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विधानसभा सत्र में हिस्सा लेने वाली विधायक निकलीं कोरोना पॉजिटिव, सरकार पर उठे सवाल

बीजेपी विधायक रीता धीमान की कोरोना रिपोर्ट पॉजिटिव आई है. आज विधानसभा के मानसून सत्र में रीता धीमान ने लिया था हिस्सा. दोपहर में बुखार आने के बाद कोरोना टेस्ट के लिए सैंपल लिया गया था.

rita dhiman found corona positive
रीता धीमान की कोरोना रिपोर्ट पॉजिटिव
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Published : Sep 7, 2020, 8:43 PM IST

Updated : Sep 7, 2020, 9:23 PM IST

शिमला: बीमारी से सावधानी भली और दुर्घटना से देर भली. ये ज्ञान आपने कई जगह पढ़ा और सुना होगा. कोरोना संकट काल में ये शब्द और भी सटीक साबित होते हैं. हिमाचल सरकार भी कोरोना संक्रमण से बचने के लिए सावधानी बरतने का ज्ञान प्रदेश की जनता को बांट रही है लेकिन सावधानी बरतने के इस ज्ञान से सरकार शायद खुद अछूती रह गई.

सरकार सवालों में क्यों है वो आपको बाद में बताते हैं, पहले सवाल उठने की वजह बताते हैं. दरअसल सोमवार को हिमाचल विधानसभा के मॉनसून सत्र का पहला दिन था और पहले दिन की कार्यवाही खत्म होते-होते इंदौरा से विधायक रीता धीमान कोरोना पॉजिटिव पाई गई. कहा जा रहा है कि रीता धीमान को बुखार था, दोपहर को कोरोना की जांच के लिए उनका सैंपल लिया गया जिसकी रिपोर्ट शाम होते-होते पॉजिटिव आ गई.

अब सरकार की गलती

दरअसल सरकार ने मॉनसून सत्र बुलाने का ऐलान तो कई दिन पहले कर लिया था. लेकिन सदन में हिस्सा लेने वाले विधायकों का कोरोना टेस्ट करवाना भूल गई. वैसे ये लापरवाही तब है जब सरकार के दो मंत्री सुखराम चौधरी और महेंद्र सिंह ठाकुर कोरोना पॉजिटिव आ चुके हैं. मुख्यमंत्री से लेकर मंत्री और विधायकों के स्टाफ से लेकर परिवार के सदस्य और कई अधिकारी भी कोरोना पॉजिटिव पाए गए हैं.

वैसे तो देश में जिस भी प्रदेश सरकार ने कोरोना काल में विधानसभा सत्र बुलाया है वहां सत्र में हिस्सा लेने वाले हर शख्स को कोरोना रिपोर्ट नेगेटिव आने के बाद ही विधानसभा में एंट्री मिली. ज्यादा दूर जाने की जरूरत नहीं है. हिमाचल के पड़ोसी पंजाब और हरियाणा ने भी विधानसभा का मॉनसून सत्र बुलाया. पंजाब ने तो सिर्फ एक दिन का सत्र बुलाया था लेकिन सत्र से पहले हर माननीय का कोरोना टेस्ट हुआ और नतीजा ये रहा कि करीब 30 विधायक कोरोना पॉजिटिव होने के कारण सत्र में हिस्सा नहीं ले पाए. उधर हरियाणा में मॉनसून सत्र से पहले मुख्यमंत्री मनोहर लाल और विधानसभा स्पीकर ज्ञानचंद गुप्ता कोरोना पॉजिटिव पाए गए. नतीजा ये रहा कि विधानसभा सत्र बिना मुख्यमंत्री और स्पीकर के चला. ध्यान रहे हरियाणा में तो बीजेपी की ही सरकार है.

सवाल है कि आखिर हिमाचल सरकार ने विधानसभा सत्र से पहले ये एहतियात क्यों नहीं बरती. मॉनसून सत्र में हिस्सा लेने वाले माननीयों का कोरोना टेस्ट क्यों नहीं करवाया गया. जबकि सत्र के दौरान मौजूद रहने वाले स्टाफ और सत्र के दौरान सुरक्षा में तैनात पुलिसकर्मियों का बकायदा कोरोना टेस्ट हुआ. सरकार कोरोना के खिलाफ जंग में संजीदगी दिखाने के साथ बड़े-बड़े दावे करती है लेकिन सरकार की ये लापरवाही उसे महंगी पड़ सकती है. सत्र में हिस्सा लेने वाली विधायक रीता धीमान के पॉजिटिव आने के बाद सदन में मौजूद अन्य माननीयों से लेकर मीडियाकर्मी और अधिकारियों पर भी कोरोना का खतरा मंडरा रहा है.

