शिमला: सीएम रिलीफ फंड की बंदरबांट पर लगभग हर सरकार में सवाल उठ रहे हैं. जहां पिछली सरकारों में इस फंड की बंदरबांट हुई है और ज्यादातर पैसा मुख्यमंत्री वीरभद्र सिंह और मुकेश अग्निहोत्री के चुनाव क्षेत्रों में दिया गया था. इससे मुख्यमंत्री आपदा राहत कोष खाली हो गया था.
अब इस सरकार पर सीएम रिलीफ फंड की बंदरबांट पर सवाल खड़े हो गए हैं. जब भाजपा प्रदेश अध्यक्ष से यह सवाल पूछा गया तो उन्होंने मामले की जानकारी से अनभिज्ञता जताई और कहा कि जयराम सरकार पर इस प्रकार के आरोप पहले भी लगते रहे हैं, लेकिन कई बार जांच में आरोप निराधार पाए गए. इस बार भी ऐसा ही होगा.
करीब एक करोड़ की राशि अपात्र लोगों को दी गई
दरअसल कांगड़ा के सुलह विधानसभा क्षेत्र की में सीएम रिलीफ फंड के लाभार्थियों की करीब एक करोड़ की राशि अपात्र लोगों को दी गई. मिली जानकारी के अनुसार पिछले डेढ़ साल में सीएम रिलीफ फंड से 1 करोड़ रुपए की राशि बांटी गई और वह भी ऐसे लोगों को जो किसके पात्र नहीं थे. यह पैसा पंचायत प्रधानों कारोबारियों रिटायर्ड कर्मचारियों पूर्व फौजियों दुकानदारों और बीजेपी पदाधिकारियों को दिया गया.
फंड का मिस यूज किया गया
पालमपुर जिला बीजेपी अध्यक्ष और पेशे से ठेकेदार व्यक्ति को भी ₹20000 दिए गए हैं. मीडिया रिपोर्टस के अनुसार सीएम रिलीफ फंड से ऐसे लोगों को भी मदद की गई जो कारोबारी हैं और आयकर देते हैं. ऐसे में फंड का मिस यूज किया गया है. आमतौर पर यह राशि बैंक खातों में सीधे ट्रांसफर की जाती है. मगर यहां अजय पालमपुर और एसडीएम धीरा के दफ्तर से इन लोगों के नाम सीधे चेक बांटे गए हैं.