत्री ने पूर्व सरकार को ठहराय जिम्मेदार

इस पर शिमला के विधायक और शिक्षा मंत्री सुरेश भारद्वाज भड़क गए और विक्रमादित्य सिंह पर सुर्खियों में बने रहने के लिए इस मामले को उठाने के आरोप लगाए हैं और अस्पताल में सुविधायों की कमी के लिए पूर्व सरकार को ही जिम्मेदार ठहराया. शिक्षा मंत्री ने कहा कि कांग्रेस सरकार अपने 5 साल के कार्यकाल में इस अस्पताल की दशा नही सुधार पाई और सरकार को कोस रही है.

वीडियो.

अस्पताल में सुविधायों का तांता

विक्रमादित्य सिंह ने कहा कि अस्पताल ने न तो ऑपरेशन थियेटर है और न डिजिटल एक्सरे की सुविधा. न तो अस्पताल में उचित स्टाफ है और न ही डॉक्टर हैं. जबकि आइजीएमसी के शिमला के बाद ये सबसे बड़ा अस्पताल है. यहां रोज एक हजार से अधिक लोग अपने इलाज करवाने के लिए आते हैं.

कांग्रेस विधायक ने कहा कि पूर्व सरकार ने इस अस्पताल के लिए नया भवन बनाया, लेकिन जयराम सरकार अस्पताल में मूलभूत सुविधाएं तक मुहैया नही करवा पा रही है. उन्होंने कहा कि अस्पताल में एक्सरे का काम आउटसोर्स किया गया है जिससे लोगों को मंहगे दामों पर एक्सरे करवाने पड़ रहे हैं. विक्रमादित्य सिंह ने कहा कि सुरेश भारद्वाज शहर के विधायक हैं. वे इस मामले को उठाने के बजाय सरकार की नाकामी को छुपाने का काम कर रहे है जबकि उन्हें इस मामले में साथ खड़े होना चाहिए.

ये भी पढ़ें- पंचायतों में भ्रष्टाचार के मामले अब विजिलेंस के हवाले, 3 महीने के अंदर होगा मामले का निपटारा
ये भी पढ़ें- अनुराग ठाकुर के विवादित नारों पर राज्यसभा में विपक्षी सदस्यों का हंगामा

शिमलाः राजधानी शिमला के क्षेत्रीय अस्पताल की खस्ताहालत का मुद्दा मंगलवार को विधानसभा के बजट सत्र में गरमाया रहा. शिमला ग्रामीण के विधायक विक्रमादित्य सिंह ने प्रश्नकाल के बाद सदन में स्वास्थय सेवाओं का मुद्दा उठाया और सरकार से इस अस्पताल का नाम दीनदयाल उपाध्याय अस्पताल से बदल कर 'दयनीय अस्पताल' रखने की मांग की.

शिक्षा मंत्री ने पूर्व सरकार को ठहराय जिम्मेदार

इस पर शिमला के विधायक और शिक्षा मंत्री सुरेश भारद्वाज भड़क गए और विक्रमादित्य सिंह पर सुर्खियों में बने रहने के लिए इस मामले को उठाने के आरोप लगाए हैं और अस्पताल में सुविधायों की कमी के लिए पूर्व सरकार को ही जिम्मेदार ठहराया. शिक्षा मंत्री ने कहा कि कांग्रेस सरकार अपने 5 साल के कार्यकाल में इस अस्पताल की दशा नही सुधार पाई और सरकार को कोस रही है.

वीडियो.

अस्पताल में सुविधायों का तांता

विक्रमादित्य सिंह ने कहा कि अस्पताल ने न तो ऑपरेशन थियेटर है और न डिजिटल एक्सरे की सुविधा. न तो अस्पताल में उचित स्टाफ है और न ही डॉक्टर हैं. जबकि आइजीएमसी के शिमला के बाद ये सबसे बड़ा अस्पताल है. यहां रोज एक हजार से अधिक लोग अपने इलाज करवाने के लिए आते हैं.

कांग्रेस विधायक ने कहा कि पूर्व सरकार ने इस अस्पताल के लिए नया भवन बनाया, लेकिन जयराम सरकार अस्पताल में मूलभूत सुविधाएं तक मुहैया नही करवा पा रही है. उन्होंने कहा कि अस्पताल में एक्सरे का काम आउटसोर्स किया गया है जिससे लोगों को मंहगे दामों पर एक्सरे करवाने पड़ रहे हैं. विक्रमादित्य सिंह ने कहा कि सुरेश भारद्वाज शहर के विधायक हैं. वे इस मामले को उठाने के बजाय सरकार की नाकामी को छुपाने का काम कर रहे है जबकि उन्हें इस मामले में साथ खड़े होना चाहिए.

ये भी पढ़ें- पंचायतों में भ्रष्टाचार के मामले अब विजिलेंस के हवाले, 3 महीने के अंदर होगा मामले का निपटारा
ये भी पढ़ें- अनुराग ठाकुर के विवादित नारों पर राज्यसभा में विपक्षी सदस्यों का हंगामा

ETV Bharat Logo

Copyright © 2025 Ushodaya Enterprises Pvt. Ltd., All Rights Reserved.