ये भी पढ़ें: शर्मनाक हैं कंगना के प्रति संजय राऊत के शब्द, अभिनेत्री व परिवार को अभी मनाली में रहने की सलाह : शांता कुमार

शिमला: बीमारी से सावधानी भली और दुर्घटना से देर भली. ये ज्ञान आपने कई जगह पढ़ा और सुना होगा. कोरोना संकट काल में ये शब्द और भी सटीक साबित होते हैं. हिमाचल सरकार भी कोरोना संक्रमण से बचने के लिए सावधानी बरतने का ज्ञान प्रदेश की जनता को बांट रही है लेकिन सावधानी बरतने के इस ज्ञान से सरकार शायद खुद अछूती रह गई.

सरकार सवालों में क्यों है वो आपको बाद में बताते हैं, पहले सवाल उठने की वजह बताते हैं. दरअसल सोमवार को हिमाचल विधानसभा के मॉनसून सत्र का पहला दिन था और पहले दिन की कार्यवाही खत्म होते-होते इंदौरा से विधायक रीता धीमान कोरोना पॉजिटिव पाई गई. कहा जा रहा है कि रीता धीमान को बुखार था, दोपहर को कोरोना की जांच के लिए उनका सैंपल लिया गया जिसकी रिपोर्ट शाम होते-होते पॉजिटिव आ गई.

अब सरकार की गलती

दरअसल सरकार ने मॉनसून सत्र बुलाने का ऐलान तो कई दिन पहले कर लिया था. लेकिन सदन में हिस्सा लेने वाले विधायकों का कोरोना टेस्ट करवाना भूल गई. वैसे ये लापरवाही तब है जब सरकार के दो मंत्री सुखराम चौधरी और महेंद्र सिंह ठाकुर कोरोना पॉजिटिव आ चुके हैं. मुख्यमंत्री से लेकर मंत्री और विधायकों के स्टाफ से लेकर परिवार के सदस्य और कई अधिकारी भी कोरोना पॉजिटिव पाए गए हैं.

वैसे तो देश में जिस भी प्रदेश सरकार ने कोरोना काल में विधानसभा सत्र बुलाया है वहां सत्र में हिस्सा लेने वाले हर शख्स को कोरोना रिपोर्ट नेगेटिव आने के बाद ही विधानसभा में एंट्री मिली. ज्यादा दूर जाने की जरूरत नहीं है. हिमाचल के पड़ोसी पंजाब और हरियाणा ने भी विधानसभा का मॉनसून सत्र बुलाया. पंजाब ने तो सिर्फ एक दिन का सत्र बुलाया था लेकिन सत्र से पहले हर माननीय का कोरोना टेस्ट हुआ और नतीजा ये रहा कि करीब 30 विधायक कोरोना पॉजिटिव होने के कारण सत्र में हिस्सा नहीं ले पाए. उधर हरियाणा में मॉनसून सत्र से पहले मुख्यमंत्री मनोहर लाल और विधानसभा स्पीकर ज्ञानचंद गुप्ता कोरोना पॉजिटिव पाए गए. नतीजा ये रहा कि विधानसभा सत्र बिना मुख्यमंत्री और स्पीकर के चला. ध्यान रहे हरियाणा में तो बीजेपी की ही सरकार है.

सवाल है कि आखिर हिमाचल सरकार ने विधानसभा सत्र से पहले ये एहतियात क्यों नहीं बरती. मॉनसून सत्र में हिस्सा लेने वाले माननीयों का कोरोना टेस्ट क्यों नहीं करवाया गया. जबकि सत्र के दौरान मौजूद रहने वाले स्टाफ और सत्र के दौरान सुरक्षा में तैनात पुलिसकर्मियों का बकायदा कोरोना टेस्ट हुआ. सरकार कोरोना के खिलाफ जंग में संजीदगी दिखाने के साथ बड़े-बड़े दावे करती है लेकिन सरकार की ये लापरवाही उसे महंगी पड़ सकती है. सत्र में हिस्सा लेने वाली विधायक रीता धीमान के पॉजिटिव आने के बाद सदन में मौजूद अन्य माननीयों से लेकर मीडियाकर्मी और अधिकारियों पर भी कोरोना का खतरा मंडरा रहा है.

ये भी पढ़ें: शर्मनाक हैं कंगना के प्रति संजय राऊत के शब्द, अभिनेत्री व परिवार को अभी मनाली में रहने की सलाह : शांता कुमार

Last Updated : Sep 7, 2020, 9:23 PM IST
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